Home » Languages » Hindi (Sr. Secondary) » Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Vevahik Jeevan me Bdhta Tanav”, “वैवाहिक जीवन में बढ़ता तनाव” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Vevahik Jeevan me Bdhta Tanav”, “वैवाहिक जीवन में बढ़ता तनाव” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

वैवाहिक जीवन में बढ़ता तनाव

Vevahik Jeevan me Bdhta Tanav

                वर्तमान समय में वैवाहिक जीवन उतना सुखी नहीं रह गया है जितना पहले हुआ करता था। अब वैवाहिक जीवन में निरंतर तनाव बढ़ता जा रहा है। पति-पत्नी के संबंधों की मधुरता निरंतर घटती-मिटती जा रही है। यह तनाव क्यों बढ़ रहा है, इसके कारणों पर हमें विचार करना होगा।

                आज का जीवन उतना सरल नहीं रह गया है। हमारी आर्थिक आवश्यकताएँ निरंतर बढ़ती जा रही हैं। अतः अब पत्नी को भी काम पर जाना पड़ता है। जब वह धन कमाकर लाती है तो पत्नी में तो अहं भाव जागता है और पति में हीन भावना। इन दोनों में टकराहट होती है और तनाव बढ़ता है। पति को पत्नी का आत्मनिर्भर होना सुहाता नहीं है। उसकी सोच में अभी तक कोई विशेष अंतर नहीं आया है।

                वैवाहिक जीवन में तनाव का दूसरा कारण है- दहेज। पति के घरवाले यह अपेक्षा करते हैं कि आने वाली बहु अपने साथ भरपूर दहेज लेकर आए। वह जितना भी दहेज लेकर आती है, उससे दहेज लोभियों को कभी संतुष्टि नहीं होती। बहू को ताने दिए जाते हैं, गाली-गलौंच की जाती है, मारा-पीटा जाता है और कई बार उसे जलाकर मार दिया जाता है। कभी-कभी उसे इतना प्रताड़ित किया जाता है कि वह आत्महत्या करने तक को विवश हो जाती है। यह कदम बढ़ते तनाव की परिणति होती है।

                वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ने का एक अन्य कारण है स्त्रियों की बढ़ती स्वच्छंदता। अब ‘विमंस लिब’ का ज़माना आ गया है। पत्नी अब पति से दबती नहीं है। वह अपना स्वतंत्र जीवन जीना चाहती है। पति के दंभी अहं को यह स्वीकार नहीं होता, अतः टकराहट की स्थिति आ जाती है और वैवाहिक जीवन तनावपूर्ण हो जाता है। कई बार विवाहेत्तर संबंधों को लेकर गृहस्थी में आग लग जाती है और तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

                कारण चाहे जो भी, पर देखा यह जा रहा है कि वैवाहिक जीवन में उतनी मृदुता नहीं रह गई जितनी पहले रहती थी। अब पति-पत्नी तनावपूर्ण स्थिति में जीते हैं। आजकल जो डिप्रेशन बढ़ रहा है उसका मूल कारण यही तनाव है। हमारे विचारों में अभी तक खुलापन नहीं आ पाया है जो समय की माँग है।

                वैवाहिक जीवन में बढ़ते तनाव को कम करना बहुत जरूरी है। विवाह एक संस्था है। पाश्चात्य प्रभाव के कारण यह टूटती जा रही है। इसको बचाए रखना अत्यंत आवश्यक है। आज प्रायः देखा जाता है कि विवाह के कुछ समय बाद से ही सुखद वैवाहिक जीवन का बुखार उतर जाता है और आपस में मन-मुटाव की स्थिति आ जाती है। अब परिवार में पुरूष का वर्चस्व टूटता जा रहा है। पुरूष का दंभ इसे सह नहीं पाता और शुरू हो जाता है तनाव। यह तनाव तो जीवन के हर क्षेत्र में व्याप्त हो गया है। इसे आधुनिक जीवन-शैली की देन कहा जा सकता है।

                वैवाहिक जीवन के तनाव से बिखरते परिवार अदालतों की शरण में चले जाते हैं। वहाँ तलाक के मुकदमों की भरमार है। अब वैवाहिक जीवन की पवित्रता मिटती जा रही है। अब कोई किसी की बात नहीं मानता। सभी स्वयं को सुपर मानने लगे हैं। इससे तनाव बढ़ रहा है। यह तनाव कभी भी सही दिशा में नहीं सोचने देता। यह तनाव वैवाहिक जीवन को भस्म कर रहा है। इससे बचने के उपाय सोचने होेंगे। लोगों में सहनशीलता की भावना बढ़ानी होगी। हमें वैवाहिक जीवन को बचाकर रखना ही होगा। इसे छोटी-छोटी बातों पर बर्बाद नहीं किया जा सकता।

About

The main objective of this website is to provide quality study material to all students (from 1st to 12th class of any board) irrespective of their background as our motto is “Education for Everyone”. It is also a very good platform for teachers who want to share their valuable knowledge.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *