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Posts tagged "Hindi Essay" (Page 158)
पुस्तकालय के लाभ Pustkalaya ke Labh पुस्तकालय यानि सरस्वती माता का अध्ययन मंदिर। यहाँ पर आराधना करके आराधक वीणापाणि सरस्वती माँ का प्रत्यक्ष दर्शन करते हैं। माँ के आर्शीवाद से अज्ञानता रूपी अंधकार दूर होता है। हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि पस्तकालय व्यक्ति को महान् बनाने का एक उत्तम साधन है। विद्यालयों में छात्र को जो ज्ञान दिया जाता है, उसका विकास पुस्तकालयों के माध्यम से ही...
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November 14, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
हड़ताल की समस्याएँ और समाधान Hadtal ki Samasya aur Samadhan जनसंख्या, वह भी बढ़ती हुई जनसंख्या किसी भी राष्ट्र के लिए एक भयावह समस्या है। भारत ही नहीं समस्त विश्व इसकी पीड़ा सह रहा है। स्वाधीनता प्राप्त भारत की हाल ही में की गई जनसंख्या के आंकड़ों से पता चला है कि वह अरबों को पार कर चुका है। सरकार देश की समृद्धि के लिए किए गए श्रेष्ठ कार्यों में...
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November 14, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जनसंख्या : समस्या और समाधान Jansankhya Samasya aur Samadhan जनसंख्या, वह भी बढ़ती हुई जनसंख्या किसी भी राष्ट्र के लिए एक भयावह समस्या है। भारत ही नहीं समस्त विश्व इसकी पीड़ा सह रहा है। स्वाधीनता प्राप्त भारत की हाल ही में की गई जनसंख्या के आंकड़ों से पता चला है कि वह अरबों को पार कर चुका है। सरकार देश की समृद्धि के लिए किए गए श्रेष्ठ कार्यों में भी...
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November 14, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
पत्रकारिता Patrakarita अगर हम कहें कि पत्रकारिता ने ही मानव को मानव बनाया है तो इसमें कोई गलत नहीं होगा। पत्रकारिता के ही माध्यम से हम जान सकते हैं कि हमारे आस-पास क्या घटित हो रहा है, पत्रकारिता के विभिन्न रूप हैं जो हमें कई तरह से एक-दूसरे से जोड़े रखते हैं। वे हमें केवल देश से ही नहीं बल्कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहुँचा देते हैं। पत्रकारिता ही आम मानव...
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November 14, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
क्षेत्रवाद – समस्या एवं समाधान Kshetravad Samasya evm Samadhan अन्य विकासशील देशों की तरह भारत भी क्षेत्रवाद की समस्या से ग्रसित है। क्षेत्रियतावाद से तात्पर्य है किसी देश के उन छोटे-छोटे क्षेत्रों से, जो आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक आदि कारणों से अपना पृथक अस्तित्व बनाए रखना चाहते हैं। इसके अंतर्गत संबंधित क्षेत्र-विशेष के लोग अपने लिए और अधिक अधिकारों की माँग सदैव करते हैं। क्षेत्रवाद का अर्थ यह भी होता...
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November 14, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जातिवाद : समस्या एवं समाधान Jativad Samasya evm Samadhan यह एक ऐसी समस्या है जिसे मानव ने अपने लिए स्वयं बनाई है, किसी के लिए यह लाभप्रद रही तो किसी के लिए नुकसानदायक। भगवान बुद्ध ने तो जातिवाद के लिए कहा है कि – मनुष्य जन्म से नहीं वरन अपने कर्म से ब्राह्मण या शूद्र होता है। भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद्भगवद् गीता में कहा है कि मनुष्य को चार...
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November 14, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
बेरोजगारी समस्या और समाधान Berojgari Samasya aur Samadhan एक विकासशील देश के पास कई सारी समस्याएँ होती हैं, उसी तरह हमारे आधुनिक भारत के पास भी अनेक समस्याएँ हैं जिनमें बेरोजगारी एक प्रमुख समस्या बेरोजगारी का अर्थ है बिना रोजगार के किसी का होना, फिर चाहे वह युवा हो या युवती, बूढ़ा हो या जवान, स्त्री हो या पुरुष। राष्ट्र निर्माण में युवकों की अहम् भूमिका है और यदि युवा...
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November 14, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भ्रष्टाचार कारण और निवारण Bhrashtachar Karan aur Nivaran भ्रष्टाचार नाम का दानव केवल भारत में नहीं अपितु संपूर्ण विश्व पर राज कर रहा है। यह अलग बात है कि कहीं इसका विरोध खुलकर होता है तो कहीं नहीं। आइए सबसे पहले हम देखें आखिर यह भ्रष्टाचार होता है क्या। किसी व्यक्ति द्वारा अन्य किसी व्यक्ति को उसके पदका लाभ उठाते हुए बदले में दिया जाने वाला मूल्य ही भ्रष्टाचार कहलाता है।...
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November 14, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment