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Hindi Essay on “Chutti ka Din”, “छुट्टी का दिन” Complete Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

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छुट्टी का दिन Chutti ka Din   छुट्टी का दिन भी क्या मज़े का दिन होता है ? दफ्तरों, कारखानों या दुकानों में काम करने वाले लोग सभी इस दिन की महिमा समझते हैं। बेचारे किसान दिहाडी करने वाले लोग, रिक्शा या टैक्सी चलाने वाले या घर के कामकाज में बंधी स्त्रियां इस दिन का महत्व जान ही नहीं पाते क्योंकि उनको कभी छुट्टी होती ही नहीं। विद्यार्थियों के लिए भी...
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Hindi Essay on “My Daily Routine”, “मेरी दिनचर्या” Complete Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

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मेरी दिनचर्या My Daily Routine   भले ही देखने में यह प्रकृति स्वतंत्र है परन्तु सारी सृष्टि एक नियम में बंधी है जैसे पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती हुई सूर्य का चक्कर लगाती है जिससे रात-दिन बनते है. ऋतएं बनती-बदलती हैं। मानव जीवन भी एक क्रम में बंधकर चलता है और विकास की कई अवस्थाओं को पाता है। सबसे पहले बचपन आता है फिर लहलहाता यौवन तथा फिर शक्तिहीन बुढ़ापा तथा...
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Hindi Essay on “Aadharsh Nagrik”, “आदर्श नागरिक” Complete Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

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आदर्श नागरिक Aadharsh Nagrik    साधारण भाषा में किसी देश में रहने वाले व्यक्ति को नागरिक कहते हैं। सीमित शब्दों में नगर में रहने वाले व्यक्ति को नागरिक और गांव में रहने वाले को ग्रामीण कहते हैं। परन्तु आज गांव या शहर में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति देश का नागरिक है। आदर्श-नागरिक राष्ट्र की शान होता है। आदर्श नागरिक वह है जो पढ़ा लिखा, योग्य, परिश्रमी, उत्साही और निस्वार्थी हो। देश...
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Hindi Essay on “Mere Padosi”, “मेरा पड़ोसी” Complete Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

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मेरा पड़ोसी Mere Padosi   मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज में रह कर ही वह अपने व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास कर सकता है। उसके सम्पूर्ण विकास में उसके वातावरण का बड़ा महत्व होता है। देखना यह है कि जहां वह रह रहा है वहां उसे कौन-कौन सी सुख सुविधाएँ मिल रही हैं ? उसने जैसा जीवन जीने की कामना की है-वह पूरी हो रही है ? संसार में हर प्राणी...
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Hindi Essay on “Cinema ka Samaj par Prabhav”, “सिनेमा का समाज पर प्रभाव” Complete Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

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सिनेमा का समाज पर प्रभाव Cinema ka Samaj par Prabhav   सिनेमा विज्ञान की देन है। कैमरे और बिजली के आविष्कार ने इसके जन्म में सहायता दी। 1860 के लगभग इस दिशा में प्रयत्न आरम्भ हो गए थे। सर्वप्रथम मूक चलचित्र आरम्भ हुए। छोटी-छोटी फिल्में होती थी जिन में संवाद नहीं होते थे, लिखे हुए टाइटल होते थे। 1917 में पहली बोलने वाली फिल्म बनी। अभी भी इस क्षेत्र में नए-नए...
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Hindi Essay on “Samachar Patra aur Unka Prabhav”, “समाचार पत्र और उनका प्रभाव” Complete Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

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समाचार पत्र और उनका प्रभाव Samachar Patra aur Unka Prabhav विज्ञान ने आज मनुष्य के जीवन को बहुत बदल दिया है। छापे-खाने का आविष्कार होने पर समाचारपत्र आरम्भ हुए। सर्वप्रथम चीन में ‘पीकिंग गज़ट’ नामक पत्र छपना आरम्भ हुआ था। आज तो ‘पैस’ अर्थात् समाचारपत्र को अत्यन्त शक्तिशाली साधन माना जाता है। जिस दिल या विचारधारा वाले लोगों के हाथ में चारपत्र होते हैं वे सारी जनता को अपना अनुयायी बना...
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Hindi Essay on “Television Shiksha me Sahayak ya Badhak”, “टेलीविज़न -शिक्षा में सहायक या बाधक” Complete Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

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टेलीविज़न –शिक्षा में सहायक या बाधक Television Shiksha me Sahayak ya Badhak   आधुनिक युग विज्ञान का युग है। इस युग में टेलीविज़न (टी.वी.) विज्ञान की एक महत्वपूर्ण देन है। यह चल-चित्र का लघु-रूप है। दूरदर्शन द्वारा दूर-पास की घटनाओं का सीधा अवलोकन कर सकते हैं। दूरदर्शन में सिनेमा और रेडियो दोनों के गुण पाए जाते हैं। रेडियो की अपेक्षा दूरदर्शन मनोरंजन का सरल साधन है। रेडियो का सम्बन्ध केवल ध्वनि...
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Hindi Essay on “Television aur Uski Upyogita”, “टेलीविज़न और उसकी उपयोगिता” Complete Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

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टेलीविज़न और उसकी उपयोगिता Television aur Uski Upyogita Essay No. 01  जान-विज्ञान के हर क्षेत्र में प्रगति कर रहे वैज्ञानिकों ने अनेक अदभत सफलताएँ प्राप्त की हैं। टैलीविज़न भी ऐसी ही एक उपलब्धि है। टैली का अर्थ है दर और विजन का अर्थ है दृष्टि अर्थात् ऐसा उपकरण जिसके द्वारा दर घटने वाली घटनाएँ भी देखी जा सकें। हिन्दी में इसका दूरदर्शन’ नाम अत्यन्त उपयुक्त है। स्काटलैंड के एक वैज्ञानिक ने...
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