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Hindi Essay on “Jeevan me Computer ka Mahatav ” , ” जीवन में कंप्यूटर का महत्व” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

जीवन में कंप्यूटर का महत्व

Jeevan me Computer ka Mahatva

Best 4 Essay on “Jeevan me Computer ka Mahatva”

निबंध नंबर: 01 

 

कंप्यूटर युग

इक्कीसवीं सदी कंप्यूटर की सदी है | कंप्यूटर विज्ञान का अत्यधिक विकसित एवं बुद्धिमान यंत्र है | इसके पास ऐसा मशीनी मस्तिक है जो लाखों-करोड़ों गणनाएँ पलक झपकते ही कर देता है | जिन गणनाओं को करने के लिए मुनीम, लेखपाल और बड़े-बड़े अधिकारी दिन-रात परिश्रम  करके भी गलतियाँ किया करते थे, उन्हें यह यंत्र निर्दोष रूप से तुरंत हल कर देता है |

 

रेल-सेवाओं में आसामी

आप रेलवे बुकिंग-केंद्र पर जाएँ | पहले मीलों लंबी लाइनों में प्रतीक्षा करनी पड़ती थी | अब कंप्यूटर की कृपा से आप देश के  किसी भी कंप्यूटरीकृत  खिड़की  कहीं से कहीं की टिकट बुक करा सकते हैं | पूरा देश कंप्यूटर द्वारा जुड़ गया है |

 

मुद्रण में क्रांति 

मुद्रण क्षेत्र में आएँ | एक बटन दबाते ही सारे अक्षरों को मोटा, पतला, टेढ़ा या मनचाहा बना सकते हैं | मुद्रण इतना कलात्मक, साफ-सुथरा और वैविध्य-भरा हो गया है कि पुरानी मशीनों अब बाबा आदम के जमाने की लगती हैं |

 

संचार-क्रांति में सहायक 

संचार-क्षेत्र में कंप्यूटर ने क्रांति उपस्थित कर दी है | टेलीफोन, फैक्स, पोज़िग, मोबाइल के बाद इंटरनेट ने मनो सारा संसार अपने ड्राईंग रूम में कैद कर दिया है | इंटरनेट पर आप विश्व की कोई भी जानकारी घर बैठे-बैठे ले सकते हैं | विश्व के किसी कौने की पुस्तक या समाचार-पत्र पढ़ सकते हैं | कोई लिखित सामग्री हाथों-हाथ दूरस्थ संबंदी को भेज सकते हैं |

 

रक्षा-उपकरणों में उपयोगिता

रक्षा के उन्नत उपकरणों में, हवाई-यात्राओं में कंप्यूटर-प्रणाली अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई है | भारत ने परमाणु-विस्फोट अत्यंत उन्नत कंप्यूटर प्रणाली से किया | कंप्यूटर की सहायता से ही हज़ारों किलोमीटर दूर ठिक निशाने पर वार करने की बिधियाँ विकसित हुई हैं |

 

स्वास्थ्य-सेवा में सहयोग

स्वास्थ्य के क्षेत्र में कंप्यूटर ने अदभुत सेवाएँ प्रदान की हैं | बीमारी की जाँच करने, संपूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण करने, ह्रदय-गति मापने आदि में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका है | आज ज्योतिषी भी कंप्यूटरीकृत जन्म-पत्रियाँ बनाने लगे हैं | इस प्रकार दैनिक जीवन में कंप्यूटर का उपयोग बढ़ गया है |

 

 

निबंध नंबर: 02 

 

हमारे जीवन में कंप्यूटर की उपयोगिता

एक समय था, जब लोगों के पास गणना करने के लिए कुछ भी नहीं था। वे लकड़ी के छोटे-छोटे टुकड़ों का इस्तेमाल करते थे, दानेदाार वस्तुओं का भी उपयोग करते थे। दिन-महीने याद रखने के लिए दीवारों पर चिन्ह बना लिया करते थे।

सन 1833 में एक और मशीन तैयार की गई, जिसे चाल्र्स बैबैज ने तैयार किया था। उसका नाम ‘डिफरेंस मशीन’ रखा गया था। उस मशीन में कई पहिए लगे हुए थे। उन पहियों को घुमाने से गणितीय प्रश्नों के हल मिलते थे। उस मशीन में एक बहुत बड़ा दोष था, जिसके चलते वह अधिक सफल नहीं रही। दोष यह था कि उस मशीन से एक ही काम लिया जा सकता था।

