Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Berojgari Samasya aur Samadhan”, “बेरोजगारी समस्या और समाधान” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
बेरोजगारी समस्या और समाधान
Berojgari Samasya aur Samadhan
एक विकासशील देश के पास कई सारी समस्याएँ होती हैं, उसी तरह हमारे आधुनिक भारत के पास भी अनेक समस्याएँ हैं जिनमें बेरोजगारी एक प्रमुख समस्या
बेरोजगारी का अर्थ है बिना रोजगार के किसी का होना, फिर चाहे वह युवा हो या युवती, बूढ़ा हो या जवान, स्त्री हो या पुरुष।
राष्ट्र निर्माण में युवकों की अहम् भूमिका है और यदि युवा पीढ़ी अपनी क्षमता के अनुरूप रोजगार पाने में असफल होती है तो वह राष्ट्र की प्रगति में रुकावट बनती है।
अगर हम सरकारी आकड़ों को देखेंगे तो हम यह कह सकते हैं कि देश में बेकारी की समस्या किस हद तक बढ़ चुकी है। जिस पर शायद ही हम नियंत्रण पा सकें।
आजादी के पूर्व भारत में ग्रामोद्योगों की स्थिति अच्छी थी, पर अब ग्रामोद्योगों के नष्ट हो जाने के कारण गांव के निवासीगण बेरोजगार हो गए, उनके उद्योग धंधे ठप्प हो गए, वहाँ की जनता रोजगार की तलाश में शहर की तरफ भागने लगी।
वर्तमान दूषित शिक्षा पद्धति को बेरोजगारी का दूसरा प्रमुख कारण माना जाता है। अंग्रेजों ने उक्त शिक्षा इसलिए प्रारंभ की थी कि उन्हें कार्य करने हेतु कुछ पढ़े-लिखे क्लर्क मिल सकें। पर अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि आज भी वही शिक्षा नीति चल रही है।
बढ़ती जनसंख्या को भी हम बेरोजगारी का मुख्य कारण कह सकते हैं।
सरकार को बेकारी के निवारण के लिए देश का औद्योगिक विकास करना चाहिए। जैसे कि उदाहरण के लिए हमारे देश में कृषि और औद्योगिक उत्पादन की असीम संभावनाएँ हैं, इस क्षेत्र में सरकार को चाहिए कि वे किसानों को प्रशिक्षण, आधुनिक बीज, खाद तथा नवीनतम कृषि यंत्रों की जानकारी उपलब्ध करा सके।
जैसा कि हम पहले भी कह चुके हैं कि पुरानी शिक्षा नीति को बदलकर सरकार को अपने शिक्षा विभागको यह आदेश देना चाहिए कि वह आज की जरूरत के हिसाब से अपने नीति में बदलाव लाए व समय के अनुसार शिक्षा उपलब्ध करवाए।
बढ़ती जनसंख्या पर भी रोक लगाना अति आवश्यक है अन्यथा सारी योजनाएँ विफल हो सकती हैं। हम संतोष कर सकते हैं कि हमारी सरकार उक्त विषय पर जागरुक है और ताजा आंकड़ों को देखें तो काफी हद तक उसे कामयाबी भी मिली है।
जैसा कि हम जानते हैं कि बेरोजगारी एक गंभीर व जटिल समस्या है जिसके निवारण के लिए अनेक उपायों की आवश्यकता है। सरकार ने इस से निपटने के लिए कई योजनाएँ भी प्रारंभ की हैं। जिससे हममें आशा बंधी है कि हम धीरे धीरे यह समस्या सुलझा सकते हैं।
आज के शिक्षित वर्ग को हमें परिवार नियोजन के बारे में जानकारी देना अति आवश्यक हो गया है ताकि बढ़ती जनसंख्या पर हम लगाम लगा सकें और बेरोजगारी पर नियंत्रण पा सकें। अब हमें इस नारे को जन जन तक पहुँचाना है –
मैंने देखा एक सपने है
मेरे देश में हर कोई अपना है
न कोई यहां अपना न कोई पराया है।
बराबरी पर हैं हम सब
न कोई अमीर न कोई गरीब यहाँ पर
सबके सब कामकाजी यहाँ पर
जनसंख्या को नियंत्रण करना हमारा धर्म है –
बेरोजगारीको घटाना
हमारा स्वप्न है…