Hindi Essay/Paragraph/Speech on “John Dryden” , ”जॉन ड्राइडेन” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
जॉन ड्राइडेन
John Dryden
इंग्लैंड : महान कवि
जन्म : 1631 मृत्यु : 1700
जॉन ड्राइडेन इंग्लैंड के महान कवियों में से एक थे। सत्रहवीं शताब्दी के प्रमुख साहित्यकारों में उनकी गणना होती है। बुद्धिजीवी वर्ग में वह अपनी ओजस्वी काव्य प्रतिभा के लिए जाने जाते हैं। अंग्रेजी साहित्य में 17वीं सदी के दक्षिणार्ध को ‘ड्राइडेन युग’ कहा जाता है।
ड्राइडेन का जन्म 9 अगस्त, 1631 को नार्थेपटनशायर में हुआ था। टिकमार्श में बचपन बिताने के बाद उन्होंने वेस्टमिंस्टर स्कल प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की तथा कैम्ब्रिज से सन् 1654 में बी.ए. किया। वह सन् 1627 में लंदन आ बसे। सन् 1663 में उन्होंने एलिजाबेथ हॉवर्ड से विवाह किया। सन् 1683 में उनको कस्टम कलेक्टर नियुक्त किया गया, किंतु सन् 1688 में जब उन्होंने कैथोलिक बनना स्वीकार किया, तो उनके पद एवं पेंशन उनसे छीन लिए गए। राज्य की ओर से यह ड्राइडेन का बहुत बड़ा अपमान था, क्योंकि इससे पहले उन्हें सन् 1670 में राजकवि एवं इतिहासकार घोषित गया था। ड्राइडेन की मृत्यु सन् 1700 में हुई।
ड्राइडेन ने साहित्य की सभी विधाओं पर अपनी लेखनी चलायी। उनकी प्रसिद्ध कृतियां हैं ‘एस्से ऑफ डैमेटिक पोयजी’ (1668), ‘रेस्टोरेशन’, ‘अस्ट्रेइया रिडक्स’, ‘एन्नस मिरा बिलिस’, ‘कामेडी द वाइल्ड गेलेंट’, ‘लव ट्रायूँफेंट’, ‘कांकेस्ट ऑफ ग्रेनेडा’ (1670), ‘औरंगजेब’ (1675), ‘आल फार लव’ (1677), ‘एबसालम एंड एकीटाफेल’, ‘दि मेडल’, ‘रेलीजिओ लाइसी’ (1682), ‘टू दि पायस मेनरी ऑफ मिसेज’, ‘एनी किलीग्रयू’ (1686), ‘ए सांग फॉर सेंट सेसीलियाडे’ (1687), ‘डॉन सिबैस्टियन’ (1689), ‘द हिंड एंड दि पैंथर’, ‘अलेक्जेंडर’ (1697), ‘फेबल एशेट एंड मार्डन’ (1700)।