Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Mera Pirya Khel Football”, “मेरा प्रिय खेल फुटबॉल” Complete Essay for Class 9, 10, 12 Students.
मेरा प्रिय खेल फुटबॉल
Mera Pirya Khel Football
भूमिका-स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। हमारा शरीर खेल-कूद या व्यायाम से स्वस्थ रहता है तथा हमारा मस्तिष्क अच्छी-अच्छी पुस्तकों के अध्ययन से स्वस्थ रहता है।
खेल दो प्रकार के होते हैं-घर के अंदर खेले जानेवाले तथा घर के बाहर मैदानों में खेले जाने वाले खेल। घर में खेले जाने वाले खेल हैं-कैरम, लुडो, शतरंज, टेबल टेनिस आदि। बाहर मैदान में खेले जाने वाले खेल है-लॉन टेनिस, क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल, बैडमिंटन, पोलो, कबड्डी, खो-खो आदि। कोई भी खेल पसंद के अनुसार खेला जाता है।
वर्णन-मेरा प्रिय खेल फुटबॉल है। यह खेल दो दलों के बीच होता है। प्रत्येक दल में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। खेल का संचालन रेफरी करता है। एक बड़े मैदान के चारों ओर आयताकार रूप में उजली रेखाओं का घेरा रहता है। खेल घेरे के अंदर होता है। घेरे के दोनों लंबाई वाले छोरों पर गोल पोस्ट होता है। दोनों गोल पोस्ट में जाल लगा रहता है। गोल पोस्ट के आगे गोलकीपर होता है। शेष खिलाड़ी मैदान के घेरे के बीच पैरों से गेंद को मारते हुए दौडते हैं। प्रत्येक दल का लक्ष्य विपक्षी दल के गोल पोस्ट में गेंद डालना होता है। जो दल अधिक गोल करता है, वह विजयी होता है।
यदि खेल समाप्ति तक दोनों दलों के गोल बराबर होते हैं, तब खेल बराबरी का माना जाता है।
उपसंहार-फुटबॉल का खेल शक्ति का खेल है। कोई भी खेल हममें उत्साह, उमंग और आनंद का संचार करता है। यह हमें अनुशासन, एकता और मित्रता का पाठ पढाता है।