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Hindi Essay on “Computer Ke Labh” , ” कम्प्यूटर के लाभ ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

कम्प्यूटर – मशीनी मस्तिष्क

4 Best Hindi Essay on “Computer Ke Labh”

 

निबंध नंबर :- 01 

कम्प्यूटर इस शताब्दी के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण आविष्कारो में से एक है | आज कम्प्यूटर हिसाब – किताब एव सोच – विचार के वे सभी कार्य करने लगा है जो कभी मानव – मस्तिष्क ही किया करता था | इसी कारण कम्प्यूटर को ‘ मशीनी मस्तिष्क’ जाने लगा है| इसके विकास का कार्य काफी समय से चला आ रहा है और आज भी वैज्ञानिक इससे ऐसे कार्य लेने की कोशिश में है, जो मानव के बूते के बाहर है |

कम्प्यूटर हो आज प्रत्येक क्षेत्र की प्रगति एव द्रुत विकास के लिए आवश्यक माना जाने लगा है | शिक्षा , व्यवसाय, शासन – प्रशासन सभी में आज कम्प्यूटर प्रणाली की आवश्यकता ही अनुभव नही की जा रही है, बल्कि उसे यथासम्भव अपनाया भी जा रहा है | मानव – मस्तिष्क  से भी बढकर तीव्रगति से कार्य करने वाला कम्प्यूटर वास्तव में अंक – गणित पद्धति  के विकास की एक महत्त्वपूर्ण आधुनिक देन है |

आज अमेरका , रूस , फ्रांस , जर्मनी, हालैंड, स्वीडन , ब्रिटेन आदि देशो में इसे मानव-मस्तिष्क  का दर्जा मिल चुका है | भारत में कम्प्यूटर विज्ञान का तीव्रता से विकास हो रहा है  | तथा हर क्षेत्र में उसकी सहायता लेकर कार्यक्षमता को बढाया जा रहा है | हमारे  देश में सबसे पहला कम्प्यूटर सन 1961 ई. में आया था | तब से आज तक दुसरे देशो से बहुत – से कम्प्यूटर हमारे देश में आ चुके है | आब तो कम्प्यूटर यहाँ भी बनाए जाने लगे है |

आज सरकारी – गैर सरकारी प्रत्येक क्षेत्र में बड़े व्यापक स्तर पर कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाने लगा है | इसका उपयोग कारखानों में कल-पुर्जे बनाने, डाक छांटने, रेल मार्ग संचालन करने, टिकट बाटने , शिक्षा , मौसम की जानकारी , वैज्ञानिक अनुसधान, अन्तरिक्ष विज्ञान , परिवहन व्यवस्था विमान परिवहन , व्यापार , चिकित्सा , वीडियो खेल , मुद्रण कला, लेखा – जोखा परिणति का हाल जानने आदि उपयोग किया जा रहा है, बैको  में हिसाब – किताब रखने , पचो को जाचने में भी इनका प्रयोग हो रहा है | इसकी सहायता से पुस्तके महीनों के स्थान पर दिनों में तैयार हो जाती है | समाचार पत्रों के प्रकाशन और समूचे क्रिया – कलापों का आधार तो कम्प्यूटर बन ही चुका है |

आज के युग में कम्प्यूटर लगभग सभी क्षेत्रो में हमारी सहायता कर रहा है | इसके इस महत्त्व को देखते हुए , विद्दालयो में सभी विद्दार्थियो को इसका शिक्षण दिया जा रहा है | इससे कई बार इतनी बड़ी-बड़ी गलतियाँ हो जाती है जिस कारण इस पर मानव – मस्तिष्क जैसा विश्वास तो नही किया जा सकता है | परन्तु फिर भी यह मानव जीवन के लिए सबसे अधिक उपादेय है |

