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Posts tagged "Hindi Essay" (Page 125)
समाचारपत्रों की उपयोगिता Samachar Patro ki Upiyogita जैसे-जैसे मानव सभ्यता का विकास हुआ, वैसे वैसे ज्ञान के साधनों का विकास हुआ। अनेक विकसित साधनों में ही समाचारपत्र का भी विकास हुआ। समाचारपत्र का अर्थ है, ऐसा विवरणपत्र जो प्रतिदिन की घटनाओं, समस्याओं आदि के समाचारों से पर्ण हो । प्रकाशन अवधि के अनुसार समाचारपत्र, दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक त्रैमासिक अर्द्धवार्षिक व वार्षिक होते हैं। देश की राजनीति, सामाजिक, आर्थिक आदि समस्याओं...
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January 16, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
अन्तरिक्ष प्रयोगशाला Antariksh Prayogshala आज विज्ञान ने प्रकति को अपनी चेरी बना लिया है। आज व्यक्ति अपने मनोकुल पशानिक तरीकों से बनावटी बादलों द्वारा वर्षा कर लेता है। इसके साथ ही अनेक मृत लागा के पार्थिव शरीरों को जीवित करने के लिए रासायनिक पदार्थों के सहयोग से सुरक्षित क्खा गया है। उधर रूस में अन्तर्राष्ट्रीय जीव विज्ञान प्रयोगशाला मास्को में प्रसिद्ध प्रज्ञानिक हकदीद साहब बिना प्रकृति (स्त्री) के बच्चे को बनाने...
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January 16, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विश्व शान्ति में विज्ञान की भूमिका Vishwa Shanti me Vigyan ki Bhumika ज्ञान हो या विज्ञान, इन विषयों का अन्वेषण और आरम्भ वास्तव में मानव-जावन को सब प्रकार के भीतरी-बाहरी झंझटों से छुटकारा दिलाकर सुख और शान्त बनाने के लिए हुआ था। लेकिन आज युग एकदम उलट रहा है। आज न तो ज्ञान हमें भीतरी अर्थात आत्मिक-मानसिक शान्ति प्रदान कर पाने में समर्थ रह गया है, न विज्ञान ही, मानव...
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January 16, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विज्ञान और चलचित्र Vigyan aur Chalchitra विगत आठ दशकों में विज्ञान के जिन आविष्कारों ने मानव जीवन में सुख एवं समद्धि की लहर उत्पन्न की, उनमे चलचित्र विशेष रूप से उल्लेखनीय है। हमारा मस्तिष्क एवं रहन-सहन इसके प्रभाव से वचित न रह सका। वास्तविकता तो यह है कि आज के प्राणी को इस आविष्कार ने बिल्कुल ही बदल डाला है। चलचित्र का आविष्कार छाया चित्रण की कला के क्रमिक विकास से...
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January 16, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भरतीय सिनेमा Bharatiya Cinema भारतीय चलचित्र जगत् या सिनेमा का आरम्भ या सिनेमा का आरम्भ मूक चित्र निर्माण से हुआ था। यह आरम्भ सोद्देश्य तो था ही, आदर्शमय भी था अर्थात् तब मनोरंजन की स्वस्थ सामग्री प्रदान करना इस का मुख्य एवं मूल उद्देश्य था। ऐसा करते समय जीवन और समाज से सम्बन्ध रखने वाली तरह-तरह की बातें, प्रश्न और समस्याएँ, मानवीय उदात भावनाएँ, देशभक्ति, जैसी बातें भी उसमें अपने आप...
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January 16, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भ्रष्टाचार के बढ़ते चरण Bhrashtachar ke Badhte Charan भ्रष्टाचार, तेरे रूप अनेक। दूसरे शब्दों में आज अनेक क्या प्रत्येक स्तर पर और अनेक रूपों में जीवन- समाज में भ्रष्टाचार का विस्तार हो चुका है, निरन्तर होता ही जा रहा है। कोई भी कोना बचा नहीं रहना चाहता। सरकार और सरकारी प्रतिष्ठानों जन सेवा से सम्बन्धित प्रतिष्ठानों का तो सीधा-सादा अर्थ ही भ्रष्टाचार का संवैधानिक अड्डा या दूसरों की जेबो पर डाका...
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January 16, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत-दक्षिण अफ्रीका सम्बन्ध Bharat South Africa Sambandh राष्ट्रों में परस्पर हितों का ध्यान तो रखना ही पड़ता है, राष्ट्र-हितों का ध्यान उस से भी पहले रखा जाता है। वस्तु सत्य तो यह है कि दो राष्ट्रों में प्रगाढ सम्बन्धों का ने राष्ट्र का हित ही हुआ करता है, पारस्परिक हितों की बात उसके आ पाती है। अफ्रीका युगों तक गोरी संस्कृति के अधीन रहा है। वहाँ के मूल निवासी इसी कारण...
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January 16, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत-अरब सम्बन्ध Bharat Arab Sambandh अभी कुछ वर्षों तक भारत के अरब देशों के साथ सम्बन्ध प्राय: अच्छे ही रहे हैं। अरब देश भारत की रीति-नीतियों का प्रायः खुलकर समर्थन किया करते थे, जब कि भारत राष्ट्रीय हितों की परवाह किए बिना अरब जगत् की हर उचित-अनुचित बात समर्थन किया करता था। यहाँ तक कि कई बार यह देखकर भी किसी अरब देश के आचरण और व्यवहार भारत की नीतियों के...
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January 16, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment