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Hindi Essay on “Corruption in Public Life” , ”सार्वजनिक जीवन में भष्टाचार” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

सार्वजनिक जीवन में भष्टाचार

Corruption in Public Life

हमारे देश में भ्रष्टाचार पूरे जोर पर है। इसने सार्वजनिक जीवन को प्रदूषित कर दिया है। जीवन में पैसा एक ताकतवर शक्ति है। हर कोई रातों-रात अमीर बनना चाहता है। हम बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं करवा सकते। चपड़ासी से लेकर बड़े-बड़े अफसर तक, सभी भ्रष्ट हैं। सरकारी दफ्तर में क्लर्क एक आम सफल आदमी से अधिक समर्थ होता है। ऐसा कोई भी विभाग नहीं है जो भ्रष्टाचार से मुक्त हो।

इस प्रकार से फैले हुए भ्रष्टाचार का मुख्य कारण हमारा राजनीतिक ढांचा है। अपने राजनैतिक जीवन को स्थिर बनाए रखने के लिए, राजनीतिज्ञ भ्रष्ट लोगों का साथ देते हैं। उन्हें अपनी भूमि से कोई प्रेम नहीं होता। वे इन लोगों के बुरे कार्यों को सहारा देते हैं। यदि कोई ईमानदार अफसर इन लोगों पर रोक लगाते हैं तो बड़े-बड़े नेता उस व्यक्ति पर ही रोक लगा देते हैं। कई काला बाजारी करने वाले जमाखोर तथा टैक्स चोर राजनेताओं की सहायता से आनन्द उठाते हैं।

हमारी गलत अर्थव्यवस्था भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है। अशुद्ध अर्थशास्त्रीय नीतियों के कारण कीमतें बढ़ जाती हैं। एक निश्चित आय वाले व्यक्ति के लिए इस प्रकार के हालातों में रहना बहुत मुश्किल हो गया है। इसके उल्ट भ्रष्ट लोग बड़े-बड़े बंगलों में रहते हैं तथा सुखी, समृद्ध एवं आरामदायक जीवन व्यतीत करते हैं। आम आदमी पैसे के प्रलोभन को नहीं रोक सकता। जिसके फलस्वरूप वह गलत तरीकों से पैसे कमाने शुरू कर देता है।

भ्रष्टाचार को हर स्तर से मिटाना जरूरी है। इसके लिए हमारे सामाजिक ढांचे को बदलना आवश्यक है। ईमानदारी को सदा बढ़ावा देना चाहिए तथा ईनाम भी देना चाहिए। भ्रष्ट लोगों को सजा देनी चाहिए तथा समाज से बहिष्कृत कर देना चाहिए। मानवता की कीमतों को बढ़ावा देना चाहिए। भ्रष्ट राजनीतिज्ञों को उनकी जगह दिखानी चाहिए। उन्हें सत्ता से बाहर निकाल देना चाहिए तथा कूड़ेदान में फैंक देना चाहिए।

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