चाल्र्स बैबेज ने एक नए प्रकार की मशीन तैयार करने का निर्णय लिया। चाल्र्स बैबेज ने अपने प्रयासों के चलते एक नए प्रकार की मशीन बना ली। उस मशीन में ‘प्रोग्राम’ बनाकर प्रश्नों को हल किया जा सकता था। उस मशीन का नाम ‘एनालिटिकल इंजन’ रखा गया।

चाल्र्स ने जो सिद्धांत उस इंजिन को बनाने के लिए अपनाया था, आज कंप्यूटर में भी उसी सिद्धांत का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए चाल्र्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक कहा जाता है।

हां, चाल्र्स बैबेज ने एनालिटिकल इंजन बनाने का जो सिद्धांत दिया था, उसे पूरा करने से पूर्व ही उसकी मृत्यु हो गई थी। उसके इस अधूरे कार्य को उसकी एक प्रिय मित्र लेडी एडा ने पूरा किया था। इस तरह दुनिया का सबसे पहला प्रोग्रामर लेडी एडा को माना जाता है।

चाल्र्स बैबेज और ब्लेज पास्कल द्वारा बनाई गई मशीनें पूरी तरह से यांत्रिकीय थीं। वहीं हर्मन हॉलरिथ ने सबसे पहले विद्युत-शक्ति का प्रयोग करके एक मशीन का अविष्कार किया औश्र उस मशीन का नाम टेबुलेटर रखा।

टेबुलेटर के अविष्कार से अंकगणित के प्रश्नों के हल आसान हो गए। हर्मन ने हपने अविष्कार को बेचने के लिए एक कंपनी बनाई। उस कंपनी का नाम टेबुलेटिंग कंपनी रखा गया था। आगे चलकर टेबेलेटिंग कंपनी में अनेक कंपनियां मिल गई। ऐसे में उसका नाम बदला गया। उसका नाम आई.बी.एम. रखा गया। आज की दुनिया में सबसे ज्यादा कंप्यूटर बनाने वाली कंपनी आई.बी.एम. ही है।

सन 1943 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के हावार्ड आईकेन ने एक अन्य मशीन का अविष्कार किया। उसका नाम मार्क-1 रखा गया। दो वर्षों के बाद सन 1945 में संयुक्त राज्य अमेरिका में एक इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का अविष्कार किया गया। उसका नाम एनिएक था। इस तरह आधुनिक कंप्यूटर का आगमन हुआ।

कंप्यूटर के प्रयोग से हमें तरह-तरह के लाभ हैं।

कंप्यूटर बहुत ही कम समय में कोई भी कार्य पूरा कर देता है। इसकी गति मोप्स तक की होती है। कंप्यूटर द्वारा जो गणना की जाती है, वह बिलकुल सटीक होती है। कंप्यूटर बार-बार किए जाने वाले कार्य को भी बड़ी आसानी से करता है। वह व्यक्ति की तरह न तो थकता है और न ही अपनी जिम्मेदारी को नजरअंदाज करता है।

कंप्यूटर अनेक लोगों का कार्य अकेले कर सकता है। इसकी मेमोरी बहुत ज्यादा होती है। आज का युग कंप्यूटर युग है। जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र बचा नहीं है, जिसमें कंप्यूटर का उपयोग न होता हो। शिक्षा, चिकित्सा-विज्ञान, वाणिज्य, बैंकिंग क्षेत्र तो इस पर पूरी तरह निर्भर है।

 

निबंध नंबर: 03

जीवन में कंप्यूटर का महत्त्व

Jeevan me Computer ka Mahatva

 

  • जीवन में कंप्यूटर का महत्त्व।

  • लाभ।

  • विभिन्न क्षेत्रों में योगदान।

 

