Robot “रोबोट” Hindi Essay, Paragraph in 800 Words for Class 10, 12 and competitive Examination.
रोबोट
Robot
‘रोबट’ शब्द, चेक (चेकोस्लोवाकिया) शब्द रोबोट (दासत्व) से व्युत्पन्न हुआ है। सर्वप्रथम ‘दास’ या ‘क्रीत दास’ अर्थ में ही इसका प्रयोग हुआ है। चेक नाट्यकार ‘कारल कामेक’ ने इस शब्द का इस्तेमाल अपने नाटक आर.यू.आर. (रोमन्स यूनिवर्सल रोबोट्ज) में किया था। सबसे पहले इस नाटक का मंचन 1921 ई. में चेकोस्लोवाकिया की राजधानी प्राग में हुआ। सन् 1923 ई. में लंदन में अभिनीत हुआ यह नाटक देखते-देखते अत्यधिक लोकप्रिय हो गया और साथ ही साथ ‘रोबट’ शब्द भी सुपरिचित हो गया। इस नाटक का सार यह है कि मनुष्य द्वारा आविष्कृत ‘रोबट यंत्र बाद में मनुष्य को अपना दास बना कर स्वयं प्रभु बन जाता है।
साहित्य में ‘रोबट’ (यंत्र मानव) आता है जो कारल कामेक के नाटक में भी बहुत पहले आया है। रोबट शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम 1818 ई. में माना जाता है। मेरी इलस्ताने क्राफ्ट शैल ने ‘फ्रैन्ड सीन’ नामक एक उपन्यास लिखा था । इसके नायक डॉ. विक्टर फ्रेन्कस्ताने ने एक मृत व्यक्ति के शरीर में प्राण का संचार करके एक कृत्रिम मनुष्य या रोबोट बनाया था। इसके बाद से ही साहित्य और विज्ञान में ‘रोबोट’ ने एक विशेष स्थान प्राप्त कर लिया। मनुष्य की कल्पना में रोबोट का जन्म हो चुका था, लेकिन इसके वास्तविक उन्नत प्रविधि विज्ञान की उपेक्षा थी। वर्तमान कम्प्यूटर और इलैक्ट्रॉनिक के युग में रोबट का निर्माण और उपयोग होने लगा है। अब नई खोज यह हो रही है, कि कैसे इसमें कृत्रिम ‘मस्तिष्क’ को संयोग दिया जायें। यह कृत्रिम मस्तिष्क रोबट को मनुष्य के निर्देशानुसार चलने को बाध्य करेगा। अतः अब बुद्धिमान रोबट (यंत्र मानव) के निर्माण के लिए अनुसंधान चल रहा है। वैज्ञानिकों के निरन्तर प्रयास से विज्ञान की नई शाखा ‘रोबोटिक्स,’ समृद्ध होती जा रही है।
संभवतः स्नायुविज्ञानी विलियम ग्रोवाइल्टर ने ही पहला ‘रोबट’ पशु तैयार किया था। इस स्वचालित यंत्र का नाम ‘टेस्टिडो’ ही पहले दिया गया था। लेटिन भाषा के इस शब्द का अर्थ है-‘कछुआ’। उनका यंत्र जीवित प्राणियों की अनेक प्रतिक्रियाओं की नकल कर सकता था। वाल्टर के इस यंत्र ने एक नये पथ का दिग्दर्शन दिया। ‘रोबट’ विज्ञान में नई खोज शुरू हुई। कम्प्यूटर की उन्नति के साथ ही साथ रोबट विज्ञान की भी प्रगति हुई। क्योंकि रोबट का ‘मस्तिष्क’ असल में एक तरह का कम्प्यूटर ही है। विज्ञान जगत में रोबट की भूमिका अपरिमित है। नाटबर्ट विनट, जॉन, बॉन न्यूमैन, एलेन, टूरिंग क्लॉड एजबुश शैनन आदि ने अपने अनुसंधान में इस विज्ञान को और आगे बढ़ाया है। हाल में जापान के जुनिटोमा इलैक्ट्रिक ने एक रोबट बनाया है। इसकी शक्ल आदमी से मिलती-जुलती है। यह अपनी स्मृति से अशवागाने की ज्वर लिपि देखकर आर्गन बजा सकता है। वह इस आर्गन के फुट पैडल का भी इस्तेमाल कर सकता है। इस रोबोट के शरीर में पचास जोड़ हैं। जिसका नियंत्रण 16 बिट माइक्रो प्रोसेसर करता है।
