Home » Languages » Hindi (Sr. Secondary) » Hindi Essay-Paragraph on “Bharat mein Computer Kranti” “भारत में कम्प्यूटर क्रांति” 800 words Complete Essay for Students of Class 10-12 and Competitive Examination.

Hindi Essay-Paragraph on “Bharat mein Computer Kranti” “भारत में कम्प्यूटर क्रांति” 800 words Complete Essay for Students of Class 10-12 and Competitive Examination.

भारत में कम्प्यूटर क्रांति

Bharat mein Computer Kranti

मनुष्य में प्रबल जिज्ञासा तथा ज्ञान की महती आकांक्षा होती हैं। तथा वह उबाऊ कार्य-समय खर्च से बचना चाहता है। जो संसार में परिवर्तन लाने के लिए उत्तरदायी होता है। कम्प्यूटर मनुष्य का नवीनतम संग्रह है। कम्प्यूटर का अर्थ है हिसाब लगाने वाला, परंतु कम्प्यूटर केवल जोड़ने, घटाने और भाग देने का कार्य नहीं करता। यह मौसम के संबंध में सूचना देता है, गणित की जटिल समस्याओं को हल करता है, अंतरिक्ष के परिवर्तनों का अध्ययन करके उनके संबंध में सूचना भेजता है तथा विभिन्न प्रकार की सूचना को एकत्रित करके उसका संग्रह करता है। यह मानव मस्तिष्क की इतनी उत्तम नकल करता है कि इसे ‘मानव मस्तिष्क’ ही कहना उचित है।

सबसे पहला कम्प्यूटर फ्रांसीसी रुम्लेस पैंस्कल ने 1542 में बनाया। इसमें अनेक पहिये थे। कुछ वर्ष उपरांत एक जर्मन विलहैम लीब नीज ने इसका सुधार किया। वास्तविक कम्प्यूटर उन्नीसवीं शताब्दी में एक अंग्रेज गणितज्ञ ने बनाया। द्वितीय विश्वयुद्ध में कम्प्यूटर सेवाओं का युद्ध की आवश्यकताओं के लिए विशेष रूप से विकास किया गया। 1536 में अमेरिका में पेंसिलवेटिखा विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रॉनिक्स प्रणाली पर एक कम्प्यूटर बनाया गया। अब कम्प्यूटर मनुष्य की अनेक प्रकार से सेवा करता है। यंत्र मानव, जो वास्तव में कम्प्यूटर का ही विकसित रूप है। अब उद्योगों, कार्यालयों तथा दुकानों में बहुत अधिक प्रयोग किया जाने लगा है। यह अनेक कार्य कर सकता है। मनुष्य से बात कर सकता है और उसकी भावनाओं के अनुरूप प्रतिक्रिया करता है।

कम्प्यूटर का निर्माण भारत में भी होने लगा है। 1975 में भामा ऐरोमिक रिसर्च केंद्र में एक हाथ बनाया गया। यह हाथ रेडियो कमरे कार्य कर सकता था।

हैदराबाद साइंस सोसाइटी ने 1983 में यंत्रमान बनाने में सफलता प्राप्त की। उसका नाम बेबी रोबोट तृतीय रखा गया। यह मनुष्य से भारतीय तकनीकी ज्ञान से बनाया गया था। सोसाइटी 1980 तक यंत्र मानवों का निर्यात करने की आशा करती है और बंगलौर की आई.बी.एम. कंपनी ने घरेलू उपयोग के लिए एक माइक्रो कम्प्यूटर बनाया। यह बत्तीस हजार शब्दों को याद रख सकता था। अब तो अधिक शक्तिशाली कम्प्यूटरों का विकास भारत में होने लगा है। सरकार के सभी विभागों का कम्प्यूटरीकरण किया जा चुका है। कम्प्यूटरीकरण का पहले यह कह कर विरोध किया कि यह लोगों में बेकारी को फैलाएगा। कम्प्यूटर द्वारा मशीनों पर काम किया जाता है जिससे स्वाभाविक लोगों की निर्भरता कम होती रहती है।

