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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Dante Alighieri” , ”दांते” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

दांते

Dante Alighieri

 

इटली : स्वर्ग-नरक की भावना के लेखक

जन्म : 1265 मृत्यु : 1321

 

दांते का जन्म सन् 1265 में फ्लोरेंस (इटली) में हुआ था। उनके पिता का नाम आलिगियरी तथा मां का नाम वेला था। दांते ने लैटिन, यूनानी (ग्रीक) आदि भाषाओं एवं विज्ञान, संगीत, दर्शन तथा व्याकरण की शिक्षा पाई थी। सन् 1298 में वह कंपोनडिया के युद्ध में फ्लोरेंस की ओर से लड़े। उनमें राजनैतिक गुण भी थे। सन् 1301 में वह राजदूत बनकर पोप से मिलने गए, पर उधर फ्लोरेंस में उनके विरोधियों ने सत्ता हथियाकर उन्हें निर्वासित करने की घोषणा कर दी। परिणामस्वरूप फ्लोरेस का यह शभचिंतक 19 वर्षों तक निर्वासित रहा। सन् 1321 में उनकी मृत्यु हो गई।

 

‘डिवाइन कॉमेडी’ को विश्व साहित्य की महान कृतियों में माना गया है। इसकी रचना दाते ने बेयत्रिस नामक एक संदरी की प्रेरणा से की थी। उनकी दूसरी प्रसिद्ध कृति ‘ला वाइट न्तोवा’ का आधार भी बेयत्रिस ही है। जब दांते मात्र 9 वर्ष के थे, तब उनकी भेंट बेयत्रिस से हुई थी, जिसने उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया था। दूसरी बार वह उससे 18 वर्ष की आयु में मिले, परन्तु तब तक उसका विवाह किसी और युवक से हो गया था। सन् 1920 में मात्र 26 वर्ष की अवस्था में बेयत्रिस की मृत्यु हो गई। उस समय दांते यवा थे। बेयत्रिस के प्रेम और विरह ने उन्हें अपने प्रभाव से कभी मुक्त नहीं होने दिया। इसी प्रेम और आकुल जीवन की परिणति ‘डिवाइन कॉमेडी’ के रूप में सामने आई। इस महाकाव्य के नायक स्वयूँ दांत व नायिका बेयत्रिस हैं। इस ग्रंथ का प्रथम खंड नरक, द्वितीय खंड भूमि तथा तृतीय खंड स्वर्ग की कथा प्रस्तुत करता है। नरक एवं स्वर्ग की इस काल्पनिक यात्रा में विर्जिल तथा बेयत्रिस उनके सहयोगी बनते हैं।

दांते एक आशावादी चरित्र थे। वह दर्प, घृणा, क्रोध , आलस्य, लोभ तथा अति भोजन को पाप मानते थे। ‘डिवाइन कॉमेडी’ के माध्यम से उन्होंने मनुष्य को अच्छा कर्म करने तथा बुराइयों से बचने की प्रेरणा दी है।

दांते की गणना गेटे, वर्जिल, कालिदास, शेक्सपियर, होमर आदि की श्रेणी में होती है। इतालवी भाषा के एवं विकास में उनका प्रमुख योगदान है।

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