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Hindi Essay on “Bhrashtachar ka Danav” , ”भ्रष्टाचार का दानव” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

भ्रष्टाचार का दानव Bhrashtachar ka Danav                 ’भ्रष्टाचार’ शब्द भ्रष्ट  आचार शब्दों के योग से बना है। ’भ्रष्ट’ का अर्थ-निकृष्ट श्रेणी की विचारधारा और ’आचार’ का अर्थ आचरण के लिए उपयेग किया गया है। इसके वशीभूत होकर मानव राष्ट्र के प्रति कर्तव्य भूलकर अनुचित रूप से अपनी जेबें गरम करता है। भ्रष्टाचार रूपी वृक्ष का रूप ही अनोखा है। इसकी जडे़ ऊपर की ओर तथा शाखाएँ नीचे की ओर बढती हैं।...
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Hindi Essay on “Media Ka Samajik Kayitva” , ”मीडिया का सामाजिक दायित्व” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

मीडिया का सामाजिक दायित्व Media Ka Samajik Kayitva                    मीडिया के दो रूप हैं -प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॅनिक मीडिया।                 प्रिंट यानी मुद्रित माध्यम आधुनिक जनसंख्या के माध्यमों में सबसे पुराना माध्यम है।                 भारत में पहला छापाखाना 1556 ई. में गोवा में खुला। मुद्रित माध्यमों के अंतर्गत अखबार, पत्रिकाएँ तथा पुस्तकें आती हैं। इस माध्यम की सबसे बडी़ विशेषता यह है कि इसमें स्थायित्व होता है। इसे आप कभी...
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Hindi Essay on “Viklangon ki Samasya tatha Samadhan” , ”विकलांगों की समस्या तथा समाधान” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

विकलांगों की समस्या तथा समाधान Viklangon ki Samasya tatha Samadhan                 भारत में 1981 का वर्ष विकलांग वर्ष के रूप में मनाया गया था। इस वर्ष को मनाने का प्रयोजन राष्ट्र तथा समाज का ध्यान ऐसे बच्चों तथा लोगो की ओर आकर्षित करना था जो शारीरिक या मानसिक दृष्ट से अपंग तथा विकलांग हों। प्रत्येक लोकप्रिय सरकार का यह दायित्व है कि विकलांगों के लिये जीविका के साधन जुटाये। जब तक...
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Hindi Essay on “Hum Khelo me Pichde kyo hein?” , ”हम खेलों में पिछडे़ क्यों हैं? ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

हम खेलों में पिछडे़ क्यों हैं?  Hum Khelo me Pichde kyo hein?                 ओलंपिक खेलों की तालिका में भारत का पदक-तालिका में स्थान बहुत नीचे होता है। इस बार अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में एक स्वर्णपदक जीतकर भारत की लाज बचा ली। एक रजत और एक कांस्य पदक लेकर ही भारत को संतोष करना पडा़। भारत जैसे विशाल देश को इतने कम पदक? अनेक छोटे-छोटे देश कई पदक बटोरने में सफल...
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Hindi Essay on “Bharat Ek Ubharti Shakti” , ”भारतः एक उभरती शक्ति” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

भारतः एक उभरती शक्ति Bharat Ek Ubharti Shakti                   इक्कीसवीं सदी में भारत विश्व में एक शक्ति के रूप में उभर रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में भारत तरक्की की नई ऊचाइयाँ छू रहा है। भारत में गर्व करने लायक बहुत कुछ है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हैरतअंगेज उपलब्धियाँ, अनिष्टकारी ताकतों से देश की सुरक्षा में लगी जाबांज फौज, कृषि में हरित क्रांति, फलता-फुलता स्वतंत्र मीडिया, मह्ान शैक्षणिक संस्थाएँ आदि।...
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Hindi Essay on “Jansankhya Samasya evm Samadhan” , ”जनसंख्या: समस्या एंव समाधान” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

जनसंख्या: समस्या एंव समाधान Jansankhya Samasya evm Samadhan                                 हमारे देश में अनेकांे जटिल समस्याएँ हैं जो देश के विकास में अवरोध उत्पन्न करती हैं। जनसंख्या वृद्धि भी देश की इन्हीं जटिल समस्याओं में से एक है। संपूर्ण विश्व में चीन के पश्चात् भारत सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। पंरतु जिस गति से हमारी जनसंख्या बढ़ रही है उसे देखते हुए वह दिन दूर नहीं जब यह चीन से भी...
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Hindi Essay on “Nayi Sarkar ki Nayi Chunotiyan” , ”नई सरकार की नई चुनौतियाँ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

नई सरकार की नई चुनौतियाँ Nayi Sarkar ki Nayi Chunotiyan                    सन् 2009 में नई सरकार का गठन हो गया है। इस सरकार के सामने अनेक नई चुनौतियाँ हैं। यद्यपि नई सरकार पुरानी सरकार की तुलना मंे अधिक स्थायी है पर वह पूरी तरह से काम करने में स्वतंत्र नहीं है। उस पर अपने सहयोगी दलों का पूरा-पूरा दवाब है।वह खुलकर अपना एजेडां लागू करने में बहुत अधिक सम्भव नहीं...
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Hindi Essay on “Shram se hi Rashtriya ka Kalyan” , ”श्रम से ही राष्ट्र का कल्याण” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

श्रम से ही राष्ट्र का कल्याण Shram se hi Rashtriya ka Kalyan                   श्रम संसार में सफलता प्रप्त करने का महत्वपूर्ण साधन है। श्रम करके हम अपने  जीवन में ऊँची-से-ऊँची आकांशा को पूरी कर सकते है। संसार कर्म क्षेत्र है अतः यहाँ कर्म करना ही हम सबका धर्म है। किसी कार्य में सफलता तभी मिलती है जब हम परिश्रम करते है।                 श्रम ही जीवन को गति प्रदान करता है।...
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