निबंध नंबर :- 02

कम्प्यूटर के लाभ

मनुष्य का स्वभाव सदैव नई-नई वस्तुएं ढूंढना है। अपने आराम और सहलियत के लिए उसने बिजली के अनेक उपकरणों का आविष्कार किया। लेकिन कम्प्यूटर का आविष्कार उसके सभी आविष्कारों में श्रेष्ठतम माना जा सकता है। कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी में आरम्भ से ही बड़ी तेजी से परिवर्तन होते रहे – पहले पर्सनल कम्प्यूटर बने और उसके बाद मिनी माइक्रो और सुपर कम्प्यूटर। ये कम्प्यूटर जटिल और बार-बार की जाने वाली गणना के काम को बिल्कुल सही और बड़ी तेज गति से करने में सक्षम हैं। इन कम्प्यूटरों के अन्दर काफी आंकड़े और जानकारी स्टोर करके रखी जा सकती है। इनकी मदद से अनेक ग्राफ बनाये जा सकते हैं और कम्प्यूटरों द्वारा तैयार की गई जानकारी विश्वसनीय होती है। ये इतने अधिक उपयोगी हैं कि आजकल इंजीनियरों, वैज्ञानिकों, अधिकारियों, प्रशासकों, अध्यापकों, विद्यार्थियों और बहत से अन्य धंधों में लगे लोगों के लिए इनकी मदद निहायत जरूरी हो गई  है।

कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रानिक उपकरण है, जो दी गई हिदायतों के अनुसार आंकड़ों को बहत तीव्र गति से ग्रहण करता है, स्टोर करता है या प्रोसेस करता है और तर्कपूर्ण ढंग से तैयार किया गया परिणाम प्रस्तुत करता है। सबसे पहले चार्ल्स बैबेज (1792-1871) ने अनालिटिकल मशीन तैयार की थी। इसलिए उसे ‘कम्प्यूटर का जनक’ कहा जाता है। मूर स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय, फिलाडेल्फिया, अमेरिका में 1946 में ENIAC (इलेक्ट्रानिक न्युमरिकल इन्टेग्रेटर एण्ड कलकुलेटर) के निर्माण के साथ कम्प्यूटर युग की शुरुआत हुई। इस मशीन को सरल हिसाब-किताब का काम करने हेतु इस्तेमाल किया जाता था। तीन वर्ष बाद जॉन न्युमैन ने EDSAC (इलेक्ट्रानिक डिले स्टोरेज ऑटोमेटिक कलकुलेटर) तैयार किया । यह भी एक हिसाब-किताब करने वाली मशीन ही थी, लेकिन इसमें आँकड़े स्टोर करने हेतु ‘मेमोरी’ जैसी भी कुछ विशेषता थी।

आकार, मेमोरी या स्टोरेज क्षमता और उनके काम करने की रफ्तार के हिसाब से कम्प्यूटर अनेक प्रकार के हैं। आज सबसे तेज रफ्तार से काम करने वाला कम्प्यूटर CRAY-2 है और सबसे छोटे आकार का कम्प्यूटर LAPTOP है । आज जीवन के हर क्षेत्र में हल्के सुवाह्य डेस्क-टाप कम्प्यूटरों या पर्सनल कम्प्यूटरों का खूब इस्तेमाल हो रहा है। संसार में इन कम्प्यूटरों के सबसे बड़े निर्माता IBM और APPLE Inc हैं। इन दोनों कम्पनियों द्वारा बनाये गये कम्प्यूटर, उनके पुर्जे और साफ्टवेयर संसार में बहुतायत से इस्तेमाल में आ रहे हैं।

मोटे तौर से कम्प्यूटर उद्योग के दो भाग हैं – हार्डवेयर और साफ्टवेयर। कम्प्यूटर मशीन के उपकरण हार्डवेयर कहे जाते हैं। साफ्टवेयर उन हिदायतों को कहा जाता है, जो एक साथ तैयार की जाती हैं ताकि कम्प्यूटर उनके मुताबिक काम करके अपेक्षित परिणाम निकाल कर दे सके। ये हिदायतें विशेष प्रारूप या भाषा में लिखी या तैयार की जाती हैं जिसे कोई भी कम्प्यूटर समझ सकता है। इनमें से कुछ विशेष भाषाओं के नाम हैं- BASIC, COBOL, BASE, TORTRAN, ALGOL, C-लैंग्वेज आदि।

