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Archive by category "Languages" (Page 159)
महंगाई Mehangai महंगाई की तासीर यह है कि पॉकेट में पैसों का बोझ बढ़ता जाता है और थैले में सामान घटता जाता है। महंगाई बढ़ते-बढ़ते एक ऐसी स्थिति आ जाती है कि थैलों में रुपया भरकर जाया जाता है और जब में सामान लाया जाता है। अर्थशास्त्र की भाषा में जब क्रेता की क्रय-शक्ति घट जाए, तो इसे ही महंगाई कहते हैं। महंगई में सामान तो बाजार में मिलते हैं, लेकिन...
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May 11, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अनुशासन Anishasan शासन के आगे ‘अनु’ उपसर्ग लगने से अनुशासन शब्द बना है। अनु शब्द का अर्थ है-पीछे। इस प्रकार अनुशासन का शाब्दिक अर्थ हुआ शासन के पीछे-पीछे चलना। यहां शासन का मतलब शासकीय मान्यताओं का पालन ही अनुशासन है। परिवार में पुत्र-पिता के अनुशासन में न रहे। पुत्री माता के अनुशासन में न रहे, तो वह परिवार अव्यवस्थित हो जाए। उसी प्रकार सरकारी कार्यालयों में अगर कर्मचारी/ अधिकारी के...
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May 11, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अंतर्राष्ट्रीय बाल-वर्ष International Year of the Child ‘अंतर्राष्ट्रीय बाल-वर्ष’ एक वैश्विक आयोजन निया को यह अनुभव हुआ कि बच्चे ही किसी देश के भविष्य हैं। बच्चे तरह-तरह की समस्याओं से जकड़ कर या तो असमय काल कवितत हो जाते हैं या विकलांग हो जाते हैं या कुपोषण के शिकार होने से स्वस्थ, सुंदर, सुजैल नागरिक नहीं हो पाते हैं। बच्चों की अधिकांश समस्याएं स्वास्थय से संबंधित है। शेष समस्याएं शिक्षा-दीक्षा से...
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May 11, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विद्यार्थी जीवन में खेलों का महत्त्व Vidyarthi Jeevan mein Khelo ka Mahatva धर्म की साधना करने का प्रमुख माध्यम स्वस्थ शरीर है। प्रकृति ने मानव शरीर के रूप में एक अमूल्य रचना हमारे हाथों में सौंपी है। विज्ञान अपनी असंख्य आश्चर्यजनक उपलब्धियों के बावजूद मानव शरीर रूपी यंत्र की रचना नहीं कर सकता है। इस मशीन को स्वस्थ बनाए रखना हमारा कर्तव्य है। समाज, देश और प्रकृति उस परमात्मा के प्रति...
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May 11, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
आदर्श नागरिक के कर्तव्य Adarsh Nagrik ke Kartvya निबंध नंबर :-01 राष्ट्र के प्रति नागरिकों के क्या कर्तव्य है तथा एक आदर्श नागरिक के क्या कर्तव्य है? नागरिक और नागरिकता को स्पष्ट रूप से समझने के लिए यह जानना आवश्यक है कि ‘नागरिकता’ नागरिक के संपूर्ण प्राकृतिक, सामाजिक कर्तव्यों एवं अधिकारों का वह पुण्य पुंज है, जिसका सौरभ व्यक्ति को समाज और राष्ट्र की भावी उन्नति में संलग्न रहने की प्रेरणा...
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May 11, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
धर्म और राजनीति Dharam aur Rajniti ‘धर्म और राजनीति’ का संबंध त्रेता और द्वापर युगों में भी एक-दूसरे के संबद्ध रहा है। त्रेता में रामावतार और द्वापर के कृष्णावतार दोनों ही धर्म की ध्वजा थामे हुए थे और राजनीति से अनभिज्ञ या अछूते भी नहीं थे। रावण पर राम की विजय में धर्म और राजनीति दोनों की बातें अपने मर्यादित स्वरूप दिखाती हैं। वैसे ही महाभारत के सूत्राधार श्रीकृष्ण का...
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May 11, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विज्ञान के चमत्कार Vigyan ke Chamatkar वस्तु का स्फुरण रूप विज्ञान है। सामान्य बोलचाल में किसी वस्तु के विशेष ज्ञान को विज्ञान कहते हैं। यह विज्ञान मानव का हितकारी है। सामान्य मानव की कौन कहे। अंधे, लंगड़े, बहरे, आदि भी विज्ञान से उपकृत हैं। विज्ञान के सहारे आंखें का प्रत्यारोपण कर अंधे दृष्टि पा सकते हैं। कृत्रिम पांव के सहारे लंगड़े गतिमान हो सकते हैं। बहरे कान में यंत्र लगाकर सुनने...
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May 11, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
आरक्षण Aarakshan ‘आरक्षण’ का अर्थ होता है-चारों तरफ से रक्षा का प्रयास करना। भारतीय नेताओं की मानसिकता यह थी कि समाज के दबे, कुचले, दलित, पिछड़े लोगों को भी अवसर दिया जाए। उस समय यह भावना थी कि कुछ प्रतिशत लोग अयोग्य भी हैं, तो योग्य का पद उन्हें भी दिया जाए। अगर ऐसा नहीं होगा, ते वे सदा पिछड़े के पिछड़े रह जाएंगे और विकास के लाभ से सदा वंचित...
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May 11, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment