Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Grameen Jeevan” “ग्रामीण जीवन” for Class 10, 12 Examination.
ग्रामीण जीवन (Grameen Jeevan)
हमारे कवियों ने भारतीय गाँवों के अत्यंत ही लुभावने चित्र अपनी कविता में खींचे है। किसी ने गाँवों को भारत की आत्मा कहा तो किसी ने उसे देश का हृदय-स्पंदन। भारत प्राचीनकाल से ही कृषि पर निर्भर रहा और देश की 70 प्रतिशत से भी अधिक जनसंख्या गाँव में निवास करती है। अगर भारत की सच्ची तस्वीर देखनी हो, उसका महत्व जानना हो तो उसे गांव के दर्शन करने चाहिए। गाँव में प्रकृति अपने सबसे सुंदर रूप में दिखाई देती है- हरे-भरे खेत, बरसता सावन, सुगंधित हवा के झोंके, कूकती कोयल, नाचते मोर, हुक्का पीते या खेतों की जुताई- बुआई करते किसान, बाजरे और मक्की की रोटी, झूमती सरसों, दूध-दही, मक्खन-घी, धन-धान्य से भरे खेत- खलिहान – यह है गाँव का मनोरम चित्र। विशुद्धता इसकी पहचान है। आज भी यहाँ की सारी वस्तुएँ मिलावट रहित रहती है। गाँव का सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन भी अत्यंत मनोहारी होता है। सभी ग्रामवासी भाईचारे के अटूट बंधन में बंधे एक दूसरे के दुख-सुख में बढ़कर हिस्सा लेते हैं त्योहार मनाते है, सामाजिक परंपराएँ भी निभाते हैं। भारत के ग्राम्य जीवन में प्रकृति को हर लय-ताल पर झूमते, नाचते-गाते और गुनगुनाते देखा जा सकता है।