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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 4)
जानलेवा महँगाई (Jaanleva Mehangai) महँगाई मूल्यों में निरंतर वृद्धि, उत्पादन की कमी और माँग की पूर्ति में असमर्थता की परिचायक है। जीवनयापन के लिए अनिवार्य तत्वों रोटी, कपड़ा और मकान की बढ़ती महंगाई ने जनता को पीस कर रख दिया है। महंगाई बढ़ने के अनेक कारण हैं जिसमें जनसंख्या का बढ़ना, कृषि उत्पादनों में कमी, मुद्रा प्रसार एवं स्फीति, देश में बढ़ता भ्रष्टाचार एवं ढुलमुल प्रशासन, धन का असमान वितरण तथा...
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October 21, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
नारी और नौकरी (Nari aur Naukari) आज के वैज्ञानिक युग में नारी पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही है। शिक्षा, पत्रकारिता, चिकित्सा, कानून, व्यापार, हस्तकला और यहाँ तक कि पुलिस और सेना में भी महिलाओं का अपना कार्य मुस्तैदी से करते हुए देखा जा सकता है। पुरूषों का वर्चस्व तोड़कर कामयाबी हासिल करने वाली महिलाओं को आज भी परिवार से वह सहयोग नहीं मिल रहा जो उसे...
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October 21, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
टेलीविज़न समाचार (Television Samachar) आधुनिक युग में दूरदर्शन, केबल और डिश के माध्यम से पल-पल का समाचार जनता तक पलक झपकते पहुँच जाता है। टेलीविज़न के पर्दे पर समाचार को सजीव रूप में देखा जा सकता है। आज कई खबरिया चैनल हैं जो सातों दिन, चौबीसों घंटे खबर को प्रसारित करते रहते हैं। ताज़ा घटनाक्रम को ब्रेकिंग न्यूज के माध्यम से जनता को जीवन्त ही दिखाया जाने लगा है। अब हमें...
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October 21, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
देशाटन (Deshatan) “देश गाँव शहरों कस्बों से अनुभव का ही पृष्ठ भरूँ‘ दिल में यही तमन्ना है सारी दुनिया की सैर करूँ।” देशाटन करना मानव का आदिम शौक है। मानव विकास भी इसी से हुआ है। इसका अर्थ होता है चारों ओर आनंद के लिए घूमना। वह विभिन्न स्थलों के लोगों से मिलता है, उनकी भाषा-संस्कृति, वेश-भूषा, रीति-रिवाज और जीवन शैली का परिचय प्राप्त करता है। इससे उसकी जिज्ञासा तो शांत...
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October 7, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत में सूखे की समस्या (Bharat Mein Sukhe Ki Samasya) सूखा एक मंद गति से उत्पन्न आपदा है, जो हमारे आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक क्षेत्र को कमजोर करता है। इससे विकास की प्रक्रिया उलट जाती है। यह एक विनाशकारी प्राकृतिक आपदा है जो लगातार पानी की कमी से उत्पन्न होती है। सूखा सामान्यतः जल असंतुलन, कृषि, पशुधन अथवा मानव आवश्यकताओं को बुरी तरह से प्रभावित करती है। इसके कारणों में मुख्य...
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October 7, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
हमारे देश पर पड़ता विदेशी प्रभाव (Hamare Desh Par Padta Videshi Prabhav) आज समस्त विश्व ‘वसुधैव कुटुंबकम’ बन चुका है। ऐसी स्थिति में एक दूसरे की संस्कृति का प्रभाव स्पष्ट परिलक्षित होता है। भारतीय संस्कृति की धूम विदेशों में है तो भारत पर भी विदेशी प्रभाव सर चढ़ कर बोलता दिखाई देता है। भारत की शिक्षा प्रणाली पूर्ण रूप से विदेशी शिक्षा नीति पर आधारित है, यहाँ तक कि भारतीय संविधान...
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October 7, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मेरा देश (Mera Desh) हमारा देश भारत अत्यंत महान् एवं सुंदर है। भौगोलिक रचना की दृष्टि से हमारे देश का प्राकृतिक स्वरूप अत्यंत मनमोहक है। इसमें हर प्रकार की जलवायु पाई जाती है। इसी भूमि पर ‘धरती का स्वर्ग’ कश्मीर है, जिसकी मनोरम घाटियाँ, डल झील, शालीमार का निशात बाग़ हमें स्वप्नलोक की दुनिया में ले जाते हैं। भारत की संस्कृति अत्यंत महान् है। यहाँ की सांस्कृतिक एकता विश्व भर में...
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October 7, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सड़क दुर्घटना (Sadak Durghatna) भारत के महानगरों की सबसे बड़ी समस्या है सड़क दुर्घटना। इसके पीछे कारण है दिनों-दिन वाहनों की बढ़ती संख्या। ये वाहन यातायात को सुगम और सरल तो बनाते है परंतु इन्हीं के कारण जगह-जगह सड़कों पर जाम की स्थिति भी बन जाती है जिससे यातायात बाधित होता है। आज के इस आपाधापी भरे आधुनिक समय में हर मनुष्य की एक ही आकांक्षा है कि वह दूसरों से...
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October 7, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
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