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Posts tagged "Hindi essays" (Page 64)
आपदा प्रबंधन प्रणाली Aapda Prabandhan Pranali भारत को विश्व के सर्वाधिक आपदा संभावित देशों में से एक समझा जाता है। सूखे, बाढ़, भूकंप तथा चक्रवात से प्रायः इस देश की अपार क्षति होती है और ये नियंत्रण से बाहर होते जा रहे हैं, इनकी बारंबारता बढ़ती ही जा रही है और ये अधिकाधिक क्षति, अशक्तता, रोग तथा मौत का कारण बन गए हैं। और इस तरह इनके कारण पहले से ही...
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March 8, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत और वैश्वीकरण Bharat aur Veshvikaran वैश्वीकरण शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम थियाडोर लेविट द्वारा वर्ष 1985 में ऐसे अपार परिवर्तनों के चरित्र चित्रण हेतु किया गया था जो विगत दो-तीन दशकों के दौरान अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में हुए हैं। इन परिवर्तनों में उत्पादन क्षेत्र में हुए तीन और व्यापक आर्थिक तथा वित्तीय परिवर्तन; आर्थिक और वित्तीय उदारीकरण, दोनों, के परिणामस्वरूप वैश्विक उपयोग तथा निवेश; अवसंरचनात्मक समायोजन कार्यक्रम और अर्थव्यवस्था में राज्य की...
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March 2, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
नई वैश्विक व्यवस्था और भारत Nayi Veshvik Vyavastha aur Bharat इस समय जबकि इराक आक्रमण के पश्चात हर तरह की वैश्विक व्यवस्था संकट में प्रतीयमान है और अमेरीका सभी विश्वव्यापी विरोधी पक्षों तथा राष्टों को कुचलने की नीति की ओर अग्रसर है, विश्व के प्रत्येक भागों के व्यक्तियों को एक सामंजस्यपूर्ण तथा प्रभावी वैश्विक व्यवस्था के बारे में अपने दृष्टिकोण पर पुनः विचार करना होगा एवं इसे पुनः व्यवस्थित करना...
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March 2, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
आधुनिकतावाद और परंपरा Aadhuniktawad aur Parampara भारत की आधुनिकता एक दोधारी तलवार सिद्ध हई है। एक ओर, प्रगति से असंख्य लोगों के जीवन-स्तर में सुधार आया है। दूसरी ओर, इससे सांस्कृतिक वातावरण पर विध्वंसक प्रभाव पड़ा है। यह सच है कि कुछ आधुनिकतावादी यह दलील दे सकते हैं कि आधुनिकतावाद, जो वैयक्तिक तर्कणा तथा स्वायत्तता को गौरवान्वित करता है और इसलिए यह प्रचलित सामाजिक व्यवस्था तथा सत्ता को चुनौती देता है,...
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March 2, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत में बाल श्रम की समस्या Bharat mein Bal Shram ki Samasiya करोड़ों बच्चे बाल श्रम के निकृष्टतम रूपों को झेल रहे हैं जो ऐसे दुःस्वप्न की भांति है जिसका कभी भी अंत होता दिखाई नहीं पड़ता। बाल दासता, बाल वेश्यावृति, बच्चों का अवैध व्यापार, बच्चों का सैनिक के रूप में कार्य करना, इसकी एक अंतहीन फेहरिस्त है। ये मात्र शब्द ही नहीं है अपितु ये आज हमारे विश्व की...
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March 2, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत में भाषा संबंधी समस्या Bharat mein Bhasha sambandhi Samasya 1000 मिलियन से ज्यादा की आबादी और 1000 से अधिक भाषाओं वाला भारत निश्चित रूप से आज विश्व में सर्वाधिक बहुभाषीय राष्ट्र है। इस देश की दो राजभाषाएं, संविधान में अनुसूचित अट्ठारह मुख्य भाषाएं और 418 ऐसी सचीबद्ध भाषाएं हैं जो 10,000 अथवा उससे ज्यादा व्यक्तियों द्वारा बोली जाती है। इसके अतिरिक्त यहां 146 से अधिक विभिन्न अभिलिखित उपभाषाएं तथा...
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March 2, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
महिला सशक्तिकरण Mahila Sashaktikaran भारत सरकार ने नई सहस्राब्दि का शुभारम्भ वर्ष 2001 को महिला सशक्तिकरण के वर्ष के रूप में घोषित करके किया ताकि एक ऐसे दृष्टिपटल पर ध्यान संकेन्द्रित किया जा सके जब महिलाओं को पुरूषों के समान ही अधिकार मिलें। मानव संसाधन विकास मंत्री ने यह घोषणा की (महात्मा गांधी के विचार का समर्थन करते हुए): “जब तक भारत की महिलाएं आम जन जीवन में भाग नहीं...
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March 2, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सत्य की शिक्षा Satya ki Shiksha पूर्ण सत्य यह है कि इस संसार में कुछ भी पूर्ण नहीं है। प्रत्येक वस्तु सापेक्ष, अनुकूलित तथा अस्थायी है। कोई भी वस्तु अपरिवर्तनशील, चिरस्थायी, पूर्ण नहीं है और इसलिए सत्य की शिक्षा नहीं दी जा सकती है वरन यह अन्तर्निहित ही होता है। किसी भी व्यक्ति में सत्य अन्तर्निहित रहता है और कितनी भी शिक्षा से उसे स्थापित नहीं किया जा सकता है। अन्तर्निहित...
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March 2, 2022 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
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