रोबट की बनावट के विषय में साधारणतया यह धारणा प्रचलित है कि यह देखने में हू-ब-हू आदमी की तरह होता है। दरअसल बात ऐसी नहीं है, जरूरत के मुताबिक ही रोबट के अंग प्रत्यंग को निश्चित किया जाता है। कोई रोबट ऐसा भी होता है कि जिसका सिर्फ एक ही कान होता है, कोई ऐसा भी होता है, जिसके चार पैर होते हैं और सामने वाले दो पैर हाथों का कार्य करते हैं। किसी रोबट में पैर की जगह पहिये लगे रहते हैं। अतः विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए विभिन्न बनावट के रोबट यंत्रों का उपयोग किया जाता है।
रोबट मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं- (1) जटिल, (2) आर्म, (3) मोबाइल । अत्यन्त गरम या तेज सक्रिय (रेडियो एक्टिव) परिवेश में जहाँ आदमी के लिए कार्य करना एकदम सम्भव नहीं है, वहाँ आदमी के विकल्प में रोबट का उपयोग किया जाता है । सम्प्रति शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में जटिल ऑपरेशन के लिए रोबट के निर्देशों का सहारा लिया जाता है। इन बातों के अतिरिक्त बिल्कुल अज्ञात और अपरिचित परिवेश में काम करने के लिए आदमी के बदले दूर नियंत्रित (रिमोट कन्ट्रोल) रोबट को भेजा जाता है। वहाँ यंत्र मानव पहले आवश्यक तथ्यों को इकट्ठा करता है फिर अपने पुटअप के लिए वैज्ञानिकों की मदद करता है। मंगल ग्रह से प्रयोजनीय तथ्यों के बारे में जानने के लिए सबसे पहले रोबट का ही इस्तेमाल हुआ था। रोबट ने ही समुद्र के अतल गर्त में दुर्घटना ग्रस्त ‘कनिष्क’ विमान के भग्नावशेषों को ऊपर उठाया था।
रोबट एक उन्नत युग के संदेश को लेकर आ रहा है। उस समय ‘यंत्र मानव’ मनुष्य के निर्देशानुसार कार्य करेगा या मनुष्य ही यंत्र मानव का ‘क्रीतदास’ बन जायेगा, इस विषय पर विचार विमर्श हो रहा है। रोबट विज्ञान के आधुनिक गवेषकों ने भी यह माना है कि जब मानव अति उन्नत बुद्धिमान रोबट बनाने में सफल हो जायेगा तब हमें डॉ. रशि मॉव के सूत्रों को याद रखना पड़ेगा।
(1) रोबट कभी किसी मनुष्य को चोट नही पहुँचायेगा। अथवा निष्क्रिय रहकर उसे खतरे में नहीं डालेगा।
(2) रोबट हमेशा मनुष्य के आदेश का पालन करेगा। यदि वह आदेश पहले सूत्र का विरोध न करें।
(3) रोबट सदा अपने अस्तित्व की रक्षा करेगा यदि वह आत्म रक्षा का प्रयत्न पहले और दूसरे सूत्र का विरोध न करें।
तभी रोबट आधुनिक युग का एक नवीनतम विषय है। और विज्ञान तथा प्रविधि एक उन्नत अभिव्यक्ति।