Hindi Essay on “Mall Sanskriti”, “मॉल संस्कृति” Complete Paragraph, Nibandh for Students
मॉल संस्कृति
Mall Sanskriti
संकेत बिंदु – नए रूप में बाजार, –सुविधापूर्ण वातावरण में खरीददारी, सभी आवश्यकता की वस्तुओं की उपलब्धता, – छोटे बाजारों पर प्रभाव
वर्तमान समय में बाजार में मॉल संस्कृति का प्रचलन बड़ी तेजी के साथ बढ़ रहा है। चारों ओर मॉल खुलते जा रहे हैं। यह एक नए रूप में बाजार का अवतार है। यह रूप पाश्चात्य जगत से आया है। मॉल में जीवन उपयोगी वस्तुएँ एक ही स्थान पर मिल जाती हैं। यहाँ के वातावरण में सुविधापूर्ण ढंग से खरीददारी की जा सकती है। यहाँ एक ही छत के नीचे सभी प्रकार की वस्तुएँ खरीदी जा सकती हैं। सभी आवश्यक वस्तुएँ यहाँ उपलब्ध हो जाती हैं। चीजों को वैरायटी भी काफी मिल जाती है। यहाँ लगभग सभी ब्रांडों की वस्तुएँ मिल जाती हैं। इसमें समय की काफी बचत होती है। कुछ किफायत भी हो जाती है। पर इस मॉल संस्कृति का खामियाजा छोटे दुकानदारों को उठाना पड़ता है। इनसे उनकी विक्री पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। अब तो विश्व के अन्य देशों के माल खुलने की अनुमति सरकार दे रही है।