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100+ Top Hindi Muhavare(Idioms)(मुहावरे) मुहावरों और लोकोक्तियों का प्रयोग, Most asked Hindi Muhavare in CBSE Class 10, 12 Examination with meaning.

130 मुहावरों और लोकोक्तियों का प्रयोग

मुहावरा

मुहावरे : अर्थ एवं प्रयोग

  1. अँगूठा दिखाना-किसी को चुनौती देते हुए इंकार कर देना।

कल मैंने अपने दोस्त से साइकिल माँगी तो उसने अंगूठा दिखा दिया।

 

  1. अक्ल पर पर्दा पड़ना-बुद्धि भ्रष्ट हो जाना।

जब बुरे दिन आते हैं तब आदमी की अक्ल पर पर्दा पड़ जाता है।

 

  1. अपना उल्लू सीधा करना-अपना मतलब निकाल लेना।

आज की दुनिया में सभी अपना उल्लू सीधा करने में लगे रहते हैं।

 

  1. अपना-सा मुंह लेकर रह जाना लज्जित होकर चुप हो जाना।

बड़ी शेखी मार रहे थे कि सारी किताब याद कर ली है, लेकिन जब प्रश्न सामने आया तो अपना-सा मुंह लेकर रह गए।

 

  1. अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना-समय पर पढ़ाई न करक तुमने अपने पैर पर कुल्हाडी मारी है।

 

  1. अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनना-अपने मुँह से अपनी तारीफ़ करना।

लोगों को तारीफ़ करने दो, अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनने से क्या फायदा।

 

  1. आँख उठाकर न देखना-अभिमानवश किसी की परवाह न करना।

बड़ा आदमी बनने के बाद से तो अब वह किसी के सामने आँख उठाकर भी नहीं देखता।

 

  1. आँखे नीची करना-शर्म या संकोच के कारण दृष्टि न मिलाना।

जब नरेश परीक्षा में नकल करते पकड़ा गया तो उसने आँखें नीची कर ली।

 

  1. आंखों का तारा-अत्यंत प्रिय।

हर बच्चा अपने माता-पिता की आँखों का तारा होता है।

 

  1. आंखें बिछाना-अत्यंत स्वागत करना।

अपने प्रिय अभिनेता के आगमन पर सभी लोग आँखें बिछाए बैठे थे।

 

  1. आँखों में धूल झोंकना-धोखा देना।

आज प्रत्येक व्यक्ति दूसरों की आँखों में धूल झोंक कर तरक्की कर रहा है।

 

  1. आँसू पीकर रह जाना-बेबस होने के कारण दुख को भीतर ही भीतर सह लेना।

अपने बेटे की मृत्यु पर माँ आँसू पीकर रह गई।

 

  1. आकाश से बातें करना-बहुत ऊँचा होना।

आजकल महानगरों की बहुमंजिली इमारतें आकाश से बातें करती हैं।

 

  1. आकाश के तारे तोड़ना-कठिन से कठिन असंभव काम करना।

एवरेस्ट पर चढ़ाई करना आकाश के तारे तोड़ने के बराबर है।

 

  1. आग बबूला होना-बहुत अधिक क्रुद्ध होना।

बेटे के मुँह से गाली सुन पिता आग बबूला हो गए।

 

  1. आग में घी डालना-किसी झगड़े को अथवा किसी के गुस्से को बढ़ा देना।

राहुल हमेशा आग में घी डालने का ही काम करता है।

 

  1. आगे पीछे घूमना-खुशामद करना।

आज की दुनिया में आगे पीछे घूमकर ही तुम अपना कोई काम करा सकते हो।

 

  1. आपे से बाहर होना-क्रोध के कारण सुध-बुध खो बैठना।

आपे से बाहर होकर काम करने से असफलता ही मिलती है।

 

  1. आसमान सिर पर उठाना-शोर मचाना।

कक्षा में बच्चों ने आसमान सिर पर उठा रखा है।

 

  1. आस्तीन का साँप-विश्वासघात करने वाला मित्र।

करण आस्तीन का साँप है, उस पर कभी विश्वास मत करना।

 

