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Akshar Ananya, “अक्षर अनन्य ” Hindi motivational moral story of “Akshar Ananya” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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अक्षर अनन्य Akshar Ananya ज्ञानाश्रयी शाखा के कवि अक्षर अनन्य कुछ दिनों तक दतिया के राजा पृथ्वीचंद के दीवान थे। बाद में वे विरक्त होकर पन्ना में रहने लगे। छत्रसाल इनके शिष्य थे। एक बार ये छत्रसाल से अप्रसन्न होकर जंगल में चले गये। पता लगने पर महाराज छत्रसाल जब क्षमा प्रार्थना के लिए इनके पास गये, तब उन्होंने अक्षर अनन्य को झाड़ी के पास पैर फैलाकर लेटे हुए पाया। महाराज...
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Lota, “लोटा” Hindi motivational moral story of “Kabirdas” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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लोटा Lota कबीरदास ने गंगा किनारे पर स्नान कर रहे ब्राह्मण को अपना लोटा देते हुए कहा, “आप इस लोटे की सहायता से आराम से स्नान कर लीजिए।” ब्राह्मण ने माथे पर बल डालते हुए कहा-“रहने दे ! ब्राह्मण जुलाहे के लोटे से स्नान करके अपवित्र हो जायेगा।” कबीर ने हंसते हुए कहा-“लोटा तो पीतल का है, जुलाहे का नहीं। रही अपवित्र होने की बात, तो मिट्टी से साफ कर कई...
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Hindi Prem, “हिन्दी प्रेम” Hindi motivational moral story of “Suryakant Tripathi Nirala” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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हिन्दी प्रेम Hindi Prem एक बार कविवर सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला किसी ट्रेन में कहीं जा रहे थे। उसी ट्रेन में पंड़ित जवाहर लाल नेहरू भी सवार थे। निराला जी पंड़ित जी से मिलना चाहते थे। काफी कोशिश के बाद वे नेहरू जी तक पहुंचने में सफल हुए। वेशभूषा से नेहरू जी उनको बर्मी या बंगाली समझे। उन्होंने यह बताते हुए कि वे उत्तर-प्रदेश के हैं और कहा-“मुझे आप से एक बात...
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Mushaira, “मुशायरा” Hindi motivational moral story of “Raghupati Sahay Firaq” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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मुशायरा Mushaira एक मुशायरे में रघुपति सहाय ‘फिराक’ के अलावा कई नौजवान शायर भी उपस्थित थे। फिराक साहब के कलाम पढ़ने के बाद एक नौजवान शायर को शेर पढ़ने के लिए बुलाया गया। उस नौजवान ने शेर पढ़ने के बजाय कहा कि, ‘इतने बड़े शायर के बाद मैं अपना कलाम कैसे पढ़ सकता हूँ?’ फिराक साहब बीच में बोल पड़े, ‘बरखुरदार ! जब आप मेरे बाद पैदा हो सकते हैं, तो...
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Jhutho ka Badhshah, “झूठों का बादशाह” Hindi motivational moral story of “Akbar Allahabadi” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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झूठों का बादशाह Jhutho ka Badhshah अंग्रेज गवर्नर लार्ड कर्जन भारतीयों से नफरत करता था। एक सभा में कर्जन ने कह दिया कि “रूह-सिहाय (काला) हिन्दुस्तानी पहले दर्जे का झूठा और बेईमान होता है।” इस अपमानजनक बात से सारे देश में रोष फैल गया। हर नेता, हर संस्था विरोध करने लगी। प्रसिद्ध शायर अकबर इलाहाबादी ने कर्जन के कथन पर टिप्पणी की- “बेसक है झूठ-सच की छिड़ी बहस हिंद में, सच...
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Jungle ka Badshah, “जंगल का बादशाह” Hindi motivational moral story of “Josh Malihabadi” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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जंगल का बादशाह Jungle ka Badshah जोश मलीहाबादी ‘आजकल’ मासिक पत्र के सम्पादक थे। एक बार उनके मित्र ने पूछा, “कहिए जोश साहब सरकारी नौकरी में कैसी गुजर रही है ?” जोश साहब ने थोड़ा ठहर कर उत्तर दिया, “क्या बतायें भैय्या, जंगल में बादशाह को तांगे के आगे जोत दिया है।”
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Pehli April, “पहली अप्रैल” Hindi motivational moral story of “Pt. Brijnarayan Chakvast” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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पहली अप्रैल Pehli April उर्दू के विख्यात शायर पं. ब्रजनारायण ‘चकवस्त’ यद्यपि बड़े गम्भीर व्यक्ति थे, पर व्यंग्य-विनोद भी उनमें कूट-कूट कर भरा था। वह पेशे में वकील थे। एक बार वह किसी मुकदमे में बहस कर रहे थे, तो जज ने कहा, “पण्डित जी, आपके मुकदमे की अगली तारीख पहली अप्रैल रख दी जाये ? आपको कोई असुविधा तो नहीं होगी ?” चकबस्त तुरन्त उत्तर दिया, “असुविधा कैसी ? वकील...
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Naya Juta, “नया जूता” Hindi motivational moral story of “Mirza Ghalib” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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नया जूता Naya Juta एक दिन कोई साहब मिर्जा गालिब से मिलने उनके घर आए। थोड़ी देर बैठने के बाद जब वह जाने लगे तो मिर्जा हाथ में शमादान लेकर उन्हें पहुँचाने नीचे आये। नीचे पहुंचकर आगन्तुक सज्जन ने शिष्टतावश कहा-“आपने क्यों तकलीफ की? मैं अपना जूता खुद पहन लेता।” मिर्जा गालिब ने अपने खास अंदाज में तुरन्त जवाब दिया- “मैं आपको जूता दिखाने के लिए शमादान नहीं लाया हूँ, बल्कि...
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