Hindi Essay on “Yadi me Principal Hota”, “यदि मै विद्दालय का प्रधानाचार्य होता” Complete Hindi Essay for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students and Graduation
यदि मैं प्रधानाचार्य होता
Yadi me Principal Hota
भाभी मैं अपने में दिल्ली के एक सरकारी विद्यालय में छात्र हूँ। मैं अपने प्रधानाचार्य के गुणों से बहुत प्रभावित हूं। जब भा विद्यालय के प्रधानाचार्य को कार्य करते हुए देखता हूँ तो मेरा मन कल्पना के पंख लगाकर उड़ने लगता है उस विदयालय का प्रधानाचार्य समझने लगता हूं। में सोचने लगता हूँ क्या जितना आदर, प्यार, मान-सम्मान तथा प्रतिष्ठा उन्होंने अर्जित की है क्या मैं कर पाऊँगा। वे प्रधानाचार्य अत्यंत परिश्रमी तथा सकारात्मक सोच के धनी हैं। यदि में प्रधानाचार्य सोसानो उन्हीं की तरह मेरा एक ही लक्ष्य होता छात्रों के लिए सुशिक्षा। अपने विद्यालय में विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास. जिसमें पढाई, खेल, योग, नाटक भाषण आदि सभी गतिविधियों में भाग लेना सबके लिए अनिवार्य होता। सर्वधर्म समभाव भी मेरे विद्यालय का एक महत्त्वपूर्ण अंग होता। ऐसे बच्चे जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं उन पर मेरा विशेष ध्यान होता। मैं अपने सभी अध्यापकों को पूरा सम्मान देता और उनकी क्षमताओं में निरंतर वृद्धि के प्रयास करता जिसमें कोई विद्यार्थी ट्यशन की जरूरत ही अनुभव न करता। इसके लिए अभिभावकों का सक्रिय सहयोग भी लेता। मैं परीक्षा प्रणाली में भी परिवर्तन का प्रयास करता जिससे विद्यार्थियों की योग्यता का सही मूल्यांकन हो सके। मेरा सपना है कि मेरे विद्यालय से निकलकर जाने वाला विद्यार्थी शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक सभी प्रकार से सवल हो और जीवन भर अपने शिक्षकों के प्रति श्रद्धा भाव रखे।