  1. ईद का चाँद होना-कठिनाई से कभी दीख पड़ना।

रमा तुम तो ईद का चाँद हो गई हो।

 

  1. उड़ती चिड़िया पहचानना-मन की बात भाँप लेना।

तुम रमानाथ जी को धोखा नहीं दे सकते वे तो उड़ती चिड़िया पहचान लेते हैं।

 

  1. उल्लू बनाना-मूर्ख बनाना।

मुझे उल्लू बनाना आसान काम नहीं।

 

  1. उधेड़-बुन में पड़ना-सोच में पड़ना।

पता नहीं रमेश आजकल किस उधेड-बुन में पड़ा हुआ है।

 

  1. ऊँट के मुंह में जीरा-अधिक खाऊ को तनिक-सा भोजन देना।

यह खाना तो राजीव के लिए ऊंट के मुँह में जीरा है। बाजार से क्यों नहीं मंगा लेते ?

 

  1. एक लाठी से हॉकना-सही या गलत का विचार न करते हए सब के साथ एक जैसा व्यवहार करना।

हमारी शिक्षिका सभी विद्यार्थियों को एक लाठी से ही हाँकती है।

 

  1. एक पंथ दो काज-एक प्रयत्न से दो काम करना।

तुम दौरे पर तो जा रहे हो, माता जी से भी मिलते आना। एक पंथ दो काज हो जाएगा।

 

  1. ड़ी चोटी का पसीना एक करना-बहुत परिश्रम करना।

किसान एड़ी चोटी का पसीना एक कर हमारे लिए अनाज उगाते हैं।

 

  1. कदम बढ़ाना-तेज चाल से चलना।

जल्दी-जल्दी कदम बढ़ाओ, आँधी आने वाली है।

 

  1. कदम उठना-आगे बढ़ना।

इस ओर पहले तुम ही कदम उठाओ, मैं तुम्हारे साथ हूँ।

 

  1. कफन सिर पर बाँधना-मरने के लिए तैयार हो जाना।

हमारे वीर सैनिक कफन सिर पर बाँधकर ही युद्ध के मैदान में उतरते हैं।

 

  1. कमर सीधी करना-थोड़ा आराम करना।

बहुत थक गया हूँ, जरा कमर सीधी कर लूँ।

 

  1. करवटें बदलना-चिंता अथवा पीड़ा के कारण नींद न आना।

व्यवसाय में घाटा लगने के कारण आज महेश रात भर करवटें बदलता रहा।

 

  1. कलई खुलना-भेद खुल जाना।

भाई सोच-समझकर ही यह चाल चलना, कहीं कलई न खुल जाए।

 

  1. कलेजे पर पत्थर रखना-मजबूर होकर धीरज धारण करना।

कारगिल युद्ध में बेटे को गवाने के बाद माता-पिता ने कलेजे पर पत्थर रख लिया।

 

  1. कलेजे पर साँप लोटना-किसी की उन्नति देखकर जलना।

हमारे पड़ोसी से हमारा सुख देखा नहीं जाता, उनके कलेजे पर साँप लोटते हैं।

 

  1. काठ का उल्लू-एकदम मूर्ख।

किशोर से क्या पूछोगे वह तो काठ का उल्लू है।

 

  1. कान खड़े होना-सचेत हो जाना।

जरा सी आहट हुई और शेर के कान खड़े हो गए।

 

  1. कान पर जूं रेंगना-किसी की बात की परवाह न करना।

कितनी अनुनय विनय की, पर थानेदार के कानों पर ज तक नहीं रेंगी।

 

  1. काला अक्षर भैंस बराबर-एकदम अनपढ़।

कोमल के लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर है उससे क्या जानोगे तुम?

 

  1. कोल्हू का बैल-दिन रात काम में जुटे रहना।

जीवन में अब बिल्कुल भी आराम न रहा, मैं तो कोल्हू का बैल बन गया है।

 

  1. खरी-खोटी सुनाना-बुरा-भला कहना।

बिना किसी बात के आप मुझे खरी-खोटी क्यों सुना रहे हो?