पर्सनल कम्प्यूटरों के विभिन्न उपयोगों को देखते हुए ऐसे साफ्टवेयर पैकेज बनाने की जरूरत महसूस की गई कि उनसे तरह-तरह के काम लिए जा सकें। इसलिए समाज के विभिन्न वर्गों की पृथक-पृथक् आवश्यकताओं के लिए बहुत सारे किस्मों के प्रोग्राम तैयार किए गए। उदाहरण के लिए पुस्तक उद्योग के लिए पेजमेकर, वेन्चुरा जैसे साफ्टवेयर, आर्टिस्टों के लिए कोरेल-ड्रा और पेंटब्रश प्रोग्राम और बड़े-बड़े व्यापारिक घरानों के लिए विशेष एकाउंटिंग पैकेज तैयार किए गए। वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए विशेष पैकेज तैयार किए गए ताकि उनका काम अधिक बेहतर तरीके से हो सके। स्कूलों और कालेजों के छात्रों को जानकारी वाले व शैक्षिक साफ्टवेयर की मदद से पढ़ाया जा रहा है। कम्प्यूटरों ने बैंकों, परिवहन संस्थानों, रेलवे व एयरलाइन्स में सूचना देने और आरक्षण के काम में क्रान्तिकारी परिवर्तन कर दिया है। जनगणना जैसे लम्बे-चौड़े कार्य, विभिन्न विश्लेषण ग्राफों, चार्टी और आंकड़ों पर आधारित रिपोर्टों की तैयारी और भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में मतदाता सूची तैयार करने जैसे कार्य कम्प्यूटर की मदद के बिना पूरे होना कठिन  है।

कम्प्यूटरों के इस्तेमाल में इतनी विस्फोटक वृद्धि के फलस्वरूप कम्प्यूटर से जुड़े तरह-तरह के कार्य करने वाले प्रशिक्षित व्यक्तियों की मांग बढ़ गई है। इसलिए संसार के सभी भागों में कम्प्यूटरों की वर्तमान मांग पूरी करने के लिए और भावी चुनौतियों का सामना करने हेतु बड़ी संख्या में लोगों को प्रशिक्षण देकर तैयार करने का काम हो रहा है।

भारत में पहला कम्प्यूटर टाटा इन्स्टीट्यूट ऑफ फण्डामेन्टल रिसर्च, बम्बई ने 1966 में बना कर तैयार किया था। उसके बाद भाभा एटामिक रिसर्च सेन्टर ने यह काम शुरू किया। कम्प्यूटरों के निर्माण और इस्तेमाल का जो कार्य साधारण स्तर पर और साधारण गति से आरम्भ हुआ था, आज आंधी की तरह तेज गति से आगे बढ़ रहा है। कम्प्यूटर में स्वयं में न सामान्य सूझबूझ होती है और न सोचने या विभेद करने की शक्ति होती है: यह पूरी तरह से उस प्रोग्राम के अनुसार काम करता है, जो इसकी मेमोरी में डाल दिया जाता है। लेकिन वह दिन दूर नहीं जब कम्प्यूटर में कृत्रिम बुद्धि हुआ करेगी और कम्प्यूटर मशीन उसी तरह तर्कपूर्ण ढंग से सोच सकेगी व विश्लेषण कर सकेगी, जैसे मनुष्य की बुद्धि करती है।

मनुष्य के इस शक्तिशाली और प्रभावपूर्ण मित्र को सदैव ‘कम्प्यूटर वाइरस’ का खतरा बना रहता है । कम्प्यूटर वाइरस इतना घातक होता है कि कम्प्यूटर में जो भी आवश्यक जानकारी स्टोर होती है, उसे बिल्कुल नष्ट कर देता है। फिर भी कम्प्यूटर उद्योग का भविष्य उज्ज्वल है और कम्प्यूटरों की मदद से मनुष्य की अनेक कल्पनाएं साकार होंगी।

निबंध नंबर :- 03

कम्प्यूटर के लाभ

Computer Ke Labh

कम्प्यूटर विज्ञान की एक आश्चर्यजनक उपलब्धि है। आज कोई भी आधुनिक कार्यालय, संस्थान, कारखाना कम्प्यूटर के बिना अधूरा है। कम समय तथा कम श्रम से अधिक से अधिक काम इसके द्वारा आसानी से होता है।

इसके द्वारा किया गया काम सही और शुद्ध होता है। यही नहीं इसके द्वारा किये गये कार्य या अभिलेख को सुरक्षित और संरक्षित भी किया जा सकता है। दुनिया के सभी देशों में कम्प्यूटर का प्रचलन निरंतर बढ़ता जा रहा है।

