Hindi Essay/Paragraph/Speech on “क्रिस्टीन कीलर” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
क्रिस्टीन कीलर
इंग्लैंड : प्रोफ्यूमो कांड की नायिका
एक समय ब्रिटिश राजनीति को हिला देने वाली क्रिस्टीन कीलर का जन्म इंग्लैंड में हुआ था। उसके पिता सैनिक थे, जो उसके जन्म के तुरंत बाद ही चल बसे। इससे कीलर और उसके परिवार पर निर्धनता का पहाड़ टूट पड़ा, जिससे मजबूर होकर कीलर ने स्कूली दिनों से ही वेश्यावृत्तिं करने लगी। आगे चलकर उसने सोहो के एक क्लब में ‘स्ट्रिपर’ का काम किया। यहीं उसकी भेट डॉ. स्टीफन वार्ड से हुई, जिसके माध्यम से उसने बड़ी जल्दी उच्च वर्ग में अपनी जगह बना ली। कीलर ने धनपति लॉर्ड ऐस्टर को भी अपने रूप से मोह लिया। अब कीलर काफी शान-शौकत के बीच जीने लगी थी। उसके सुंदर रूप ने पश्चिम जर्मनी के चांसलर विली ब्रांट , पाकिस्तान के राष्ट्रपति अय्यूब खां, अभिनेता फ्रेंक सिनात्रा सहित कई मशहूर हस्तियों को मोहित किया।
सन् 1961 में लॉर्ड ऐस्टर के स्विमिंग पुल में निर्वस्त्र नहाती कीलर पर ब्रिटेन के तत्कालीन युद्धमंत्री जॉन प्रोफ्यूमो की नजर पड़ी। जल्दी ही दोनों की भेंट यौन संबंधों में बदल गई। ‘कीलरप्रोफ्यूमो’ कांड की शुरुआत यहीं से हुई। चूंकि प्रोफ्यूमो युद्धमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर थे, इसलिए कीलर के एक अन्य प्रेमी इवानोव ने भी दोनों से मित्रता कायम कर ली। इवानोव एक रूसी राजनयिक था। ऐसा संदेह किया जाता है कि इवानोव ने ब्रिटेन के कई गोपनीय रहस्य कीलर-प्रोफ्यूमो से प्राप्त किए। तभी अचानक कीलर के एक और प्रेमी जॉन एजकोंबे ने इसका भंडाफोड़ कर दिया। कीलर ने भी समाचार पत्रों से धनराशि लेकर कई रहस्य खोले।
प्रारंभ में प्रोफ्यूमो ‘नहीं’ ‘नहीं’ करते रहे, लेकिन बाद में उन्हें सच्चाई स्वीकारनी पड़ी और अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। इवानोव को रूस ने वापस बुला लिया। इस कांड से प्रधानमंत्री मैकमिलन की सरकार की भारी बदनामी हुई, परंतु कीलर दुनिया भर में सुर्खियों में छा गई। इस कांड से घबराकर ब्रिटेन ने सारा लांछन डॉ. वॉर्ड पर लगाया, जो निर्दोष था। वॉर्ड के दुःखी होकर आत्महत्या कर लेने से यह प्रसंग समाप्त हो गया।
इसके बाद कीलर ने एक विवाह भी किया, जो असफल रहा। कुछ दिनों तक अभावग्रस्त रहने के बाद उसे अपने ऊपर बनने वाली फिल्म ‘स्कैंडल’ से काफी पैसे मिले। इस बीच उसकी आत्मकथा ‘नथिंग बट’ प्रकाशित हुई। आजकल कीलर पचास से अधिक वर्ष की उम्र में अपने पत्र क साथ इग्लंड में शांत जीवन बिता रही है। 20वीं सदी की इस विश्वविख्यात कॉलगल पर कई पुस्तके लिखी जा चुकी हैं।