 

  1. खाक छानना-मारे-मारे फिरना।

तीन साल से उसे नौकरी नहीं मिली, वह दर-दर की खाक छान रहा है।

 

  1. खून की नदी बहाना- भयानक मार-काट करना।

उग्रवादियों ने खूब कत्लेआम किया और खून की नदी बहा दी।

 

  1. खून के घूंट पीना-दुख या अपमान सह लेना।

गरीबी क्या आई कमलेश को खून के घूंट पीकर जीना पड़ रहा है।

 

  1. खयाली पुलाव पकाना-मनमानी कल्पनाएँ करना।

खयाली पुलाव पकाने से कुछ नहीं होगा, हाथ-पैर चलाओ।

 

  1. गड़े मुर्दे उखाड़ना-पुरानी बेकार की बातों को याद करना और याद दिलाना।

गड़े मुर्दे उखाड़ना किसी समस्या का हल नहीं।

 

  1. गर्दन पर सवार होना-पीछे पड़ जाना।

गर्दन पर सवार मत हो, मैं तुम्हारा काम अपने आप ही कर दूंगा।

 

  1. गागर में सागर-थोड़े में बहुत कह देना।

बिहारी ने अपने एक-एक दोहे में गागर में सागर भर डाला है।

 

  1. गिरगिट के तरह रंग बदलना-समय के अनुसार अपनी बात को या सिद्धांत को बदल डालना।

आज के नेता गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं। उनका कोई विश्वास नहीं।

 

  1. गुलछरें उड़ाना-खूब मज़े लूटना।

अभी तो पढ़ाई न करके गुलछरें उड़ा रहे हो। जब परिणाम आएगा तब पता चलेगा।

 

  1. घड़ों पानी पड़ना-बहुत शर्मिंदा होना।

अपने बेटे को चोरी करते पकड़ा देख पिता पर घड़ों पानी पड़ गया।

 

  1. घात लगाना-अपनी चाल चलने के लिए मौका देखना।

शिकारी घात लगाकर बैठ गया और शिकार का इंतजार करने लगा।

 

  1. घाव पर नमक छिड़कना-पहले से दुखी को ऊपर से अपमानित करना।

एक तो बेचारा फेल हो गया, दूसरे तुम चिढ़ा कर घाव पर नमक छिड़क रहे हो।

 

  1. घी के दीए जलाना-जी भरकर खुशियाँ मनाना।

बहुमत से जीते हैं, नेता जी के घर तो आज घी के दीए जल रहे हैं।

 

  1. घोड़े बेचकर सोना-निश्चित होकर सो जाना।

अब तो परीक्षा समाप्त हो गई है, तुम तो घोड़े बेचकर सो जाओ।

 

  1. चादर देखकर पाँव फैलाना-अपनी आय के अनुसार खर्च करना।

इस तरह पैसे क्यों उड़ा रहे हो? चादर देखकर ही पाँव फैलाना अच्छा होता है।

 

  1. चार दिन की चाँदनी-कुछ देर का सुख या आनंद।

अपने धन का घमंड क्यों कर रहे हो यह तो चार दिन की चाँदनी है।

 

  1. चुनौती देना-मुकाबले के लिए ललकारना।

इस बार मैं तुम्हें चुनौती देता हूँ, तुम कक्षा में प्रथम आकर दिखाओ।

 

  1. चुल्लू भर पानी में डूब मरना-किए कुकर्म की लज्जा के कारण नज़रों से दूर हो जाना।

अपने घर में चोरी कर रहे हो, तुम्हें तो चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।

 

  1. चुड़ियाँ पहनना-कायर सिद्ध होना।

बाहर तुम्हारे भाई को लोग बेवजह पीट रहे हैं और तुम घर के भीतर चुड़ियाँ पहन कर बैठे हो।

 

  1. चैन की बंसी बजाना-सुखपूर्वक जीवन बिताना।

कार्य से अवकाश प्राप्त कर मैं चैन की बंसी बजाऊँगा।

 

  1. छठी का दूध याद आना-भारी संकट में पड़ना।

कारगिल युद्ध में दुश्मनों को छठी का दूध याद आ गया होगा।

 

  1. छप्पर फाड़ कर देनाअचानक बिना परिश्रम धन मिल जाना।

मेरी तो पाँच लाख की लॉटरी लग गई। भगवान ने छप्पर फाड़ कर दिया है।

 

  1. छाती पर साँप लोटना-ईर्ष्या से बेचैन होना।

मेरी खुशी देखकर तुम्हारी छाती पर साँप क्यों लोट रहे हैं?

