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Posts tagged "हिंदी निबंध" (Page 7)
भ्रष्टाचार की समस्या Bhrashtachar ki Samasya स्वतंत्र भारत में यदि किसी दिशा में अच्छी प्रगति हुई है तो वह भ्रष्टाचार की दिशा में है। कोई भी क्षेत्र भ्रष्टाचार से अछूता नहीं बचा है। किसी समय कहा जाता था कि शिक्षा का क्षेत्र ही ऐसा क्षेत्र है, जहाँ भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं, पर आज शिक्षा का क्षेत्र ही सर्वाधिक भ्रष्टाचार का अखाड़ा बना हुआ है। वैसे भ्रष्टाचार की जड़...
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August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मूल्य वृद्धि Mulya Vridhi मूल्यों में निरन्तर वृद्धि होते रहना भारत की एक ज्वलंत समस्या है। इसका सम्बन्ध अर्थ से जुड़ा है। किसी समय भारत में दध की नदियाँ बहती थी। इसे सोने की चिड़िया कहा जाता था। इस देश में अपार समृद्धि एवं वैभव था। पर आज जो स्थिति है उसे देखकर उपरोक्त बातों पर विश्वास ही नहीं होता। अंग्रेजों के शासन में यहाँ के स्त्रोतों का पर्याप्त दोहन...
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August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भिखारी समस्या Bhikhari Samasya विदेशी भारत को भिखारियों का देश कहते हैं। कोई भी किसी यात्री भारत में आकर भिखारियों से तंग हो जाता हैं। भिखारी इतना पीछा करते हैं कि घबराकर वे भारत न जाने की प्रतिज्ञा का बैठते हैं। भारत में प्रातःकाल उठते ही आपको दरवाजे पर भिक्षुक के दर्शन हो जाते हैं। वे अनेकों प्रकार की वेश-भूषा धारण करके, बाजा बजाकर, गाय बैलों को साथ लेकर, गाना...
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August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
साम्प्रदायिक एकता Sampradayik Ekta भारत में अनेक सम्प्रदाय साथ साथ रहते हैं। हिन्दू मुस्लिम सिख, ईसाई, पारसी, जैन बौद्ध आदि। सभी सम्प्रदाय मिल जुलकर रहते हैं। पर हिन्दू और मुस्लिम ही समय समय पर आपस में झगड़ते रहते हैं। इस टकराव को ही आज साम्प्रदायिकता का नाम दिया जा रहा है। राष्ट्रीयता और साम्प्रदायिकता परस्पर विरोधी हैं। जब तक भारत की सम्पूर्ण जनता राष्ट्रीयता की भावना से ओतप्रोत नहीं हो...
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August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
कम्प्यूटर Computer विज्ञान के नित्य नवीन बढ़ते चरणों ने मानव को एक अपूर्व शक्ति कम्प्यूटर के रूप में प्रदान की है। विज्ञान की नित्य नई उन्नति ने मानव के शरीर के भिन्न भिन्न अंगों को आराम पहुँचाया है, तो कम्प्यूटर के आविष्कार से उसके मस्तिष्क को आराम मिला है। कम्प्यूटर का शब्दार्थ संगणक है। कम्प्यूटर केवल गणना ही नहीं और भी अनेक ऐसे कार्य करता है जिनमें मस्तिष्क के उपयोग...
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August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
ग्रामीण जीवन Gramin Jeevan “अहा ग्राम्य जीवन भी क्या है? क्यों न इसे सबका मन चाहें?” कवि वर मैथिलीशरण जी गुप्त ने ग्राम की विशेषता अपनी कविता में वर्णित की है। गाँव का जीवन सादा, शहर की तड़क भड़क से भिन्न होता है। गाँव के लोग भोलेभाले, सीधे-सादे होते हैं। पर जिस समय यह कविता लिखी गई थी उस समय से देश बहुत आगे बढ़ गया है। गुप्त जी का ग्राम्य...
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August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पुस्तकालय Pustkalaya Essay No. 01 पुस्तकें ज्ञान का भण्डार होती हैं। हर प्रकार का ज्ञान आज के युग में पुस्तकों के रूप में उपलब्ध है। आज प्रायःसभी लोग ज्ञान की प्राप्ति के प्रयत्न करते रहते हैं। पुस्तकें ज्ञान भी देती है मनोरंजन भी करती हैं। पुस्तकें मनुष्य की सच्ची मित्र हैं। उनको पढ़ने से ज्ञान भी मिलता है, समय का सदुपयोग भी हो जाता है। कोई व्यक्ति कितना भी धनवान क्यों...
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August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
व्यायाम से लाभ Vyayam ke Labh जिस प्रकार किसी यंत्र को सुचारु रूप से दीर्घ काल तक चलाते के लिए उसमें चिकनाई या तेल डालने की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार इस शरीर रूपी यंत्र को दीर्घायुतक बिना किसी कठिनाई के चलाने के लिए व्यायाम रूपी तेल की आवश्यकता होती है। व्यायाम करने से पसीना आता है। यह पसीना शरीर की गंदगी को बाहर निकालता हैं। साँस तेजी से चलने...
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August 2, 2019 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
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