Hindi Essay, Paragraph on “छात्रावास के लाभ और हानियाँ”, “Chatravas ke Labh aur Haniya” 300 words Complete Essay for Students of Class 9, 10 and 12 Exam.
छात्रावास के लाभ और हानियाँ
Chatravas ke Labh aur Haniya
- प्रचीनयुग में छात्रावासों का रूप
- वर्तमान युग में छात्रावास के लाभ
- छात्रावास हानि
भारतवर्ष में प्राचीन काल में गुरुकुल और ऋषिकुल हुआ करते थे। जिनमें पाँच या छह वर्ष की आयु का बालक प्रवेश ले सकता था और वह बालक लगभग पचीस वर्ष तक गुरुकुल या ऋषिकुल में ही रहता था। हर समय गुरु के पास रहने से गुरु का प्रभाव उन पर पड़ता था। इन्हीं गुरुकुलों का अनुकरण छात्रावास है; परंतु अब पृथ्वी और आकाश का अंतर है। गुरुकुलों के आचार्य विद्यार्थी के आचार-विचार का पूरा ध्यान रखते थे; परंतु छात्रावास के प्रबंधक को विद्यार्थी की इन बातों से कोई संबंध नहीं है। वह तो केवल हाजिरी लेकर देख लेता है कि कौन-कौन उपस्थित है। इसके अलावा गुरुकुल खुली हवा में किसी पहाड़ पर नदी के किनार हुआ करते थे। अब छात्रावास शहरों में हैं जहाँ न स्वच्छ वायु है और न जल। इन छात्रावासों में रहने के लाभ भी हैं तो हानि भी। विद्यार्थी का ध्यान घर में चल रही गतिविधियों के कारण नहीं बँटता। वह केवल पढ़ाई पर ध्यान दे सकता है। दो विद्यार्थी मिलकर अधिक अच्छा काम कर सकते हैं। एक विद्यार्थी को देखकर दूसरा विद्यार्थी अवश्य ही काम करने के लिए उत्साहित हो जाता है। हानि भी बहुत-सी है। विद्यार्थी पर माता-पिता का प्रभाव नहीं पड़ता। अधिक खर्च करने लगता है। प्रायः शौकीन भी हो जाता है। कभी दुर्व्यसनों में भी पड़ जाता है। कुल मिलाकर छात्रावास का अपना-अपना अलग अनुभव होता है। जिम्मेदार लोग अवश्य ही अपनी समझ से इसका सदुपयोग कर लेते हैं तो गैर जिम्मेदार दुरुपयोग फिर भी इन छात्रावासों का हर स्कूल व कॉलेज में होना नितांत आवश्यक है।