आज की यह वैज्ञानिक दुनिया कंप्यूटर की दुनिया है। पिछले 10 वर्षों में तो कंप्यूटर ने जिस प्रकार चमत्कार दिखाए हैं और जीवन के हर क्षेत्र में घुसपैठ की है, उससे लगता है बिजली की तरह कंप्यूटर के बिना भी हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकेंगे। कंप्यूटर विज्ञान का एक सर्वाधिक विकसित, उपयोगी व बुद्धिमान यंत्र है। इसे ‘इलेक्ट्रानिक मस्तिष्क’ भी कह सकते हैं। इसका पहला नाम ‘एनिएक’ था। उसके बाद कंप्यूटर की अनेक पीढियाँ आ चुकी हैं। अब चलन है सपर कंप्यूटर का। लाखों करोड़ों की संख्या का हिसाब-किताब यह पलक झपकते ही कर देता है. वह भी बिना किसी गलती के। कोई लेखा-जोखा, कोई जानकारी, कोई हिसाब इसमें एक बार ‘फीड’ कर दिया जाए तो यह उसे अपने में पुनः इस्तेमाल के लिए समेट कर रख लेता है और आवश्यकता पड़ने पर बटन दबाते ही सामने प्रस्तुत कर देता है। सारे दफ्तरी काम जो पहले दिनों-दिन लगाकर सैकड़ों क्लर्क भी नहीं कर पाते थे, वे कुछ ही घंटों में कंप्यूटर के माध्यम से संपन्न हो जाते हैं। रेल, बस, हवाई जहाज आदि में घर बैठे हमारा टिकट व स्थान आरक्षित हो जाता है। चिकित्सा के क्षेत्र में कंप्यूटर ने जो सेवाएँ प्रदान की हैं वे अद्भुत हैं। विविध प्रकार के अस्त्र-शस्त्र, मिसाइलें, राडार पनडुब्बियाँ, अन्य अनेक जंगी हवाई जहाज कंप्यूटर के माध्यम से अचूक लक्ष्य भेदने में सक्षम हैं। चाँद, मंगल और अंतरिक्ष तक पहुँचने की योजनाएँ सभी कंप्यूटर की सहायता से ही संभव हो पाई हैं। कंप्यूटर ने संचार माध्यमों में भी क्रांति ला दी है। इंटरनेट के माध्यम से दुनिया भर की जानकारी को आपके सामने परोस दिया जाता है। आपको विज्ञान, तकनीकी, डाक्टरी, खेतीबाड़ी, शिक्षा, दर्शन, अर्थशास्त्र, फैशन, संगीत, सेक्स, मशीनें, वाहन आदि किसी भी क्षेत्र की जानकारी चाहिए इंटरनेट आपको सब प्रदान करता है। अब तो फोन के कंप्यूटर से जुड़ जाने के कारण गाड़ी चलाते, आराम फरमाते या किसी भी स्थिति में आप कंप्यूटर से प्राप्त होने वाली जानकारी हासिल कर सकते हैं। अब आपको एक स्थान पर बैठकर कंप्यूटर मशीन चलाने तक की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। समग्रतः यदि यह कहें कि जीवन विज्ञान के हाथों और विज्ञान कंप्यूटर के हाथों में है तो अत्युक्ति न होगी।

 

निबंध नंबर: 04

जीवन में कंप्यूटर का महत्त्व

Jeevan mein Computer ka Mahatva

कंप्यूटर विज्ञान का एक ऐसा अविष्कार है जिसकी चर्चा सारे विश्व में हो रही है। कंप्यूटर विज्ञान की अदभूत देन है। कंप्यूटर की उपयोगिता को देखते हुए आज के युग को कंप्यूटर युग कहा जाता है। आने वाले युग में सभी निर्णय कंप्यूटर ही करेगा तथा मनुष्य हाथ पर हाथ धरे बैठा रहेगा। कंप्यूटर वास्तव में आज की सर्वाधिक आवश्यकता बन गया है।

कंप्यूटर क्या है? यह प्रश्न सामने आता है। प्राचीन काल से ही मानव अंकगणित का प्रयोग करता आ रहा है। इसी से लगभग चार हजार वर्ष पहले एक विधि ‘गणकपटल’ का तथा सरल बनाया गया। यह गणकपटल आयताकार होता था जिसमें कहीं तार समानांतर लगे होते थे और तारों के बीच गोल दाने होते थे ये गोल दाने तार के इस सिर से उस सिरे तक सरलता से खिसकाए जा सकते थे। आज भी यह गणक पटल छोटे बच्चों को गिनती या पहाड़े याद कराने के काम आता है।