 

  1. जंगल में मंगल करना-उजाड़ स्थान में बस्ती बसाना।

मनीष का स्वभाव इतना अच्छा है कि वह जंगल में मंगल करना जानता है।

 

  1. जमीन-आसमान एक करना-किसी काम के लिए जी-तोड़ कोशिश करना।

गौतम को अच्छे स्कूल में दाखिला दिलवाने के लिए पिता ने जमीन आसमान एक कर दिए।

 

  1. जले पर नमक छिड़कना-किसी के दुखी मन को और अधिक दुखाना।

जले पर नमक कैसे छिड़का जाए यह तो राधा से कोई सीखे।

 

  1. जान के लाले पड़ना-जान बचाना कठिन होना।

आतंकवादियों के तो आजकल जान के लाले पड़े हुए हैं। पुलिस उन्हें ढूंढ-ढूंढ कर मार रही है।

 

  1. जी हुजूरी करना/जूतियाँ चाटना-बहुत खुशामद करना।

मुझसे जी हुजूरी नहीं होती, यह काम तो तुम ही कर लो।

 

  1. टका-सा जवाब देना-साफ इनकार कर देना।

मैंने उससे पाँच हजार रुपये उधार माँगे तो उसने टका-सा जवाब दे दिया।

 

  1. टेढ़ी खीर-बहुत कठिन काम।

कक्षा में प्रथम आना दिनेश के लिए बहुत टेढ़ी खीर है।

 

  1. डकार लेना-धन या माल हजम कर जाना।

चाचा ने अपने अनाथ भतीजे का सारा धन डकार लिया।

 

  1. डंका बजाना-प्रचार करना।

गांधी जी ने भारत को स्वतंत्र कराने के लिए अहिंसा का डंका बजा दिया।

 

  1. डींग मारना-शेखी बघारना।

रमेश की बातों का विश्वास मत करना, वह तो डींग मारता रहता है।

 

  1. डूबते को तिनके का सहारा-संकट में पड़े असहाय व्यक्ति के लिए थोड़ी सहायता भी बहुत होती है।

इन मंहगाई के दिनों में एक हजार रुपये भी डूबते को तिनके का सहारा है।

 

  1. तलवे चाटना-खुशामद करना।

नेताओं के तलवे चाटना मेरे बस की बात नहीं है।

 

  1. तारे गिनना-इंतजार में या गहरे दुख में जागकर रात बिताना।

चिंता के मारे सारी रात तारे गिनते ही बीत गई।

 

  1. तिल का ताड़ बनाना-जरा से मन मुटाव को बड़ा झगड़ा बना देना।

राधा तुम्हें तो तिल का ताड़ बनाने की आदत है, अब बात खत्म भी करो।

 

  1. तेवर बदलना-बहुत अधिक क्रुद्ध हो जाना।

मेरे तेवर बदलते देख वह नरम पड़ गया।

 

  1. थूक कर चाटना-वचन देकर मुकर जाना।

वह आदमी ही क्या जो थूक कर चाटे, अपनी बात पर अडिग न रहे।

 

  1. दाँत खट्टे करना-नीचा दिखाना अथवा बुरी तरह हरा देना।

पिछले युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के दाँत खट्टे कर दिए थे।

 

  1. दाँत पीसना-बहुत गुस्सा करना।

अपने बच्चे की बदतमीजी देख पिता दाँत पीसकर रह गए।

 

  1. दाल में काला होना-कुछ संदेह या डर की बात होना।

कल से सविता स्कूल नहीं आई, लगता है दाल में कुछ काला है।

 

  1. दुम दबाकर भागना-डर कर भाग जाना।

पुलिस के आने का संकेत मिलते ही चोर दुम दबाकर भाग गए।

 