आज अनेक क्षेत्र ऐसे हैं, जिनकी कार्य व्यवस्था कम्प्यूटरों द्वारा संचालित और नियंत्रित हो रही है। बैंकों, औद्योगिक संस्थानों, कार्यालयों, रेल, वायु परिवहन, यातायात, अंतरिक्ष आदि अनेक ऐसे क्षेत्र हैं, जिनकी व्यवस्था में कम्प्यूटर की भूमिका प्रमुख हो गयी है।

पास्कल ने सबसे पहले सन् 1662 में गणना यंत्र बनाया था। बाद में लीब्निज ने उसका विकास किया और अंततः कम्प्यूटर का प्रारंभिक स्वरूप निर्मित हुआ। यह एक इलेक्ट्रानिक उपकरण है। इसे हम कृत्रिम मस्तिष्क भी कह सकते हैं। कई क्षेत्रों में तो यह मनुष्य के मस्तिष्क से भी अधिक सक्षमता से कार्य कर सकता है। मानीटर, सी. पी. यू. (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) और कीबोर्ड कम्प्यूटर के प्रमुख भाग हैं। जेब में रखे जा सकने वाले कम्प्यूटर से लेकर सुपर कम्प्यूटर तक अब अनेक प्रकार के कम्प्यूटर उपलब्ध हैं, जो आवश्यकतानुसार अलग-अलग तरह के कार्यों के लिये उपयोगी हैं।

हमारे दैनिक जीवन के अनेक कार्य अब कम्प्यूटर पर ही निर्भर हैं। इसके द्वारा करोड़ों गणनाएँ झटपट की सकती हैं; दस्तावेज सुरक्षित रखे जा सकते हैं। अनगिनत आँकड़े संचित कर सकते हैं। सूचनाओं एवं संदेशों का आदान-प्रदान किया जा सकता है।

इसके द्वारा दी गयी सूचनाओं, गणनाओं, जानकारियों आदि को हम कम्प्यूटर प्रिंटर से मुद्रित रूप में तुरंत प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा, गीत-संगीत, चित्रकला. फिल्म, दस्तावेज, नक्शे निर्माण आदि कौन सा ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहाँ इसका उपयोग आज न हो रहा हो। अखबार, पत्र-पत्रिकायें, पुस्तकें अब इसके बिना नहीं छपते।

व्यापार-व्यवसाय, चिकित्सा, मिलिट्री, पुलिस, अनुसंधान, यातायात, दूरसंचार आदि अनेक क्षेत्रों में कम्प्यूटर ने अपनी उपयोगिता सिद्ध की है। बड़े-बड़े संस्थानों में एक कार्यालय में बैठकर पूरे संस्थान का संचालन, नियंत्रण और देखरेख की जा सकती है।

संचार और सूचना की क्रांति में कम्प्यूटरों का योगदान अभूतपूर्व है। ‘इंटरनेट’ कम्प्यूटर से जुड़ा संचार माध्यम का एक नवीनतम साधन है। दुनिया भर में कहीं भी स्थित कम्प्यूटरों को टेलीफोन के द्वारा इंटरनेट से जोड़ा जा सकता है।

इस तरह जुड़े कम्प्यूटर सूचनाओं और जानकारियों आदि का आदान प्रदान कम समय में आसानी से कर सकते हैं। इंटरनेट के द्वारा हम घर बैठे किसी भी विषय, घटना, तकनीक आदि की जानकारी क्षण भर में प्राप्त कर सकते हैं।

‘ई-मेल’ कम्प्यूटर और इंटरनेट से जुड़ी सुविधा है। इसके द्वारा लिखित संदेशों का आदान-प्रदान त्वरित और आसान हो गया है। अंतरिक्ष, कृत्रिम उपग्रह, वायुयान, राकेट, बड़ी-बड़ी मशीनें आदि का संचालन कम्प्यूटर द्वारा ही सुचारू रूप से हो रहा है।

मौसम, पर्यावरण, खगोल, पर्यटन आदि क्षेत्रों में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। पल-पल की खबर अब घर बैठे आसानी से मालूम की जा सकती है। कुछ ही क्षणों में आपके द्वारा भेजा गया संदेश दुनिया के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति तक पहुँच सकता है।