कंप्यूटर को सबसे पहले चार्ल्स बैबज ने 1946 ई. में बनाया था। पहले कंप्यूटर का नाम एनिएक था। उसके बाद तो कंप्यूटर की अनेक पीढ़ियाँ आ चुकी हैं। वर्तमान युग कंप्यूटर का युग है। यह एक ऐसा यंत्र है जो बिजली की शक्ति से संचालित होता है। यह मानव मस्तिष्क से भी तीव्र गति से गणना कर सकता है। जोड़, भाग, गुणा, घटा आदि के साथ-साथ लघुत्तम, महत्तम एवं प्रतिशत आदि अनेक गणनाएँ यह बड़ी तीव्र गति से कर सकता है। सुपर कंप्यूटर एक सैंकड़ में करोड़ों गणनाएँ कर सकता है।

आज अमेरिका, रूस, फ्राँस, जर्मनी, हालैंड, स्वीडन, ब्रिटेन आदि से इसे मानव मस्तिष्क का दर्जा मिल चुका है। भारत में भी कंप्यूटर विज्ञान का तीव्रता से विकास हो रहा है तथा हर क्षेत्र में उसकी सहायता लेकर कार्यक्षमता को बढ़ावा दिया जा रहा है।

इसके उपयोग कारखानों में कल पर्जे बनाने, डाक छाँटने, रेल मार्ग संचालन तथा टिकट बाँटना, शिक्षा, मौसम की जानकारी, वैज्ञानिक अनुसंधान, अंतरिक्ष विज्ञान, परिवहन व्यवस्था, विमान परिवहन, चिकित्सा, व्यापार, वीडियो खेल, मुद्रण के साथ बिलियर्ड और शतरंज आदि के खेल बखूबी से खेलता है।

हमारे देश में सबसे पहला कंप्यूटर सन् 1961 ई. में आया था। तब से आज तक दूसरे देशों में काफी कंप्यूटर हमारे देश में आए और अब ये यहाँ भी बनाए जा रहे हैं। इस समय यहाँ पर हजारों की तादाद में कंप्यूटर हमारी बहुत मदद कर रहे हैं। बिजली के बिल बनाने व भेजने में इनका उपयोग किया जा रहा है। बैंकों में इसका उपयोग काफी सफल रहा है। पर्यों को जांचने में भी इसका प्रयोग हो रहा है। संघ लोक सेवा आयोग की प्राथमिक परीक्षा देने के लिए विशेष किस्म की उत्तर शीटें दी जाती हैं। इन्हें सीधे कंप्यूटर में भेजकर परीक्षार्थी के अंक पता लग जाते हैं। इसकी मदद से पुस्तकें महीनो के स्थान पर दिनों में तैयार हो जाती हैं। यह एक घंटे में 20 सहस्र उत्तर शीटों की जांच कर सकता है।

आज कंप्यूटर सभी क्षेत्रों में हमारी मदद कर रहा है। विद्यालयों में भी विद्यार्थियों को इसका शिक्षण दिया जा रहा है। टिकटों के आरक्षण, समान की देखभाल और विमान में काम पर लगाने तथा वायु परिवहन को सुचारू रूप से चलाने के लिए भी कम्प्यूटर पर निर्भर है। आज कंप्यूटर मानव जीवन के लिए सबसे अधिक उपादेय है।

कंप्यूटर को मानव मस्तिष्क से श्रेष्ठ से श्रेष्ठ नहीं कहा जा सकता क्योंकि कंप्यूटर प्रणाली का जन्मदाता भी तो मानव-मस्तिष्क ही है। साथ ही मानव मस्तिष्क में जो चिंतन-क्षमता, अच्छे-बुरे की परख तथा अनुभूति सामर्थ्य है, वह कंप्यूटर में नहीं है। मानव मस्तिष्क कंप्यूटर की भाँति भावना शून्य नहीं है।

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commentscomments

  1. Gaurav Roy Choudhury says:

    I found this article very interesting. I has the genuine content. The things that are explained here are very true and the article has clearly mentioned all the positive and negative points regarding the usage of computers. At the end, it totally relies upon us how we are using it, whether it is for good or for bad, we should try to use it with a thought to bring a positive change to the society.

  2. Garvit singh says:

    I found very intresting

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