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Posts tagged "Hindi Essay" (Page 156)
भारतीय संस्कृति Bharatiya Sanskriti निबंध # 01 विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों की अगर हम बात करें तो भारत का पहला स्थान आता है। भारत संसार का एक प्राचीनतम विशाल देश है। इस भाँति इसको संस्कृति भी उदार, प्राचीन और गौरवशालिनी है। संस्कृति का संबंध मानवों की आत्मा और मन से होता है किन्तु सभ्यता का संबंध उसकी बाहरी वेश-भूषा, खानपान और उठने-बैठने से होता है। भारत संसार का महान् देश है।...
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November 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारतीय गाँव Bharatiya Gaon हमारे भारत को गाँवों का देश भी कहा जाता है। भारत की 85 प्रतिशत जनता गावों में रहती है, अतः अगर हम कहें की भारत की आत्मा, भरत के गाँवों में ही रहती है तो कोई गलत नहीं होगा। गाँव भारतीय जीवन के दर्पण भी माने जाते हैं। गाँव ही भारत की संस्कृति व सभ्यता के प्रतीक हैं। भारतीय गाँव प्रकृति की अनुपम भेटों में से...
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November 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
फूल की आत्मकथा Phool ki Atmakatha मैं गुलाब हूँ। लोग मुझे पुष्पराज भी कहते हैं। क्यों कि मैं हर किस्म के फूलों से भिन्न और अधिक खुशबूदार हूँ। मैं यह गर्व से कह सकता हूँ कि मेरा जीवन भारतीय दर्शन और चिंतन के अनुरुप है। क्योंकि भारतीय दर्शन कहता है कि मनुष्य का जीवन कठिनाइयों के बीच से होता हुआ गुजरता है। मैं भी तो कांटों से बीच ही जन्म लेता...
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November 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
रुपये की आत्मकथा Rupye ki Atmakatha मैं रुपया हैं। मुझे सभी लोग प्यार करते हैं। मुझे पाने के लिए लोग सदैव सब कुछ करने तैयार रहते हैं। मेरा आकर्षण ही कुछ ऐसा कि लोग कुछ भी कर गुजरें। मैं अगर चाहूँ तो राजा को रंक और रंक को राजा बना सकता हैं। हर जगह सिर्फ मेरा ही बोल-बाला है। आइए, मैं आज आपको अपनी कथा सुनाता हूँ। मेरा जन्म धरती...
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November 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सड़क की आत्मकथा Sadak Ki Atmakatha मैं सड़क हूँ, मेरे कई रूप आप सब को देखने को मिल सकते हैं। कहीं मैं अपने विशाल रूप में हूं तो कहीं अपने छोटे रूप में। चाहे कोई भी हो, सभी मेरा प्रयोग करते हैं। मैं कभी अपने आप को प्रयोग करने वाले से यह नहीं पूछती कि क्या वह हिन्दू है, या फिर मुसलमान, सिख है या फिर ईसाई। मैं अपने कर्म को...
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November 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
रोटी की आत्मकथा Roti Ki Atmakatha निबंध नंबर :- 01 मैं रोटी हूँ। देखने व सुनने में ही मैं कितनी सुन्दर लगती हूँ। प्रायः मुझे पाने के लिए हर कोई उत्सुक होता है। चाहे कोई कितना भी धनवान, बलवान, शौर्य वीर ही क्यों न हो, पर मेरे सेवन बिना कोई नहीं रह सकता। मानव या फिर कोई भी जीव ही क्यों न हो, पेट भरने के लिए मेरा प्रयोग ही करता...
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November 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
गंगा की आत्मकथा Ganga Ki Atmakatha मेरा नाम गंगा है। मैं ही हूँ पतित पावन गंगा। मेरी शोभा बढ़ाने मेरे किनारों पर कई तीर्थ स्थान बने हैं। मैं ही जन जन को पावन करती हूँ। वेदों के अनुसार मैं देवताओं की नदी हूँ। मैं पहले स्वर्ग में बहा करती थी, मेरा नाम अमृत था। एक दिन मेरे भक्त ने मेरी कड़ी तपस्या कर मुझे भू लोक पर आने को विवश...
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November 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
क्रिसमस – एकता का त्यौहार Christmas – Ekta Ka Tyohar भारतवर्ष एक बड़ा विशाल देश है। इस देश में अनेक जातियों एवं धर्मों के लोग निवास करते हैं। धर्मों के अनुसार यहाँ पर्व एवं त्यौहार मनाए जाते हैं। क्रिसमस ईसाइयों का त्यौहार है। क्रिसमस को बड़ा दिन भी कहते हैं। ईसाई धर्म का मार्गदर्शन महात्मा ईसा मसीह ने किया था। महात्मा ईसा का जन्म 25 दिसंबर को येरुशलम के पास...
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November 14, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment