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Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Dr. A.P.J Abdul Kalam”, “डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम

Dr. A.P.J Abdul Kalam

Essay No. 1

भारत के ‘मिसाइल मैन’ के रूप में विख्यात डॉ. कलाम ने 25 जुलाई, सन् 2002 को भारत के 12 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश श्री बी. एन.किरपाल ने उन्हें पद और । गोपनीयता की शपथ दिलाई। डॉ.अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, सन् 1931 को तमिलनाडु में रामेश्वरम् जिले के धनुष्कोडि नामक स्थान पर एक साधारण मछुआरा परिवार में हुआ था। डॉ. कलाम बचपन से ही कुशाग्न-बुद्ध थे। उन्होंने रामनाथपुरम् के श्वार्ट्ज हाईस्कूल से माध्यमिक और सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचि से बी.एस.सी. की परीक्षा पास की। उसके बाद मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी से उन्होंने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डी.एम.आई.टी. की उपाधि ग्रहण की। मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रवेश दिलाने के लिए डॉ. कलाम की माँ को अपने सोने के कंगन और हार तक गिरवी रखने पड़ गए थे। एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने के बाद कलाम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में प्रशिक्षु के रूप में भर्ती हुए। बाद में रक्षा मंत्रालय के तकनीकी विकास एवं उत्पादन निदेशालय में तकनीकी सहायक के रूप में उनकी नियुक्ति हुई। उसके बाद डॉ. कलाम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

1960 के दशक में डॉ. कलाम ने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र थुम्बा (केरल) में प्रवेश किया। वहाँ आपने प्रथम स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान कार्यक्रम के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई। ये 1982 में पुन: DRDO में निदेशक के रूप में नियुक्त हुए। DRDO में उन्होंने 5 स्वदेश-निर्मित प्रक्षेपास्त्रों से संबंधित संयुक्त नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम का संचालन किया।

  1. नाग-एंटी-टैंक नियंत्रित प्रक्षेपास्त्र।
  2. पृथ्वी-सतह से सतह पर मार करने वाला युद्ध क्षेत्र प्रक्षेपास्त्र।
  3. आकाश-तीव्रगामी, सतह से हवा में मार करने वाला मध्यम श्रेणी प्रक्षेपास्त्र।।
  4. त्रिशूल-तीव्र प्रतिगामी, सतह से हवा में मार करने वाला लघु श्रेणी का प्रक्षेपास्त्र।
  5. अग्नि-मध्यम श्रेणी का बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र।

डॉ. कलाम ने भावी प्रक्षेपास्त्र तकनीक के क्षेत्र में उन्नति हेतु एक विकसित तकनीकी अनुसंधान केंद्र की स्थापना की, जिसे रिसर्च सेंटर इमारत’ कहा जाता है। कलाम के मिसाइल काल की संभवत: यह सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है। DRDO में एक दशक तक सेवा करने के बाद डॉ. कलाम को रक्षा मंत्री का वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त किया गया। 1981 में ‘पद्म-भूषण’, 1990 में ‘पद्म-विभूषण’ प्राप्त करने के बाद 1997 में डॉ. कलाम को भारत के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से अलंकृत किया गया। 8 दिसंबर, 2000 को योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री के. सी. पंत ने इंडियन नेशनल अकादमी ऑफ इंजीनियरिंग, नई दिल्ली के वार्षिक समारोह में उन्हें इंजीनियरिंग के लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया। 25 नवंबर, 1999 से 10 नवंबर, 2001 तक डॉ. कलाम ने भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में देश की सेवा की। बाद में उन्होंने यह पद छोड़ दिया और राष्ट्रपति चुने जाने तक अन्नामलाई यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रूप में कार्य करते रहे।

डॉ. अब्दुल कलाम कर्नाटक शास्त्रीय संगीत के अच्छे ज्ञाता हैं। अपने खाली समय में वह वीणा बजाते हैं। वे एक अच्छे लेखक भी हैं। अपनी मातृभाषा तमिल में उन्होंने कई कविताएँ लिखी हैं। उनकी 17 कविताओं का अंग्रेजी अनुवाद ‘My Journey’ शीर्षक से पुस्तक रूप में प्रकाशित भी किया गया है। ‘इंडिया-2020′ और ‘विंग्स ऑफ फायर’ उनकी अन्य प्रकाशित रचनाएँ हैं।

डॉ. कलाम की सभी धर्मों के प्रति समान श्रद्धा है। वास्तव में डॉ. कलाम ने देश के युवाओं के समक्ष एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया है। देश के युवाओं के लिए उनका मंत्र है, ”सपने देखिए, पहले उन्हें विचारों में और फिर क्रिया रूप में साकार कीजिए।” उनका मानना है कि किसी भी क्षेत्र में सर्वोत्तम कार्य करने के लिए सबसे पहले आवश्यक है, एक उत्तम मनुष्य होना।

 

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

Dr. A.P.J. Abdul Kalam

Essay No. 2

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारतवर्ष के ग्यारहवें राष्ट्रपति थे। वे 25 जुलाई, 2002 को राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए। वे राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाने वाले पहले वैज्ञानिक हैं।

डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, सन् 1931 को दक्षिण भारत के रामेश्वरम में हुआ था। वे एक गरीब मछुआरे परिवार में पैदा हुए थे। अपनी प्रारंभिक शिक्षा रामेश्वरम में रहकर ही पूरी की। उन्होंने हाईस्कूल की परीक्षा रामनाथपुरम के एक विद्यालय से उत्तीर्ण की। वे उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए त्रिचिरापल्ली गए तथा वहाँ उन्होंने सेंट जॉसेफ कॉलेज में प्रवेश ले लिया। कलाम बचपन से ही एक वैज्ञानिक बनना चाहते थे। उनकी विज्ञान विषय में अत्यंत रुचि थी। उन्होंने मेहनत की तथा वे एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक बनने में सफल हुए। भारत का मिसाइल कार्यक्रम उन्हीं के प्रयासों की देन है। उन्हें भारत के ‘मिसाइल कार्यक्रम का पिता’ कहा जाता है। उन्होंने भारत के लिए ‘पृथ्वी’ नामक महत्त्वपूर्ण मिसाइल बनाई, इसीलिए वे ‘मिसाइल मैन’ के नाम से प्रसिद्ध हैं।

डॉ. कलाम को बच्चों से अधिक लगाव है। वे कहते हैं कि देश की तरक्की बच्चों पर निर्भर करती है। वे बच्चों को खूब पढ़ने, आगे बढ़ने तथा अच्छा नागरिक बनाने की प्रेरणा देते हैं। वे सदैव देश के विकास के लिए चिंतन-मनन करते हैं। संकट के समय वे देशवासियों को धैर्य से काम करने की प्रेरणा देते हैं।

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