Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Paryavaran”, “पर्यावरण” Complete Essay for Class 9, 10, 12 Students.
पर्यावरण
Paryavaran
‘पर्यावरण’ शब्द ‘परि’ तथा ‘आवरण’ शब्दों के संयोग से बना है। ‘परि’ का अर्थ है चारों ओर एवं आवरण’ का अर्थ होता है आच्छादन या घिरा हुआ। अतः पर्यावरण का अर्थ हुआ चारों ओर का वातावरण।
अपने आस-पास की हवा, जल तथा अन्य सभी वस्तुओं को ‘पर्यावरण’ कहते हैं। इसकी भौतिक, रासायनिक तथा जैविक विशेषताओं में अवांछनीय परिवर्तन ही प्रदूषण है। प्रदूषण से जीव-जंतुओं, पौधों एवं मानव जाति को बहुत हानि होती है। दूषित हो रही हवा, पानी, मिट्टी, मरुभूमि, दलदल, नदियों का उफनकर बहना और गर्मी में सूख जाना, जंगलों को काटने से पेयजल का संकट, वर्षा की अनियमितता गंदे पानी का उचित रूप से निकास नहीं होना आदि पर्यावरण प्रदूषण के अंतर्गत आते हैं। इस औद्योगिकीकरण के युग में बड़े-बड़े नगरों में वाहनों से निकलने वाला धुआँ, कारखानों से राख या गैस आदि निकलती रहती हैं। ये सब पर्यावरण प्रदूषण के कारण हैं, जिनसे हवा, जल या पृथ्वी के जीव प्रभावित होते हैं।
पर्यावरण प्रदूषण की समस्या आज संसार के सामने एक विकराल रूप लेकर उपस्थित है। इसे रोका नहीं गया तो वर्तमान सृष्टि का विनाश भी हो सकता है। पर्यावरण प्रदूषण से बचने हेतु अधिक-से-अधिक पेड़-पौधे लगाए जाने चाहिए। आज यह प्रदूषण मानव के लिए चुनौती है। अतः प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि पर्यावरण प्रदूषण से बचाव के कार्य में सहयोग कर सृष्टि को विनाश से बचाए।
पर्यावरण से जीव-जंतु और मानव प्रभावित होते हैं। जनसंख्या वृद्धि से सामाजिक पर्यावरण बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। समाज तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य और मानसिकता को पर्यावरण प्रभावित करता है। अत: पर्यावरण का स्वच्छ और स्वस्थ होना अति आवश्यक है। भावी पीढ़ी भी पर्यावरण से प्रभावित होती है। अतः हमें पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक होना चाहिए। प्रत्येक वर्ष 5 जून को अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस मनाया
जाता है।