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Hindi Essay on “Nari aur Rajniti” , ”नारी और राजनीति” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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नारी और राजनीति Nari aur Rajniti राजनीति को शायद किसी भी युग में कोई अच्छी बात नहीं माना गया। फिर भी सृष्टि विकास के आरम्भ से ही मनुष्य राजनीति करने, राजनीतिक कार्यों में भाग लेने को विवश कर रहा है। सृष्टि की आरम्भिक अवस्था में जब पेडों से नीचे उतर गुफाओं से बाहर निकल, छोटी-छोटी झोपड़पट्टियां बनाकर मनुष्य जाति ने रहना आरम्भ किया था, तभी से उसके जीवन में राजनीति का...
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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Nari aur Fashion”, ”नारी और फैशन” Complete Hindi Anuched for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes

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नारी और फैशन Nari aur Fashion नारी जीवन और समाज का परम विशिष्ट आधा अंग है। सच तो यह है कि नारा-विहीन जीवन और समाज की कतई कल्पना ही नहीं की जा सकती। वह जननी है, माँ है, सभी पुरुष, घर परिवार और संसार के अस्तित्व का कारण है। संसार में जो ना हुआ या हो रहा है. उस की पष्ठभमि में प्रेरणा के रूप में नारी जीवन विद्यमान है। प्रत्येक...
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Hindi Essay on “Kamkaji Mahilao ki Samasyaye ” , ”कामकाजी महिलाओं की समस्याएँ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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कामकाजी महिलाओं की समस्याएँ Kamkaji Mahilao ki Samasyaye  सामान्यतया-विशेषकर भारत में महिलाओं का स्थान कुछ वर्षों पहले तक घर-परिवार की सीमाओं तक ही सीमित समझा जाता रहा है। प्राचीन भारत में नारी के पूर्ण स्वतंत्र, सभी प्रकार के दबाओं से पूर्ण मुक्त रहने के विवरण अवश्य मिलते हैं। यह विवरण भी मिलता है कि जब वे अपनी पारिवारिक स्थिति के अनुसार हर प्रकार की शिक्षा भी क्योंकि तब शिक्षा प्रणाली आश्रम...
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Hindi Essay on “Adhunik Bharatiya Nari ke Kartvya aur Adarsh ” , ”आधुनिक भारतीय नारी के कर्त्तव्य और आदर्श” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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आधुनिक भारतीय नारी के कर्त्तव्य और आदर्श Adhunik Bharatiya Nari ke Kartvya aur Adarsh  नारी व्यापक जीवन और समाज का आधा अंग कहा जाता है। स्वतंत्रता प्राप्ति से पहले तक परिस्थितिवश उसके जीवन व्यवहारों पर अनेक प्रकार के प्रतिबन्ध लगे हए थे। उसकी तनिक-सी भी चेष्टा को उड़ने का प्रयास मान कर संदेह की नजर से देखा जाता था। उसे प्रायः शिक्षा भी नहीं दी जाती थी। यदि दी भी जाती,...
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Hindi Essay on “Niraksharta ke Dushparinam” , ”निरक्षरता के दुष्परिणाम” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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निरक्षरता के दुष्परिणाम Niraksharta ke Dushparinam   निरक्षरता, अर्थात अक्षर तक का ज्ञान न होना, काला अक्षर भैंस बराबर होना या समझना। आज के ज्ञान-विज्ञान की चरम उन्नति वाले युग में भी किसी देश में शिक्षा का अभाव या निरक्षरता की स्थिति रहना वास्तव में बड़ी ही लज्जाजनक बात है। यों स्वतंत्र होने के बाद भारत में शिक्षा और साक्षरता का काफी प्रचार-प्रसार हुआ है, पर फिर भी संसार के विकसित...
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Hindi Essay on “Saksharta Abhiyan” , ”साक्षरता अभियान” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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साक्षरता अभियान Saksharta Abhiyan   साक्षरता अभियान अनपढ-अशिक्षित भारत में शिक्षा-प्रचार का एक प्रयास कहा जा सकता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद यद्यपि भारत में शिक्षा का प्रचार और विकास काफी हुआ है। शिक्षालयों के बढ़ने के साथ-साथ पढ़-लिख सकने में समर्थ लोगों की संख्या भी काफी बढ़ी है। फिर भी जनसंख्या के अनुपात से अभी तक भारत में शिक्षितों की तो क्या, मात्र साक्षरों अर्थात् अक्षर-ज्ञान रखने वालों की संख्या...
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Hindi Essay on “Shiksha aur Bekari” , ”शिक्षा और बेकारी” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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शिक्षा और बेकारी Shiksha aur Bekari   शिक्षा का मूल उद्देश्य आवश्यक तौर पर किसी पढ़े-लिखे व्यक्ति के लिए रोजगार व्यवस्था करना, या बेकारी की मार को दूर भगा कर लोगों को उस से मुक्त कराना कतई नहीं है फिर भी किसी-न-किसी रूप में वह आरम्भ से ही रोजगार जुटाने और बेकारी दूर करने का साधन मानी जाती रही है, ऐसा कहने और मानने में कतई सन्देह की गुंजाईश नहीं। आरम्भ...
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Hindi Essay on “Bharat ki Vartman Pramukh Samasya” , ”भारत की वर्तमान प्रमुख समस्याएँ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

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भारत की वर्तमान प्रमुख समस्याएँ Bharat ki Vartman Pramukh Samasya  एक राष्ट्र को सबल बनने के लिए दूसरे राष्ट्रों से संघर्ष करना पड़ता है। इसके विकास के लिए अनेक समस्याएँ आती हैं। 15 अगस्त, 1947 ई० को जब शिशु (स्वतंत्र भारत) ने जन्म लिया, तभी से अनेक समस्याओं रूपी रोगों ने इसे घेर लिया। इनके समाधान के लिए भारतीय कर्णधारों ने पंचवर्षीय योजनाएँ बनायीं जिन में सात पंचवर्षीय योजनाएँ पूर्ण हो...
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