Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Hamara Paryavaran aur Pradushan” “हमारा पर्यावरण और प्रदूषण” for Class 10, 12 Examination.
हमारा पर्यावरण और प्रदूषण (Hamara Paryavaran aur Pradushan)
पर्यावरण शब्द ‘परि’ और ‘आवरण’ से मिलकर बना है। परि अर्थात् “चारों ओर से” और आवरण अर्थात् ” घेरे हुए”। जिसे हम कह सकते हैं कि पर्यावरण का अर्थ एक ऐसे वातावरण से है जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। प्रकृति द्वारा हमारे लिए एक स्वस्थ और सुखद आवरण का निर्माण किया गया था परंतु मनुष्य जाति ने अपने ‘भौतिक सुखों की होड़ में आज उसे दूषित कर दिया है। जैसे-जैसे वैज्ञानिक उपकरण बढ़ते जा रहे हैं, वैसे-वैसे पर्यावरण दूषित होता जा रहा है। अब हमें शुद्ध वायु तक उपलब्ध नहीं है। इस प्रदूषण का कारण यही है कि आज अंधाधुंध वृक्षों की कटाई की जा रही है, जनसंख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। उद्योगों का अनियमित फैलाव, चिमनियों से आबादी के मध्य धुंआ उगलना एवं यातायात के साधनों की अभूतपूर्व वृद्धि आदि ही इसके लिए जिम्मेदार है। आज कारखानों का रासायनिक जल, शहरों का गंदा पानी, जहाजों द्वारा तेल आदि सब नदियों तथा समुद्रों में मिला दिया जाता है जिसके कारण अनेक प्रकार की बीमारियाँ फैल रही है। पर्यावरण प्रदूषण के कई प्रकार होते हैं जिसमें जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण आदि शामिल हैं जिनके कारण प्रकृति व मनुष्य जाति दोनों को ही समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तथा दोनों के लिए ही खतरा बढ़ रहा है। इस खतरे से प्रकृति व मनुष्य दोनों को सुरक्षित रखने के लिए इस पर रोक लगाई जानी आवश्यक है। इसे रोकने के लिए अधिक-से-अधिक वृक्ष लगाये जाने चाहिए, उनका संरक्षण किया जाना चाहिए तथा नदियों में कूड़ा-कचरा एवं कारखानों के अवशेष न गिराकर जल को शुद्ध बनाया जाना चाहिए, तेज ध्वनि वाले उपकरणों व वाहनों पर नियंत्रण, ज्यादा मात्रा में वृक्षारोपण कर वातावरण को शुद्ध व हरा-भरा स्वच्छ बनाया जाए।