  1. दो नावों पर पैर रखना-दो काम इकट्ठे हाथ में ले लेना अथवा दो दलों या पक्षों में एक साथ शामिल रहना।

दो नावों पर पैर रखने वाला आदमी सदा असफल रहता है।

 

  1. नमक मिर्च लगाना-छोटी-सी बात को बढ़ाकर कहना।

पवन की बात का भरोसा मत करना, वह हर बात नमक मिर्च लगाकर बोलता है।

 

  1. नाक पर मक्खी न बैठने देना-जरा भी कष्ट न सहना अथवा किसी की जरा-सी भी बात को सहन न करना।

तुम उर्मिला के भरोसे मत रहना, वह तो नाक पर मक्खी भी नहीं बैठने देती है।

 

  1. नाकों चने चबाना-अच्छी तरह तंग करना अथवा छकाना।

आतंकवादियों ने पुलिस अधिकारियों को नाकों चने चबवा दिए।

 

  1. नानी मर जाना-बहुत घबरा जाना।

जेब क्या कटी मेरी तो नानी ही मर गई।

 

  1. नींद हराम हो जाना-चिंता या पीड़ा के कारण नींद न आना।

जब से भूकंप आने की संभावना के बारे में सुना है रातों की नींद हराम हो गई है।

 

  1. नौ दो ग्यारह होना-भाग जाना।

पुलिस को देख चोर नौ दो ग्यारह हो गया।

 

  1. पत्थर का कलेजा होना-बहुत कठोर दिल होना।

सुनामी की घटना ने तो पत्थर के कलेजे को भी दहला दिया।

 

  1. पत्थर की लकीर-पक्की बात।

मैंने जो कह दिया उसे पत्थर की लकीर समझो।

 

  1. पसीना-पसीना होना बहुत अधिक परिश्रम से थककर चूर हो जाना।

सुबह से भागदौड़ करते-करते मैं पसीना-पसीना हो गया हूँ।

  1. पाँचों उंगलियाँ घी में-खूब लाभ उठाना।

आजकल निगम का व्यापार खूब फल-फूल रहा है, उसकी तो पाँचों उंगलियाँ घी में हैं।

 

  1. पाँव जमीन पर न टिकना-बहुत घमंड करना।

चीफ मिनिस्टर के ड्राइवर क्या बन गए, तुम्हारे तो पाँव जमीन पर नहीं टिकते।

 

  1. पानी-पानी होना-शर्म के कारण सिर नीचा होना।

धीरज जब कक्षा में नकल करते पकडा गया तो पानी-पानी हो गया।

 

  1. पीठ दिखाना-लड़ाई से या किसी कठिन काम से मुंह मोड़ लेना।

युद्ध के मैदान में पीठ दिखाने वाला भारतीय सैनिक नहीं हो सकता।

 

  1. पेट काटना-जबरदस्ती बचत करना।

पति की मृत्यु के बाद पेट काटकर रमा ने अपने बच्चे की पढ़ाई पूरी करवाई।

 

  1. पेट में चूहे दौड़ना-बहुत भूख लगना।

सबह से मैंने कुछ नहीं खाया है। मेरे पेट में चूहे दौड़ रहे हैं।

 

  1. फूट-फूट कर रोना-जोर-जोर से रोना।

माँ की मृत्यु पर रमेश फूट-फूटकर रोने लगा।

 

  1. बायें हाथ का खेल-अत्यंत सरल काम।

कक्षा में प्रथम आना तो योगेश के बाएँ हाथ का खेल है।

  1. बाग-बाग होना-अत्यंत प्रसन्न होना।

पुत्र की सफलता पर पिता बाग-बाग हो गए।

 

  1. बाल की खाल उतारना-बेकार की बारीक विवेचना करना।

कविता को बाल की खाल उतारने के अलावा आता ही क्या है?