इंटरनेट से रेल्वे आरक्षण करा सकते हैं। किसी अखबार या पुस्तक को पढ़ सकते हैं। कोई फिल्म देख सकते हैं। किसी परीक्षा का परिणाम जान सकते खर्च में होता है। हैं आदि-आदि। यह सब काम कम्प्यूटर के कारण अब कम समय और कम खर्च में होता है।

कम्प्यूटर ने जहाँ एक ओर मनुष्य के कामकाज को आसान और सुविधापूर्ण किया है, वहीं कुछ कठिनाइयाँ भी पैदा की हैं। भारत जैसे अधिक जनसंख्या वाले देश में इस कारण बेरोजगारी बढ़ी है।

कम्प्यूटर द्वारा अब एक आदमी कई आदमियों का काम कर सकता है। और तो और इनके द्वारा स्वार्थी लोग अश्लीलता, अफवाह एवं आतंकवाद फैलाने जैसे अमानवीय कार्य कर समाज को हानि भी पहुंचा रहे हैं। अपराधिक तत्वों ने इसे अपराध करने का जरिया भी बना लिया है। इन सारी समस्याओं से निपटना भी मनुष्य का ही काम है।

600 Words

 

निबंध नंबर :- 04

कम्प्यूटर आज की आवश्यकता

Computer Aaj ki Avyashayakta 

कम्प्यूटर आधुनिक युग का एक विस्मय है। मानव की बुद्धि वृत्ति के उत्कर्ष का यह एक ज्वलंत प्रमाण है। इसका शाब्दिक अर्थ है-“इलैक्ट्रॉनिक गणक।” इसकी उत्पत्ति लैटिन शब्द ‘कम्प्यूतेमर’ से हुई है। जिसका अर्थ है गिनना किंतु अंक बहुत व्यापक बन गया है। कम्प्यूटर का जनक ब्रिटिश गणितज्ञ चालस बैवेज को माना जाता है। उन्होंने ही सब से पहले पांच अंकों से सम्पूर्ण आधुनिक कम्प्यूटर की रचना शैली का आविष्कार किया था। लेकिन इस सम्मत इसके सूक्ष्म यक्षांश नहीं बन सके थे। अत्याधुनिक इलैक्ट्रोनिक कम्प्यूटर में भी उन्हीं की रचना शैली का प्रयोग किया गया है। बैबेज के कम्प्यूटर के पांच अंश हैं- (1) भण्डार (स्तार) (2) मिल (3) कंट्रोल (4) इनपुट (5) आउटपुट । ‘स्हारे’, ‘कंट्रोल’ और ‘मिल को संयुक्त रूप में ‘सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट’ या कम्प्यूटर का भविष्य कहा जाता है। ‘इनपुट’ भाग तथ्य और निर्देश ग्रहण करता है। ‘आउटपुट’ गणना का परिणाम व्यक्त करता है। कम्प्यूटर में तथ्य और निर्देश प्रवेश करने के लिए विशेष भाषा की आवश्यकता पड़ती है। जिसे ‘प्रोसेसिंग लैंगुएज’ कहा जाता है। विभिन्न प्रोग्राम के माध्यम से कम्प्यूटर को भिन्न-भिन्न निर्देश दिये जाते हैं। कम्प्यूटर की अनेक प्रकार की भाषाएँ होती हैं। जैसे- ‘फारेट्रान, ‘काबेल’, ‘पास्कल’, ‘आडा’ इत्यादि । विशेष प्रकार के कार्य के लिए उस कार्य विशेष की उपयुक्त भाषा को चुना जाता है। प्रत्येक भाषा को ही अपनी अपनी सुविधा में और असुविधाएं हैं।

कम्प्यूटर का उपयोग धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में नये रूपों में किये जाने लगा है। वर्तमान समय में कम्प्यूटर अनेक प्रकार के कार्य करता है। अब यह रोगी का रोग बता सकता है। व्यवसाय के लाभ जनक नीति की जानकारी देखता है। यह सड़कों पर यान वाहन पर के आवागमन का नियंत्रण कर सकता है। बिजली के बिल का हिसाब कर सकता है। यह शतरंज तथा अनेक प्रकार के ‘विडियो गेम’ भी खेल सकता है। अनेक प्रकार के विज्ञापन द्वारा विज्ञापन द्वारा प्रचार कार्य कर सकता है। उंगलियों के निशान (फिंगर प्रिंट आइडेन्टि फिकेशन सिस्टम) के आधार पर असली अपराधी की शिनाख्त कर सकता है। वर्तमान समय में संसार के लोगों के प्रतिदिन के जीवन में अपरिहार्य बन गया है। यह कम्प्यूटर शिक्षा के क्षेत्र में भी इसका महत्त्वपूर्ण अवयान हैं।