कम्प्यूटर के अनेक उपयोग हैं। यह किसान के लिए भूमि परीक्षण तथा मौसम के संबंधों में भविष्यवाणी कर सकता है। इनका चुनाव में प्रयोग हुआ, जहां इसने चुनाव के परिणामों का विश्लेषण किया। रेडियो तथा दूरदर्शन के हर प्रकार के प्रोग्रामों का कम्प्यूटर की सहायता से विकास किया जाता है। दिल्ली के राष्ट्रीय केंद्र में सर्वोत्तम एवं नवीनता कम्प्यूटर बहुत लाभदायक सिद्ध हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय सेवाएं कम्प्यूटर का प्रयोग कर रही है। रेल तथा सड़क यातायात में भी इसका प्रयोग होने लगा है, पुलिस तथा न्याय के लिए भी कम्प्यूटर बहुत लाभदायक है। यह अपराध का पता लगाने में सहायता करता है। औषधि के क्षेत्र में कम्प्यूटर का ई.सी.जी. तथा रक्त विश्लेषण में प्रयोग होता है तथा चीर-फाड़ के उपचार में यह बहुत सहायक सिद्ध हुआ है। होम्योपैथी में भी कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाने लगा है। शिक्षा जगत् में अनेक कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों में कम्प्यूटर का प्रयोग हो रहा है। सांख्यिकी विभाग में यह अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ है। कम्प्यूटर के प्रयोग के कुछ लाभ भी हैं। कम्प्यूटर को किसी प्रकार के वेतन, मंहगाई भत्ते या अवकाश की आवश्यकता नहीं होती। न वे गलतियां करते हैं और न कभी थकते हैं। उनको यूनियनों तथा हड़तालों से कुछ लेना-देना नहीं है। उनके कार्य में शीघ्रता, सफाई और अधिक कुशलता होती है।

परंतु कम्प्यूटर बहुत हानि कर सकते हैं और संभवतः कर भी चुके हैं। इससे बेकारी फैलती है। एक ही कम्प्यूटर कई आदमियों का कार्य कर सकता है और वह भी कहीं अधिक शीघ्रता से । कम्प्यूटरों के विरोध में एक बहुत महत्त्वपूर्ण और उचित आपत्ति उठाई गई है। मनुष्य ही तो कम्प्यूटर को संचालित करेगा और इस मनुष्य को एक बहुत छोटी-सी गलती का भी भारी विपत्ति भय फल हो सकता है। एक बार एक मनुष्य यंत्र मानव में एक विशेष बटन दबाना भूल गया और फल यह हुआ कि यंत्र मानव ने उसे भट्टी में फेंक दिया। इस बात का भय भी है कि विकसित मस्तिष्क वाला यंत्र, मानव के लिए भयंकर चुनौती होगा।

परंतु कम्प्यूटर या यंत्र मानव से डरने का कोई उचित कारण नहीं जान पड़ता। कम्प्यूटरों तथा यंत्र मानवों के विरुद्ध संपूर्ण संदेह तथा भय निराधार है। कम्प्यूटर से वास्तविकी बेकारी नहीं आएगी। वरन् यह मानव के लिए अधिक अवकाश दिलाएगा। यह मनुष्य को निश्चित खड़े होकर चारों ओर दृष्टि डालने की सुविधा तथा समय प्रदान करेगा और यही जीवन का सच्चा आनंद है। कम्प्यूटर मनुष्य के द्वारा निर्मित वस्तु है और निर्मित कभी भी निर्भयता से अधिक शक्तिशाली सिद्ध नहीं हो सकता। बहुत संभव है निकट भविष्य में ही वह कुछ ऐसी अन्य वस्तुओं का आविष्कार कर लेगा, जिनके सामने ये कम्प्यूटर तथा यंत्र मानव शक्तिहीन लगेंगे। हमें कम्प्यूटरों से लाभ उठाना चाहिए और बिलकुल नहीं डरना चाहिए।

About

The main objective of this website is to provide quality study material to all students (from 1st to 12th class of any board) irrespective of their background as our motto is “Education for Everyone”. It is also a very good platform for teachers who want to share their valuable knowledge.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *