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Hindi Essay-Paragraph on “Vigyan ke Chamatkar” “विज्ञान के चमत्कार” 500 words Complete Essay for Students of Class 10-12 and Subjective Examination.

विज्ञान के चमत्कार

Vigyan ke Chamatkar

वस्तु का स्फुरण रूप विज्ञान है। सामान्य बोलचाल में किसी वस्तु के विशेष ज्ञान को विज्ञान कहते हैं। यह विज्ञान मानव का हितकारी है। सामान्य मानव की कौन कहे। अंधे, लंगड़े, बहरे, आदि भी विज्ञान से उपकृत हैं। विज्ञान के सहारे आंखें का प्रत्यारोपण कर अंधे दृष्टि पा सकते हैं। कृत्रिम पांव के सहारे लंगड़े गतिमान हो सकते हैं। बहरे कान में यंत्र लगाकर सुनने में समर्थ हो सकते हैं।

विज्ञान मनुष्य के लिए वरदान है। इसने मानव के हर क्षेत्र को प्रभावित किया है-चिकित्सा, यातायात, आवास, मनोरंजन, कृषि आदि क्षेत्रों में विज्ञान अपने करतब दिखला रहा है।

चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान का करिश्मा बेजोड़ है। पहले हैजा और प्लेग से गांव के गांव साफ हो जाते थे। लेकिन विज्ञान के सहारे इन रोगों को साध लिया गया है। नेत्रदान, रक्तदान, अंग-प्रत्यारोपण जैसे प्रक्रिया से नये जीवन को प्रदान किया जाता है। प्लास्टिक सर्जरी के माध्यम से खराब अंगों को भी सही और सुंदर बनाया जा सकता है। यातायात के क्षेत्र में भी वैज्ञानिक उपलब्धियां इलाधनीय हैं। पहले हमारी यात्राएं कष्ट प्रद होती थी। लोग ज्यादातर समूह बनाकर पैदल ही यात्रा करते थे। अब तेज गति वाले वाहन और विमानों ने यात्रा को सुलभ बना दिया है।

मनोरंजन के क्षेत्र में रेडियो, वीडियो कैमरा, सिनेमा, कम्प्यूटर आदि उपयोगी यंत्र हैं। जिसके सहारे मनचाही संगीत को सुना जा सकता है। संचार के क्षेत्र में टेलीफोन, मोबाइल, ई-मेल आदि अत्याधुनिक साधन हैं। जिसके सहारे दुनिया के किसी भी भाग के लोगों से तुरंत संपर्क किया जा सकता है।

कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में विज्ञान ने अभूतपूर्व प्रगति की है। धान, मकई, गेहूं की उन्नत बीजों से खाद्यान्न उत्पादन कई गुणा बड़ा है। नित्य नये पशुओं के क्लोन तैयार कर अधिक गुणवत्ता वाले पश तैयार किए जा रहे हैं। जो मानव के हित अधिक लाभकारी हैं। इक्कीसवीं सदी में कम्प्यूटर और रोबोट के जरिए सारे काम निपटाए जा रहे हैं। विज्ञान मानव के लिए वरदान साबित हो रहा है। जीवन के प्रत्येक क्षण में उपयोगी हो रहा है।

विज्ञान की उपलब्धियों ने मानव को सुविधा भोगी और भौतिकवादी बना दिया है। किंतु इससे कई प्रकार की हानियां भी हो रही हैं। विज्ञान ने मानव हृदय के आदर्शों एवं नैतिकता को समाप्त कर दिया है। मानव के आराम तलब हो जाने से उसमें कई प्रकार के रोग होते जा रहे हैं। आज का भौतिकवादी मानव अपनी उपलब्धियों का उपयोग मानव सेवा में न कर विनाश में लगा रहा है। अणु-परमाणु बम का निर्माण मानव की इसी विकृत मानसिकता को प्रकट करता है। परमाणु संपन्न देश अन्य दूसरे देशों को धौंस दिखाकर उसका दोहन करते हैं। आज विज्ञान से पर्यावरण लगातार प्रदूषित हो रहा है। इसी प्रकार प्रदूषण बढ़ता रहा तो एक दिन पूरी पृथ्वी का विनाश हो जाएगा।

विज्ञान के इस तांडव के लिए मानव स्वयं जिम्मेदार है। विज्ञान के विवेकपूर्ण उपयोग लाभ पहुंचाता है और अविवेकतापूर्ण योग विनाश या हानि पहुंचाता है। अतः विज्ञान वरदान और अभिशाप दोनों है। अतः वैज्ञानिकों को चाहिए कि वे मानव हितकारी वैज्ञानिक प्रयोग और खोज करें और मानवता की रक्षा करें। आशा की जाती है कि विज्ञान मानव को सदा सुख-सुविधा प्रदान करेगा और अपने चमत्कारों से आश्चर्य चकित भी करता रहेगा।

vigyan ke chamatkar

 

10 Lines on ” Vigyan ke Chamatkar”

10 पंक्तियाँ “विज्ञान के चमत्कार” पर 

  1. वस्तु का स्फुरण रूप विज्ञान है। सामान्य बोलचाल में किसी वस्तु के विशेष ज्ञान को विज्ञान कहते हैं। यह विज्ञान मानव का हितकारी है।
  2. विज्ञान मनुष्य के लिए वरदान है। इसने मानव के हर क्षेत्र को प्रभावित किया है-चिकित्सा, यातायात, आवास, मनोरंजन, कृषि आदि क्षेत्रों में विज्ञान अपने करतब दिखला रहा है।
  3. चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान का करिश्मा बेजोड़ है। नेत्रदान, रक्तदान, अंग-प्रत्यारोपण जैसे प्रक्रिया से नये जीवन को प्रदान किया जाता है।
  4. यातायात के क्षेत्र में भी वैज्ञानिक उपलब्धियां इलाधनीय हैं। अब तेज गति वाले वाहन और विमानों ने यात्रा को सुलभ बना दिया है।
  5. मनोरंजन के क्षेत्र में रेडियो, वीडियो कैमरा, सिनेमा, कम्प्यूटर आदि उपयोगी यंत्र हैं।
  6. संचार के क्षेत्र में टेलीफोन, मोबाइल, ई-मेल आदि अत्याधुनिक साधन हैं। जिसके सहारे दुनिया के किसी भी भाग के लोगों से तुरंत संपर्क किया जा सकता है।
  7. कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में विज्ञान ने अभूतपूर्व प्रगति की है। धान, मकई, गेहूं की उन्नत बीजों से खाद्यान्न उत्पादन कई गुणा बड़ा है।
  8. विज्ञान की उपलब्धियों ने मानव को सुविधा भोगी और भौतिकवादी बना दिया है। किंतु इससे कई प्रकार की हानियां भी हो रही हैं। विज्ञान ने मानव हृदय के आदर्शों एवं नैतिकता को समाप्त कर दिया है।
  9. आज विज्ञान से पर्यावरण लगातार प्रदूषित हो रहा है। इसी प्रकार प्रदूषण बढ़ता रहा तो एक दिन पूरी पृथ्वी का विनाश हो जाएगा।
  10. आशा की जाती है कि विज्ञान मानव को सदा सुख-सुविधा प्रदान करेगा और अपने चमत्कारों से आश्चर्य चकित भी करता रहेगा।

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