सन् 1946 ई. में सब से पहले पूर्णांग कम्प्यूटर ‘इनियाक’ का आविष्कार हुआ। इसकी मदद में बहुत बड़ी संख्या का गुणनफल एक मिनट में निकाला जा सकता है। युद्ध के समय में अमेरिका की जनों ने गोपनिय तथ्यों को ढूंढ निकालने के लिए इसकी कल्पना की थी। जैसे जैसे समय व्यतीत हो रहा है कम्प्यूटर की रचना शैली में भी कृमिक उन्नति हो रही है। उन्नत कम्प्यूटर की क्षेणी में आने वाले कम्प्यूटर हैं।

यूनिबैंक-1, आई.वी.एम. 6-40, सिस्टम 360, एंड सेफ, सुपर कम्प्यूटर साइवर 205 आदि। अब दुनिया में कम्प्यूटर बनाने वाले प्रतिष्ठानों में होड़ लगी हुई है कि कौन कितने आश्चर्यजनक काम करने वाले कम्प्यूटर बना सकता है।

भारत सरकार की नवीन कम्प्यूटर आयात नीति की घोषणा के बाद देश में विभिन्न प्रकार के अनेक कम्प्यूटर का प्रवेश हुआ है। भारत अब कम्प्यूटर के मामले में करीब आत्मनिर्भर हो चुका है। भारत में कम्प्यूटरों की संख्या क्रमशः बढ़ती जा रही हैं। विश्व के उन्नत देशों में कम्प्यूटर की संख्या भी द्रुतगति से बढ़ती जा रही है। इन देशों की बढ़ती हुई कम्प्यूटर संस्था में तालमेल रखने के लिए भविष्य में हमारे देश में भी कम्प्यूटरों की संख्या लाखों होंगी।

कम्प्यूटर बहुत सा काम अकेले में बहुत कम समय में कर लेता। इसका प्रभाव कर्मचारियों की नियुक्ति पर पड़ता है। नियुक्ति कम होती है। हमारे देश में बेकारी की समस्या बहुत चिंताजनक है। दिन प्रति दिन यह बढ़ती चली जा रही है। ऐसी ही दशा में कम्प्यूटर के प्रयोग से यह संख्या और अधिक बढ़ गई है। भारत सरकार द्वारा यह गठित ‘कमेटी ऑन ऑटोमेशन’ ने स्वीकार किया है। कि कम्प्यूटर के प्रयोग के फलस्वरूप नौकरियों की संख्या में 27% कमी आ गई है। सभी विभागों में कम्प्यूटर के बढ़ते प्रयोग के कारण कर्मियों की संख्या घटाने की, संख्या घाटने की स्थिति पैदा हो गई है। कम्प्यूटर से भारत को तत्कालीन अनेक लाभ हैं। लेकिन एक बड़ा नुकसान यह है कि जहाँ बेकारी की समस्या पहले से विकराल है। वहाँ कम्प्यूटर युग के प्रवेश से इस समस्या के घटने की संभावना क्षीण हैं।

फिर भी मनुष्य विज्ञान के आशीर्वाद को ग्रहण किये बिना नहीं रह सकता। तृतीय विश्व के विकासशील देशों में अब नये वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों का प्रवेश आवश्यक हैं। कम्प्यूटर के प्रवेश को भी कदापि नहीं रोका जा सकता है। इसलिए देश की वास्तविक आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर प्रयोग के क्षेत्रों को चुनना होगा। इसके प्रयोग में भी इसे नये कार्यों की खोज करनी होगी।

(700 शब्दों में )

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commentscomments

  1. Thanks it is very helpful…… 😊😊😊

  2. Arya Singh says:

    Thank you google

  3. Kasak says:

    Thanks google

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