Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Health is Wealth”, “स्वास्थ्य ही धन है” Complete Essay for Class 9, 10, 12 Students.
स्वास्थ्य ही धन है
Health is Wealth
स्वास्थ्य मनुष्य की सबसे बड़ी संपत्ति मानी जाती है। मानव शरीर एक मशीन की भाँति कार्य करता है। मस्तिष्क, हृदय, आँखें, कान, नाक, फेफड़े, गुर्दे आदि इस मानव रूपी मशीन के पुर्जे हैं। यदि इनमें कोई खराबी आ जाए तो मानव शरीर रूपी मशीन सुचारु रूप से कार्य करना बंद कर देती है। तब कहा जाता है कि अमुक व्यक्ति अस्वस्थ है अथवा बीमार है। ऐसा व्यक्ति वैद्य, डॉक्टर या हकीम के पास जाता है तथा दवा लेता है। इससे उसका शरीर पहले की भाँति सुचारु रूप से कार्य करना आरंभ कर देता है तथा मनुष्य फिर स्वस्थ हो जाता है।
विद्वान लोगों ने सदैव सोना, चाँदी, रुपये-पैसे को दौलत नहीं माना है, बल्कि उनके अनुसार शरीर ही स्वस्थ मस्तिष्क का आधार है। यदि किसी व्यक्ति का मस्तिष्क स्वस्थ है तो उसके विचार एवं कार्य भी स्वस्थ होंगे। अस्वस्थ मनुष्य का जीवन अत्यंत कष्टमय हो जाता है। उसकी किसी चीज में रुचि नहीं रहती है। उसमें किसी कार्य करने की क्षमता नहीं रहती है। इसके विपरीत एक स्वस्थ व्यक्ति अपने जीवन का पूर्ण आनंद लेता है। वह अपने कार्यों को भी पूर्ण रुचि एवं सामर्थ्य के अनुसार पूरा करता है। प्रकृति ने स्वस्थ रहने के कुछ नियम भी बनाए हैं। जब-जब मनुष्य इन नियमों को तोड़ता है, तब-तब उसे बीमारियाँ लग जाती हैं तथा वह अस्वस्थ हो जाता है। अपने शरीर की अच्छी तरह सफाई, शुद्ध ताजा एवं पौष्टिक भोजन, शुद्ध पेयजल, अपने आवास एवं आसपास की सफाई, एक नियमित एवं अनुशासित दिनचर्या आदि स्वस्थ रहने के मूल मंत्र हैं। अधिकतर लोग इन नियमों का पालन न करने के कारण ही उत्पन्न होते हैं।
अतः हमें इन नियमों का पालन करते हुए स्वस्थ और सुखी रहने का प्रयास करना चाहिए। किसी देश की प्रगति में भी स्वस्थ नागरिकों की भूमिका होती है, इसीलिए देश के सभी नागरिकों का स्वास्थ्य उत्तम रहना चाहिए। इसके लिए सभी नागरिकों को सजग रहना चाहिए। सरकार भी स्वास्थ्य की देखभाल के लिए करोड़ों रुपये खर्च करती है। वास्तव में स्वास्थ्य ईश्वर की अनमोल देन है और इसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।