Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Sean Connery” , ”शॉन कोनेरी” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
शॉन कोनेरी
Sean Connery
इंग्लैंड : “माई नेम इज बांड-जेम्स बांड”
जन्म : 1930
माई नेम इज बांड-जेम्स बांड।” इस परिचय के साथ डॉ. नो का हीरो शॉन कोनेरी सारी दुनिया पर छा जाता है। लोग इयान फ्लेमिंग के इस किताबी और फिल्मी चरित्र को सत्य मानने लगे हैं, ऐसा है जेम्स बांड का सम्मोहन।
शॉन कोनेरी का जन्म एक निर्धन मजदूर परिवार में 25 अगस्त, 1930 को एडिनबरा (इंग्लैंड) में हुआ था। उसका बचपन मजदूरी करते हुए बीता। कुछ दिनों तक वह नौसेना में भी रहा।
अभिनय की दुनिया में शॉन को पहली सफलता सन् 1957 में बी.बी.सी. के धारावाहिक ‘रिक्विम फॉर ए हैवीवेट’ से मिली। अगले वर्ष वह वाल्ट डिस्नी के साथ अमरीका आ गए। वह वह समय था, जब इयान फ्लेमिंग नामक ब्रिटिश उपन्यासकार अपनी ‘जेम्स बांड’ सीरिज के उपन्यासों पर फिल्म बनाना चाह रहे थे। इसमें नायक बनने के लिए रोजर मूर, केरी ग्रांट आदि सितारे प्रस्तावित थे, किन्तु आखिरकार शॉन को ही अवसर मिला। वह सन् 1962 में ‘डॉ.नो’ का हीरो बने। यह ‘जेम्स बांड’ सीरिज में पहली फिल्म थी। इस फिल्म से करोड़ों का मुनाफा हुआ।
इसके बाद ‘फ्रॉम रसिया विद लव’, ‘फ्रॉम जीरो जीरो सेवन विद लव’ (1963), ‘गोल्डफिंगर’ (1964), ‘थंडरबाल’ (1966), ‘यू ओनली लिव ट्वाइस’ (1967), ‘डायमंड्स आर फॉर एवर’ (1971) एवं ‘नेवर से नेवर अगेन’ (1983) में शॉन ने जेम्स बांड की भूमिकाएं कीं। ये फिल्में दुनिया भर में चर्चा का केंद्र बनीं। आज भी इयान फ्लेमिंग का ‘जेम्स बांड’ शॉन कोनेरी के रूप में लोगों में रोमांच भर देता है।
शॉन कोनेरी ने कई अन्य फिल्मों में काम किया है, जिनमें ‘द मैन ह वड बी किंग’. ‘रॉबिन हुड’, ‘द अनटचेबल्स’, ‘द नेम ऑफ रोज’, ‘इंडियाना जोंस एंड द लास्ट क्रसेड’ आदि प्रमुख हैं। ‘द अनटचेबल्स’ के लिए शॉन कोनेरी को ‘ऑस्कार एवॉर्ड’ मिला है।