Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Olof Palme” , ”ओलोफ पाल्मे” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
ओलोफ पाल्मे
Olof Palme
यूरोप : निरस्त्रीकरण व समाजवाद के प्रणेता
जन्म : 1927 मृत्यु : 1986
भारत के विदेशी मित्रों में स्वीडन के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. ओलोफ पाल्मे का स्थान उल्लेखनीय है। उन्होंने यूरोप में समाजवाद को प्रोत्साहित किया तथा निरस्त्रीकरण की ओर पहल की।
ओलोफ पाल्मे का जन्म 30 जनवरी, 1927 को स्टॉकहोम (स्वीडन) में हुआ था। उन्होंने स्टॉकहोम विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा ली और सन् 1950 से ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी’ में शामिल हो गए। सन् 1958 में उन्हें संसद के लिए चुना गया। तीन वर्षों के बाद वह प्रधानमंत्री के सलाहकार बने। बाद में वह मंत्रिमंडल में विभिन्न पदों तक पहुंचे। सन् 1969 में वह प्रधानमंत्री बने। 1 मार्च, 1986 को जब वह अपनी पत्नी लिजबेथ के साथ एक फिल्म देखकर वापस आ रहे थे, तभी रास्ते में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। उस समय वह प्रधानमंत्री पद पर कार्यरत थे।
ओलोफ पाल्मे की रहस्यमय हत्या की विश्वभर में निंदा की गई। उनके आकस्मिक निधन से विश्वशांति का एक प्रबल समर्थक राजनेता विश्व जगत से ओझल हो गया। वह तीन दशकों तक यूरोप की राजनीति में छाए रहे। इस दौरान उन्होंने शांति और समाजवाद का संदेश फैलाया। वियतनाम में अमरीकी हस्तक्षेप की घोर निन्दा करने में वह अग्रणी थे। उन्होंने इरान-इराक यद्ध को समाप्त कराने की भी कोशिशें की। अपने उदारवादी व्यवहार के कारण वह बड़े लोकप्रिय रहे। उन्हें भारत ने मरणोपरांत ‘जवाहर लाल नेहरू अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार’ देकर सम्मानित किया।
पाल्मे की हत्या क्यों हुई व किसने की, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। उनकी हत्या की जांच पर करोड़ों डॉलर खर्च किए जा चुके हैं। इरान या बोफोर्स कंपनी के उनके हत्याकांड में शामिल होने का संदेह है क्योंकि निरस्त्रीकरण मिशन के अंतर्गत पाल्मे ने बोफोस कंपनी पर इरान को हथियार बेचने की पाबंदी लगा दी थी। साथ ही वह बोफोर्स के सौदों के बार। मजाच भी कराना चाहते थे। उल्लेखनीय है कि बोफोर्स के गोपनीय रहस्यों की छान-बीन में लगे अन्य पत्रकार एवं अधिकारियों की भी उन्हीं दिनों हत्याएं हुई।
आजकल पाल्मे की स्मृति में एक अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार दिया जाता है।