Hindi Essay/Paragraph/Speech on “John Stuart Mill” , ”जान स्टुअर्ट मिल” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
जान स्टुअर्ट मिल
John Stuart Mill
ब्रिटेन: प्रथम व्यक्तिवादी विचारक
जन्म : 1806 मृत्यु : 1873
बर्जुआ विचारधारा का संशोधित वैज्ञानिक तथा परिष्कृत रूप प्रदान करने का श्रेय जॉन स्टुअर्ट मिल को ही जाता है। उनका जन्म 20 मई, 1806 को इंग्लैंड के प्रख्यात इतिहासविद, अर्थशास्त्री और दार्शनिक-विचारक जेम्स मिल के यहां हुआ था। वह तर्कशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र का अध्ययन करके फ्रांस चले गए। सन् 1856 में फ्रांस से लौटकर उन्होंने अपने देश की संसद को एक पत्र लिखा, जो काफी चर्चित हुआ। मिल का विवाह सन् 1851 में टेलर नाम की महिला से हुआ। कालान्तर में उसका उनके विचारों पर काफी प्रभाव पड़ा। सन् 1865-68 तक मिल पार्लियामेंट के सदस्य रहे। इस दौरान उन्होंने महिला मताधिकार, मजदूर हित तथा व्यक्तिगत-स्वतंत्रता जैसे विषयों के समर्थन में जमकर अपने विचार प्रकट किए।
मिल को बेथम का अनुयायी तथा प्रथम व्यक्तिवादी विचारक कहा जाता है। उनके अनुसार ‘व्यक्ति में सुख की ओर झुकने की प्रवृत्ति पाई जाती है। इसलिए राज्य को चाहिए कि वह व्यक्ति के सखों में अधिकाधिक वृद्धि करे।’ ‘पूंजी’ मिल की सबसे विख्यात कृति है। ‘यूटिलिटेरियनिज्म’ (उपयोगितावाद) के अलावा उनकी प्रख्यात रचनाएं हैं- ‘प्रिंसिपल्ज ऑफ पॉलिटिकल इकॉनमी’, ‘रिप्रेजेंटेटिव गवर्नमेंट’, ‘सब्जेक्शन ऑफ वूमन’, ‘ए सिस्टम ऑफ लॉजिक’ तथा ‘ऑन लिबर्टी’। उन्होंने महिला मताधिकार जैसे कई सामाजिक और आर्थिक विषयों पर लेख लिखे।
मिल स्पर्धा के समर्थक व स्वतंत्रता के पोषक थे। वह जनसंख्या के बारे में कहते थे कि निर्धनों और बेकारों के विवाह पर कानूनी रोक लगाई जानी चाहिए। मिल अंतरराष्ट्रीय व्यापार के बड़े समर्थक थे। उन्होंने मजदूरी का सिद्धांत प्रतिपादित किया था, जो इस प्रकार है:
मजदूरी की दर = मजदूरी कोष/श्रमिक संख्या