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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Information Technology ki Uplabhdiya”, “सूचना प्रौद्योगिकी की उपलब्धियाँ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

सूचना प्रौद्योगिकी की उपलब्धियाँ

Information Technology ki Uplabhdiya

                आधुनिक युग समूचना पौद्योगिकी क्रान्ति की वजह से आई. टी. (सूचना पौद्योगिकी) का युग कहा जा सकता है। मानव की वैगानिक उपलब्धियों में यह महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी उपलब्धि है। कंप्यूटर और इंटरनेट के सहयोग से आज का मानव विश्व के किसी भी भाग से किसी भी प्रकार की सूचना प्राप्त कर सकता है। वह सम्पूर्ण विश्व में अपने उत्पादन का विज्ञापन कर सकता है। वह पारम्परिक या आणविक हथियारों से बिना लड़े युद्ध कर सकता है। टंकण, मुद्रण, चित्रांकन, शिक्षा, व्यवसाय, विज्ञान, व्यापार प्रबंधन में ही नहीं खेल से लेकर युद्ध के मैदान में सेनाओं की व्यूव-रचना, जहाज, पनडुब्बी, हवाई जहाज के साथ प्रक्षेणास्त्र तथा अंतरिक्ष यानों के प्रक्षेपण तथा संचालन का दायित्व कम्प्युटर ने ली लिया है। सूचना पौद्योगिकी कम्प्यूटर और इंटरनेट पर ही आधारित है। आजकल प्रत्येक कर्यालयों में कम्प्यूटर का प्रयोग होता है। इसके आभाव में जहाज उड़ान नहीं भर सकते। रेलवे स्टेशनों पर टिकट बुक नहीं हो सकते। कार्यालयों में और अन्य क्षेत्रों में अब बड़ी-बडी़ फाइलों का ढेर रखने की आवश्यकता नहीं रह गई, इसके लिए कंप्यूटर की एक छोटी-सी फ्लाॅपी ही पर्याप्त हैं

                अब संदर्भ-ग्रंथों से भरी अलमारियों की आवश्यकता नहीं है। बडे-बडे़ आकार इनसाइक्लोपीडिया का युग समाप्त हो गया अब अनेक भाषाओं के शब्द-भंडार और उसके पर्याय के लिए कंप्यूटर की एक छोटी-सी डिस्क भर पर्याप्त है। अब उपन्यासों तथा समाचार-पत्रों को कंप्यूटर पर पढ़ा जा सकता है। विभिन्न सूचनाओं को इंटरनेट की सहायता से पूरे विश्व में पहुँचाया जा सकता है। इंटरनेट पर व्यापार किया जा सकता है और मनचाही फिल्में देखी जा सकती है। अंतरिक्ष विज्ञान, मौसम, धरती, समुद्र तल और भूकंप की जानकारी कंप्यूटर द्वारा संभव है। अब अणु परीक्षणों के लिए किसी पोखरण की आवश्यकता नहीं रह गई है। यह काम कंप्युटर पर ही हो सकता है। सारी दुनिया कमरे के एक कोने में सिमट आई है। हम अपने देश के ही नहीं बल्कि संसार के किसी भी भाग में हो रहे टेलीविजन कार्यक्रम को अपने इंटरनेट पर देख सकते हैं। विश्व के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से ’चैटिंग’ (बातचीत) कर सकते है। अब तो इंटरनेट पर शादी-विवाह संबंध भी तय होने लगे हैं। व्यक्ति को अपनी कम्पनी या कार्यालय के कार्य हेतु कब कहा जाना है, या कहीं बाहर जाना है तो सारे कार्यक्रम रेलवे या हवाई जहाज के आरक्षण टिकट, उडा़न के समय पूरे कार्यक्रम का ब्यौरा और आवश्यक निर्देश इंटरनेट पर ही मिल जाएँगें। यदि आपको किसी विश्वविद्यालय में दाखिला लेना है तो विभिन्न देशों के काॅलेजों के विषय में इंटरनेट पर घर बैठे सूचना मिल जाएगी। अब किसी भी क्षेत्र की कोई सूचना क्षण भर में वैबसाइट पर प्राप्त हो जाती है।

                हमारे देश के वैज्ञानिकों ने अब तो सुपर कम्प्यूटर भी बना लिया है। वर्तमान समय में देश के विकास के लिए परमाणु तकनीक की अपेक्षा सुपर कंपयूटर का महत्व अधिक है। सुपर कम्प्यूटर ’परम-1000’ एक सैंकेड मंे एक अरब गणितीय गणनाएँ कर सकता है। इससे मौसम विज्ञान, भूकंप विज्ञान से संबंधित नवीनतम जानकारी और भौगोलिक सूचनाओं से संबंधित जानकारी मिलेगी। इसके साथ सामरिक क्षेत्र में भी भारत लम्बी छलांग लगा सकता है। इस कम्प्यूटर के निर्माण से हम आत्मनिर्भरता के युग मे प्रवेश कर सकते है। सुपर कम्प्यूटर के कारण हमें 5-6 अरब डाॅलर का बाजार मिल सकता है।

                ऐसी संभावना है कि भविष्य में युद्व सेना द्वारा नहीं बल्कि वैज्ञानिकों द्वारा कम्प्यूटर पर लड़े जाएँगें। भारतीय थल सैनिक अधिकारियों को आशंका है कि विकसित देशों की तरह भारत जब पूरी तरह सूचना तकनीक पर निर्भर हो जाएगा तो कोई भी शत्रु देश या आतंकवादी गुट कंप्यूटरी आक्रमण कर सकता है। इस तरह बैकिंग और वितीय लेन-देन को अवरूद्व किया जा सकता है। प्रमुख शहरांे और रेलवे यातायात प्रणाली के कंम्यूटर तंत्र को ध्वस्त किया जा सकता है। विमानों के उड़ान-पथ मंे भटकाव पैदा कर दुर्घटनाए करवाई जा सकती है। एक थल सैनिक अधिकारी के अनुसार भविष्य में किसी भी देश को तहस-नहस करने के लिए टैंकों, लड़ाकू विमानों, तोपों और मिसाइलों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी बल्कि राष्ट्रीय सूचना ढाँचा पर ही कम्प्यूटरी आक्रमण करवाकर यह उद्येश्य प्राप्त किया जा सकता है।

                इसमें संदेह नहीं कि सूचना पौद्योगिकी के बिना वर्तमान युग का विकास अवरूद्व हो जाएगा। आजकल अनेक लोग वैबसाइट उड़ा देते हैं। वे विभिन्न प्रकार के वाइरसों से करोड़ों रूप्ये की हानि पहुँचा देते हैं। इसके बावजूद सूचना प्रौद्योगिकी द्वारा ही देश का तीव्र विकास संभव है।

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