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Matdan Kendra ka Drishya “मतदान केन्द्र का दृश्य” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 8, 9, 10, 12 and Graduation and other classes.

मतदान केन्द्र का दृश्य

Matdan Kendra ka Drishya

भारत में आम चुनाव हर पाँच वर्ष होते हैं। पिछले आम चुनाव कुछ वर्षों थे। यह समय उम्मीदवारों और आम जनता के लिए संशय और पहले हुए आशाओं का होता है। विद्यायक और सांसद बहुमत द्वारा चुने जाते हैं। हर कोई परिणामों का इंतजार करता है। लोग अनुमान लगाते हैं कि कौन-सी पार्टी या पार्टियाँ, राजधानी और दूसरे प्रदेशों में सरकार बनाएगीं।

महत्त्वपूर्ण व्यक्तित्व अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में भाषण देते है। चुनाव पत्र पढ़े जाते हैं। मतदाताओं से उनकी गरीबी दुःख तकलीफें आदि दूर करने के वायदे किए जाते हैं। मतदान प्राप्त करने के लिए अधि क से अधिक वायदे किए जाते हैं प्रत्याशी जैसे ही चुने जाते हैं, वे उन्हें: भूल जाते हैं। मतदान के दिन से चौबीस घण्टे पहले पूरी शान्ति हो जाती है। मतदान के दिन कोई भी चुनाव प्रचार नहीं कर सकता। लोग और दलों के कार्यकर्ता मतदान केन्द्र से दूर रहते हैं। हर केन्द्र पर काफी पुलिसकर्मी भेजे जाते हैं। पुलिस की गाड़ियाँ किसी भी प्रकार के झगड़े को रोकने के लिए सड़कों पर घूमती नज़र आती हैं। पार्टी के कार्यकर्त्ता मतदान केन्द्रों तक मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करवाने के लिए लेकर आ रहे थे। कारें, वाहन और स्कूटर इस उद्देश्य से इस्तेमाल किए जाते हैं। वे जीतने के लिए जाली वोटें डालने का भी प्रयास करते हैं। कई बार गलत तरीके भी प्रयोग किए जाते हैं। बड़ी पताकाएँ, इश्तिहार और झण्डे, प्रत्याशी के पक्ष में प्रयोग होते हैं।

लोग मतदान केन्द्र में जाने से पहले पार्टी कर्मचारियों से अपना क्रमांक नम्बर लेते हैं।

मतदान कक्ष के अन्दर मतदान अधिकारी और उसके सहयोगी जोकि अधिकतर सरकारी कर्मचारी होते हैं, बैठे होते हैं। वहाँ हर प्रत्याशी का एक प्रतिनिधि बैठा होता है जो सुनिश्चित करता है कि सही मतदान हो रहा है और हर आने वाले मतदाता के नाम के आगे निशान लगाते हैं। उसे मतदान करने के लिए पर्ची दी जाती है जिस पर पर्दे पीछे जाकर अपने पसंद के प्रत्याशी के नाम के आगे मोहर लगाने को कहा जाता है। मतदाता पर्ची पर मोहर लगाता है, उसे मोड़ता है और पर्दे से बाहर आकर मुड़ी हुई पर्ची को चुनाव डिब्बे में डाल देता है। कई बार केन्द्र में मतदाताओं की लम्बी कतार देखने को मिलती है। यह कार्य तब तक चलता है जब तक मतदान का समय समाप्त नहीं हो जाता।

निश्चित समय के बाद चुनाव बक्सों को ठीक प्रकार सील बन्द कर दिया जाता है। मतदान केन्द्र खाली नज़र आते हैं। चुनाव बक्से सील कर दिए जाने के बाद निश्चित स्थान पर ले जाए जाते हैं। निश्चित दिन पर उन्हें गिनती के केन्द्र पर ले जाया जाता है।

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