Aag se jalta hua ek ghar “आग से जलता हुआ एक घर” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 8, 9, 10, 12 and Graduation and other classes.
आग से जलता हुआ एक घर
जून महीने की रात थी। मैं अपने घर की छत पर सो रहा था। अचानक ज़ोर से शोर सुन कर मैं जाग पड़ा। मैं सीढ़ियों से नीचे उतरा और गली में चला गया। मैंने कई लोगों को भागते हुए देखा।
मैंने एक आदमी को रोका। उसने मुझे बताया कि पास के एक घर में बड़ी जबरदस्त आग लग गई है। मैं भी उसके साथ भागा और देखा घर में आ लगी हुई थी।
यह बहुत भयानक आग थी। सारा घर धुँए से भरा हुआ था। जल्द ही आग की लपटें ऊँची उठती नज़र आईं। बहुत से लोग आग पर पानी की बाल्टियाँ फेंकने में व्यस्त थे। तेज़ हवा से आग और फैल रही थी।
घर में रहने वाले बाहर आ गए थे। औरतें ज़ोर से रो रही थी और बच्चे भी रो रहे थे। किसी ने अग्निशमन कार्यालय में फोन कर दिया था। औरतों और बच्चों की चीखें दिल दहला देने वाली थीं। हर कोई उनकी चीखें सुन कर पसीज रहा था। एक बच्चा आग में फंस गया। था। किसी में भी अन्दर जाने और बच्चे को बचाने की हिम्मत नहीं हो रही थी। हर कोई उस के जीवन के लिए परेशान था।
अग्निशामन दल की घण्टियाँ सारे इलाके में गूँजने लग पड़ीं। जल्दी ही आग बुझाने वालों ने घर को हर तरफ से घेर लिया। उनमें से एक जलते घर में घुस गया उसके पीछे पानी का बड़ा पाईप लिए दूसरा भी पानी डालता चला गया। सबसे पहले बच्चे को घर से बाहर निकाला गया। अग्निशमन वालों ने घर के ऊपर बनी पानी की टंकी को तोड़ दिया। पानी ऊपर से नीचे बहने लगा जिसने भी आग बुझाने में बड़ी सहायता की। सारे कार्य को मात्र आधा घण्टा लगा। जल्दी ही आग पूरी तरह बुझा दी गई। ईश्वर का धन्यवाद है कि जीवन का कोई नुक्सान नहीं हुआ। सम्पदा का नुक्सान अस्सी हजार के करीब हुआ था। आग लगने का कारण पता नहीं चला।