 

  1. बहती गंगा में हाथ धोना-मौके का लाभ उठाना।।

आजकल सभी बहती गंगा में हाथ धोने की इच्छा रखते हैं।

 

  1. भाड़े का टट्टू-निकम्मा आदमी अथवा सिर्फ पैसे से मतलब रखनेवाला।

रमेश भाड़े का टू है, तुम उससे सहयोग की उम्मीद मत रखना।

 

  1. भीगी बिल्ली बनना-लाचार होकर दबना।

हिम्मत रखो। भीगी बिल्ली बनने से कोई फायदा नहीं।

 

  1. मक्खियाँ मारना-खाली बैठे रहना।

सुबह से कोई काम पूरा नहीं हुआ। क्या मक्खियाँ मार रहे थे?

 

  1. मुट्ठी गर्म करना-रिश्वत खिलाना।

बिना मुट्ठी गर्म किए आजकल कोई काम नहीं करता।

 

  1. मुँह में पानी भर आना-कुछ खाने अथवा किसी चीज को पा लेने के लिए जी ललचाना।

सामने इतना स्वादिष्ट भोजन हो तो मुँह में पानी क्यों नहीं आएगा?

 

  1. मूंछों पर ताव देना-घमंड करना।

मूंछों पर ताव देने से ही कोई बड़ा नहीं हो सकता।

 

  1. रंग में भंग पड़ना-मजा किरकिरा होना।

बारिश ने अच्छे भले विवाहोत्सव के रंग में भंग डाल दिया।

 

  1. रंगा सियार-ढोंगी धूर्त।

महेश रंगा सियार है। उसकी किसी बात का विश्वास न करना।

 

  1. राई का पहाड़ बनाना-जरा-सी बात को बहुत बढ़ा-चढ़ा लेना।

गीता बात को यहीं खत्म करो। राई का पहाड़ मत बनाओ।

 

  1. लकीर का फकीर होना-पुराने रीति-रिवाजों का अंधे होकर पालन करते जाना।

जमाना बदल गया पर तुम अब भी लकीर के फकीर हो।

 

  1. लहू पसीना एक करना-बहुत परिश्रम करना।

किसान लहू पसीना एक कर अपना जीवनयापन करता है।

 

  1. लोहे के चने चबाना-अत्यंत कठिन कार्य करना।

अच्छी नौकरी पाना तो लोहे के चने चबाना है।

 

  1. श्री गणेश करना-काम आरंभ करना।

कल हमारी नई दुकान का श्री गणेश होने वाला है।

  1. सबको एक ही लाठी से हाँकना-अच्छे-बुरे, छोटे-बड़े का भेद न करना।

अध्यापक अपने सभी विद्यार्थियों को एक ही लाठी से हाँकते हैं।

 

  1. सिर पर कफन बाँधना-मरने के लिए तैयार होना।

स्वतंत्रता सेनानियों ने देश को आजाद कराने के लिए सिर पर कफ़न बाँध लिया था।

 

  1. सीधे मुँह बात न करना-घमंडी होना।

सरला को देखा है, वह कभी सीधे मुंह बात नहीं करती।

 

  1. सूख कर काँटा होना-बहुत अधिक कमजोर हो जाना।

गरीबी के कारण दयाराम सूख कर काँटा हो गया है।

 

  1. हक्का-बक्का होना-हैरान रह जाना।

अचानक कक्षा में प्रधानाचार्य के आने पर सभी हक्के-बक्के रह गए।

 

  1. हवा से बातें करना/हवा हो जाना-बहुत तेज दौड़ जाना।

आजकल के जेट विमान हवा में बातें करते हैं।

 

  1. हवाई किले बनाना-मन में तरह-तरह के मंसूबे बाँधना।

हवाई किले बनाने से सफलता हाथ नहीं लगती।

 

  1. हथियार डाल देना-हार मार लेना।

दुश्मनों के सामने हथियार डाल देना कायरता ही तो है।

 

  1. हाथ तंग होना-पैसे की कमी होना।

रमन, आजकल मेरा हाथ तंग है, तुम्हारे पैसे अभी नहीं लौटा पाऊँगा।

 

  1. हाथ-पर-हाथ धरे बैठे रहना-बेकार बैठे रहना, कुछ न करना।

हाथ-पर-हाथ धरकर बैठने से कोई काम नहीं होता।

 

  1. हाथ मलना-पछतावा करना।

समय रहते पढ़ाई नहीं की तो अब हाथ मलने का क्या फायदा।

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