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Sahitya Devta, “साहित्य देवता” Hindi motivational moral story of “Makhan Lal Chaturvedi” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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साहित्य देवता Sahitya Devta सन् 1944 में हरिद्वार साहित्य सम्मेलन में माखन लाल चतुर्वेदी सभापति चुने गये। उन्हें हाथी पर बिठाकर जुलूस निकाला गया और चांदी के रुपयों से तौला गया। कुल चार हजार आठ सौ रुपये जमा हुए। अपने इस स्वागत से अभिभूत दादा माखनलाल चतुर्वेदी डा० रामकुमार वर्मा से बोले। “रामकुमार, इस सरस्वती देवी की कृपा तो देखो कि छठी क्लास तक पढ़ा हुआ, नांगल स्कूल का मास्टर आज...
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Sahityakar aur Rajnitigya, “साहित्यकार और राजनीतिज्ञ” Hindi motivational moral story of “Pandit Sohan Lal Dwivedi” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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साहित्यकार और राजनीतिज्ञ Sahityakar aur Rajnitigya  लखनऊ के एक सम्मेलन में सम्मेलन के संचालक तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमवती नन्दन बहुगुणा को माला पहनाने लगे तो बहुगुणा जी ने कहा, “मित्र, यह माला पहले अध्यक्ष पंडित सोहन लाल द्विवेदी जी को पहनाई जाए”। द्विवेदी जी ने तुरन्त माइक पर आकर कहा, “बहुगुणा जी, साहित्यकार को आगे न लाओ। राजनीति को ही पहल करने दो। साहित्यकार आगे आ गया तो राजनीति की खाट खड़ी...
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Himalaya Jara , “हिमालय जरा” Hindi motivational moral story of “Nepali” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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हिमालय जरा Himalaya Jara  असम यात्रा में हिन्दी के कई कवियों के साथ नेपाली जी भी किसी एक डाक बंगले में ठहरे हुए थे। उनके साथ के कवि लालधर त्रिपाठी तथा राहगीर तो रात को किसी तरह सो गये किन्तु नेपाली जी को नींद नहीं आयी। उन्होंने एक बार करवट ली तो पलंग चरमरा उठा। राहगीर जी की नींद खुली तो उन्होंने पूछा, “क्या बात है जी।” “कुछ नहीं”! नेपाली जी...
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Ekda, “एकदा” Hindi motivational moral story of “Maithili Sharan Gupt” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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एकदा Ekda राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त से एक नेताजी मिले और उन्हें हरिजनोद्धार कार्यक्रमों में भाग लेने व सहयोग देने के लिए प्रेरित करने लगे। उनका उत्साह देखकर, गुप्त जी उनके साथ काम करने के लिए तैयार हो गये। एक रविवार को चाय पर दोनों बैठे, तो मैथिलीशरण गुप्त जी ने उन नेताजी से कहा, “महोदय, आज तो रविवार है, हम आज के दिन फल-फूल के अतिरिक्त कुछ खाते नहीं, दो गन्ने...
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Hindustani, “हिन्दुस्तानी” Hindi motivational moral story of “Suryakant Trpathi Nirala” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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हिन्दुस्तानी Hindustani  एक बार रेलगाड़ी में कहीं जाते हुए निराला जी को पंडित नेहरू दिखाई दे गये। पंडित नेहरू ने उन दिनों भाषा के सम्बन्ध में विचार प्रकट किए थे। उन्होंने हिन्दुस्तानी का समर्थन किया था। निराला जी ने हँसते हुए पंडित नेहरू से कहा, “आप हिन्दी के मेरे शब्दों का हिन्दुस्तानी में अनुवाद कर दें।” इस बात पर नेहरू जी ने लाचारी दिखाई। निराला जी ने कहा, “हमने भी कुछ...
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Nirmla aur Nirala , “निर्मल और निराला” Hindi motivational moral story of “Nirala” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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निर्मल और निराला Nirmla aur Nirala  महाकवि निराला और सम्पादक निर्मल जी में अक्सर नोंक-झोंक हुआ करती थी। एक बार निराला जी ने निर्मल जी से कहा, “यह आपने अपने नाम के आगे क्या ‘निर-निर’ लगा रखा है।” निर्मल जी बोले, “आपके नाम के साथ भी तो यही ‘निर’ है। “ निराला जी ने व्यंग्य कसा, “मेरे नाम से ‘निर’ निकाल दो, तो मैं ‘आला’ बन जाऊँगा, लेकिन आपके नाम से...
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Kavi Gang ki Nirbhayata, “कवि गंग की निर्भयता” Hindi motivational moral story of “Kavi Gang” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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कवि गंग की निर्भयता Kavi Gang ki Nirbhayata  कवि गंग की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली हुई थी। वे बहुत लोकप्रिय भी थे। एक बार बादशाह अकबर ने उन्हें अपने पास बुलाया और कुछ कविताएं सुनाने के लिए कहा; लेकिन कवि गंग की इच्छा न थी। कवि स्वभाव से ही स्वतंत्रताप्रिय और विद्रोही होता है। गंग को बादशाह का तानाशाही आदेश अच्छा न लगा और उन्होंने मना कर दिया। इस पर अकबर...
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Bada kavi kaun?, “बड़ा कवि कौन?” Hindi motivational moral story of “Suryakant Tripathi Nirala” for students of Class 8, 9, 10, 12.

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बड़ा कवि कौन? Bada kavi kaun? एक नवोदित लेखक महाकवि निराला से मिलने गया। वह बड़ा बातूनी था। बातों-बातों में बोला. “निराला जी, इस समय हिन्दी का सबसे बड़ा कवि कौन है?” निराला जी ने इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं दिया। उन्होंने बातचीत का विषय बदल दिया। उसने फिर पूछा तो निराला जी इस बार भी टाल गये। अवसर देखकर उसने तीसरी बाद फिर आग्रह किया तो निराला जी भड़क...
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