Home » Languages » Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 239)

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Mobile Phone ke Prabhav”, “मोबाइल फोन के प्रभाव” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

मोबाइल फोन के प्रभाव Mobile Phone ke Prabhav                 वर्तमान वैज्ञानिक युग में मोबाइल के प्रभाव से शायद ही कोई व्यक्ति बचा हो। आज हर व्यक्ति की जेब में या हाथ में मोबाइल फोन दिखाई पड़ता है। मोबाइल फोन हमारे जीवन की आवश्यकता बनकर रह गया हैं इसके बिना जीवन सूना-सूना प्रतीत होता है। यह विज्ञान की एक चमत्कारी देन है। इसके नित्य नए-नए रूप बाजार में दिखाई दे रहे हैं।...
Continue reading »

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Ikkisvi Sadi ka Bharat”, “इक्कीसवीं सदी का भारत” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
इक्कीसवीं सदी का भारत Ikkisvi Sadi ka Bharat निबंध नंबर : 01                  इक्कीसवीं सदी की कल्पना अत्यंत जिज्ञासापूर्ण एवं आह्लादकारी है। हम इक्कीसवीं सदी में प्रवेश कर गए हैं। नई सदी में प्रवेश की तैयारी में इतना उत्साह पहले कभी दिखाई नहीं दिया। हमारे प्रधानमंत्री ने इक्कीसवीं सदी में भारत को प्रविष्ट कराने की तैयारी बड़ी धूमधाम से की है। प्रधानमंत्री की कल्पना पर जाएँ तो मन में अत्यंत प्रसन्नता...
Continue reading »

Hindi Essay on “Nar ho, Na Nirash Karo Mann ko” , ”नर हो, न निराश करो मन को” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

नर हो, न निराश करो मन को Nar ho, Na Nirash Karo Mann ko निबंध नंबर :-01                  नर अर्थात् मनुष्य असीम शक्ति का भंडार है। वह जो कुछ मन मे ठान ले, उसे पूरा करने की ताकत उसमें है। पर, कई बार वह परिस्थितियों से संघर्ष करते-करते थक जाता है। उसमें निराशा का भाव आ जाता है और वह सोचने लगता है कि अब कभी आगे नहीं बढ़ पायेगा, किंतु...
Continue reading »

Hindi Essay on “Thotha Chana Baje Ghana” , ”थोथा चना बाजे घना” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

थोथा चना बाजे घना Thotha Chana Baje Ghana                 ’थोथा चना बाजे घना’ का आशय यह है कि जब चने में सार तत्व समाप्त हो जाता है तब बहुत बजने लगता है। यही स्थिति मनुष्य की है। जिस व्यक्ति में ज्ञान की जितनी कमी होती है    , वह उतना ही अधिक दिखावा करता है। वह ज्यादा दिखावा करके अपनी कमी को छिपाने का प्रयास करता है। जिस प्रकार कोई व्यक्ति थोड़ी...
Continue reading »

Hindi Essay on “ Samay Kisi ki Pratiksha Nahi Karta” , ”समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता Samay Kisi ki Pratiksha Nahi Karta                                 समय का पहिया सदा घुमता रहता है। उसकी गति को कोई नहीं रोक सकता। समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। मनुष्य का जीवन क्षणभंगुर है। अतः जीवन क्षण को मूल्यावन समझ कर कार्य में जुटे रहना चाहिए। मानवजीवन की सफलता का रहस्य समय रूपी रत्न के योग में ही छिपा है। जो व्यक्ति अपने अमूल्य समय का लाभ...
Continue reading »

Hindi Essay on “Vipati Kasoti je kase soi sanche meet” , ”विपति कसौटी जे कसे सोई साँचे मीत” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

विपति कसौटी जे कसे सोई साँचे मीत Vipati Kasoti je kase soi sanche meet                 मित्रता एक पवित्र वस्तु है। संसार में सब कुछ मिल सकता है, परंतु सच्चा और स्वार्थहीन मित्र मिलना अत्यंत दुर्लभ है। जिस व्यक्ति को संसार मेें मित्र-रत्न मिल गया, समझो उसने अपने जीवन में एक बहुत ही बड़ी निधि पा ली। मनुष्य जब संसा में जीवन-च्रक प्रारभ करता है तो उसे सबसे अधिक कठिनाई मित्र खोजने...
Continue reading »

Hindi Essay on “Apne liye jiye to kya jiye” , ”अपने लिए जिए तो क्या जिए” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

अपने लिए जिए तो क्या जिए Apne liye jiye to kya jiye                   निःस्वार्थ सेवा का अर्थ है- बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की सेवा करना, इसी को परोपकार कहा जाता है। ’परोपकार’ शब्द की रचना ’पर’ ़ ’उपकार’ से हुई है। ’पर’ का अर्थ है दूसरे तथा ’उपकार’ का अर्थ है भलाई। अतः ’परोपकार’ का अर्थ है – दूसरों की भलाई। परोपकार में स्वार्थ भावना नहीं होती है। दूसरों...
Continue reading »

Hindi Essay on “Sarv Shiksha Abhiyan” , ”सर्वशिक्षा अभियान” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

सर्वशिक्षा अभियान Sarv Shiksha Abhiyan                   शिक्षा के बिना कोई भी बनता नहीं सत्पात्र है।                 इसे पाने के लिए कुछ भी प्रयास करना मात्र है।।                 सबसे पहला कर्तव्य है, शिक्षा बढ़ाना देश में।                 शिक्षा के बिना ही हैं हम सभी क्लेश मंे।                 मनुष्य सुख-शांति के लिए जन्म से ही प्रयास करता रहता है। शिक्षा के द्वारा उसे मानसिक शक्ति प्राप्त होती रही है। समाज का शिष्ट...
Continue reading »