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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 323)
वर्षा ऋतु Varsha Ritu वर्षा ऋतु का संसार के हर प्रांत में अत्यन्त महत्व है। विभिन्न प्रांतों में इसके आगमन का समय भिन्न-भिन्न होता है। समय जो भी हर किसी को इसका बेसब्री से इंतजार रहता है। भारत के उत्तर एवं पूर्वी क्षेत्रों में जून के अंत में तो दक्षिणी भागों में सितम्बर के महीनों में यह अपना असर दिखाता है। भारत में वर्षा के लिए मुख्य महीने आषाढ़, सावन और...
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March 31, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दहेज प्रथा दहेज.प्रथा का उदभव कब और कहां हुआ यह कह पाना असंभव है। विश्व के विभिन्न सभ्यताओं में दहेज लेने और देने के पुख्ता प्रमाण मिलते हैं। इससे यह तो स्पष्ट होता है कि दहेज का इतिहास अत्यन्त प्राचीन है। अब हम यह जान लें कि दहेज कि वास्तविक परिभाषा क्या है दहेज के अंतर्गत वे सारे सामग्रियां अथवा रकम आते हैं जो वर पक्ष को वधू पक्ष के माध्यम...
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March 31, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
समाचार-पत्र या अखबार समाचार-पत्र का हमारे दैनिक जीवन में अत्यन्त महत्व है। विश्व का शायद ही ऐसा कोई प्रदेश हो, जहाँ के लोग समाचार पत्र का उपयोग न करते हों। सुबह होते ही लोगों को समाचार पत्र की सुध हो जाती है। इससे लोगों को विश्व की तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां कुछ ही क्षणों में प्राप्त हो जाती है। समाचार-पत्र का इतिहास अत्यन्त प्राचीन है। प्रथम ज्ञात समाचार पत्र 59 ई0 पू0...
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March 31, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
छात्र और अनुशासन Chatra aur Anushasan निबंध नंबर : 01 छात्र जीवन में अनुशासन बहुत आवश्यक है। अनुशासनयुक्त वातावरण बच्चों के विकास के लिए नितांत आवश्यक है। बच्चों में अनुशासनहीनता उन्हें आलसीए कामचोर और कमज़ोर बना देती है। वे अनुशासन में न रहने के कारण बहुत उद्दंड हो जाते हैं। इससे उनका विकास धीरे होता है। एक बच्चे के लिए यह उचित नहीं है। अनुशासन में रहकर साधारण से साधारण...
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March 31, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages5 Comments
निबंध नंबर : 01 दूरदर्शन (चैनल) Doordarshan Channel दूरदर्शन भारत का सरकारी दूरदर्शन प्रणाल(चैनल) है। यह भारत सरकार द्वारा नामित पर्षद् प्रसार भारती के अंतर्गत चलाया जाता है। दूरदर्शन के प्रसारण की शुरूआत भारत में दिल्ली सितंबर, 1959 को हुई। प्रसार-कक्ष तथा प्रेषित्रो की आधारभूत सेवाओं के लिहाज़ से यह विश्व का दूसरा सबसे विशाल प्रसारक है। हाल ही मे इसने अंकीय पार्थिव प्रेषित्रो(डिजिटल स्थलचर संचारी (Digital Terrestrial Transmitters)) सेवा शुरु...
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March 31, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जीवन में ”विज्ञान की उपयोगिता सृष्टी में जीवों के प्रादुर्भाव काल से हम अपने वर्तमान काल तक को देखें तो ”विज्ञान किसी न किसी रूप में हम से जुड़ा रहा है। हमारा जीवन ”विज्ञान के बगैर अधूरा है। हमारे विकास की एक-एक गाथा वैज्ञानिक सोच की ही देन है। इसने हमारे जीवन की कायाकल्प कर दी है। प्रारंभिक मानव वनों में रहता था और कंद-मूल व शिकार पर निर्भर था, अपितु...
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March 31, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विज्ञान से लाभ या हानि जीवों में मानव ने सर्वाधिक प्रगति की है और आज समस्त ब्रह्मांड को अपने सन्मुख नतमस्तक कराया है। प्रकृति के गूढ़तम रहस्यों को जानने में मानव ने सफलता अर्जित की है। ये सभी विज्ञान और विज्ञान में मानव की दिलचस्पी से ही संभव हो पाया है। विज्ञान की प्रगति ने मानव में नवचेतना का संचार किया है। आज मानव मुश्किल से मुश्किल और अत्यन्त खतरनाक कामों...
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March 31, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
समय का सदुपयोग जीवन में समय का महत्व स्थान होता है. बीता समय कभी लौट कर नहीं आता. अतः मनुष्य को चाहिए कि जो समय उसे मिलता है उसका सदुपयोग करे. समय ही सबसे बडा बलवान है. ‘पुरुष बली नहि होत है, समय होत बलवान’ जो व्यक्ति समय का सदुपयोग नही करता उसका जीवन नष्ट हो जाता है. मानव की उन्नति में समय सहयोग महत्वपूर्ण होता है. अपने लक्ष्य की प्राप्ती...
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March 31, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
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