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Posts tagged "Hindi Speech" (Page 6)
हमारे त्योहार (Hamre Tyohar) भारत त्योहारों का देश है। यहाँ भिन्न-भिन्न धर्म एवं जाति संप्रदाय के लोग निवास करते हैं। भारत के त्योहार इसकी संस्कृति की महानता को उजागर करते हैं। ये जीवन में सुखद परिवर्तन लाकर नई चेतना व स्फूर्ति का संचार करते हैं। हमारे त्योहार करूणा, दया, आतिथ्य सत्कार, पारस्परिक प्रेम एवं सद्भावना तथा परोपकार जैसे नैतिक गुणों का विकास करने में सहायक होते हैं। ये अधिकतर ऋतु चक्र...
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October 7, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
हमारा राष्ट्रध्वज – तिरंगा (Hamara Rashtradwaj Tiranga) हर देश का अपना-अपना राष्ट्रीय ध्वज होता है। हमारे भारतवर्ष का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है। इसमें शामिल केसरिया रंग वीरता एवं त्याग का प्रतीक है। सफेद रंग सुख-शांति तथा हरा रंग खुशहाली एवं हरी-भरी फसलों का प्रतीक है। तिरंगे के बीचों-बीच अशोक चक्र है जो हमें सतत् परिश्रम की प्रेरणा देता है। चक्र अशोक स्तंभ से लिया गया है और इसका रंग नीला है।...
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October 7, 2024 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अन्तर्जातीय विवाह Antarjatiya Vivah अन्तर्जातीय विवाह को किसी न किसी रूप में प्राचीन काल से ही देखा जा सकता है। गन्धर्व विवाह तथा मुगलों के समय में हिन्दू-मुस्लिम विवाह, राजपूत राजाओं तथा मुस्लिम राजाओं के घरानों में एक प्रथा के रूप में था। वह तो मानता ही पड़ेगा कि विवाह अपने आप में एक सामाजिक संसी है। जनजाति से लेकर आधुनिक समाज के बीच समाज की संस्था तथा स्वरूप भिन्न रहे...
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March 3, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारतीय संस्कृति : अनेकता में एकता Bharatiya Sanskriti-Anekta mein Ekta संस्कृति का अभिप्राय आमतौर पर खान-पान, पहनावा, बोलचाल आदि समझा जाता है। जब किसी त्योहार, मेला या शादी ब्याह में लगे देशी वेशभूषा धारण करते हैं तो उसे संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। संस्कृति वह चीज है जो संस्कार करती है। इसकी व्याख्या से स्पष्ट होता है कि मनुष्य को पशु की श्रेणी से ऊपर उठाना ही संस्कार करना है।...
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March 3, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
भारत में समान सिविल संहिता Bharat mein Saman Civil Sanhita संविधान के अनुच्छेद 14 से 18 तक में समानता के मूल अधिकार के लिए प्रावधान किया गया है। इस अनुच्छेदों में यह भावना निहित है कि राज्य किसी शक्ति के साथ धर्म, भूलवंश लिंग, जाति तथा निवास स्थान के आधार पर भेद नहीं करेगा। भारत में निवास करने वाले धार्मिक तथा भाषायी अल्पसंख्यकों को भी अपने धर्म तथा भाषा एवं लिपि...
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March 3, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
धर्म निरपेक्षता और भारत Dhrmnirpekshta aur Bharat धर्म और धर्म-निरपेक्षता का सामान्य अर्थ- ‘धारमति इतिध्सः धर्मः’ कहकर धर्म के स्वरूप की व्याख्या की गई है। तात्पर्य यह है कि धारण करने की शक्ति धर्म की मुख्य विशेषता है। धारण की शक्ति का तात्पर्य है, रक्षा अथवा कर्तव्य पालन। इस प्रकार धर्म कर्तव्य पालन अथवा रक्षा का पर्यायवाची कहना है। धर्म हमकों एक सूत्र में बाँधता है। वह धर्म निश्चय ही अवरोधों...
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March 3, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत में बढ़ता भ्रष्टाचार Bharat mein Badhta Bhrashtachar जब से रक्षा सौदों में दलालों की बात सामने आई है और विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम का उल्लंघन करके विदेशी खातों में पूंजी जमा करने के मामले प्रकाश में आए हैं, तब से भ्रष्टाचार पर देश-व्यापी बहस छिड़ गई है और यह हम शुभ लक्षण है। भ्रष्टाचार का जो नासूर भीतर ही भीतर पनप रहा था, उसके विषय में जानकारी तो मिली। लोग...
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March 3, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत में राष्ट्रीय एकता Bharat mein Rashtriya Ekta भारत एक विशाल देश है। विश्व की लगभग पन्द्रह प्रतिशत जनता इस देश में निवास करती है। इसका एक-एक राज्य इतना विशाल है कि यूरोप के अनेक देशों से बड़ा है। यहाँ अनेक जाति, धर्म, भाषा वाले लोग निवास करते। इनकी प्राकृतिक संरचना में विविधता है। उत्तर में नागाधिराज हिमालय अपनी ऊँची-ऊँची शृंखलाओं के साथ खड़ा है तो दक्षिण में हिन्द महासागर अपनी...
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