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Hindi Essay on “Hamara Gaon”, “हमारा गाँव” Complete Hindi Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, 12 Students.

हमारा गाँव

Hamara Gaon

 

भारत एक कृषि प्रधान देश है । इस की 75 प्रतिशत जनसंख्या गांवों में रहती है । आधुनिक गाँव प्राचीन गाँव से काफी बदल गया है । मैं भी राजपुर गाँव में रहता है । हमारे गाँव में लगभग 800 घर है । सभी घर पक्के बने हुए है । गाँव की गलियां भी पिछले वर्ष पक्की कर दी गई थी।

हमारा गाँव शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर है । गाँव में एक सिविल डिस्पैन्सरी भी है जहाँ डाक्टर मरीजों को देखता है । एक सरकारी हाई स्कूल भी है जहाँ लड़के-लड़कियां इकट्ठे पढ़ते हैं । स्कूल में खेल का एक विशाल मैदान भी है । आस पास के गांवों से भी बच्चे यहाँ स्कूल में पढ़ने आते हैं । हमारे गाँव में एक डाकखाना भी हैं जहाँ डाकघर की सुविधाएं उपलब्ध हैं ।

अब तो गाँव में बिजली भी घर घर पहँच गई है । इससे लोगों को काफी राहत मिली है । घरों में पखें, कूलर, टेलीविज़न इत्यादि चलने लग पड़े हैं । खेतों में भी अब टयूबवैल लग गए हैं । हाँ, पानी भी हमें अब नलों से मिल रहा है । इससे जनजीवन खुशहाल हो गया है । कई घरों में अपने गोबर-गैस के प्लांट भी लगे हुए हैं ।

गाँव में एक छोटा सा बाज़ार भी है । यहाँ दैनिक उपयोग की लगभग सभी चीज़े मिल जाती है । फिर भी कछ चीज़ों के लिये तो अभी भी शहर जाना पड़ता है । बच्चों के छोटे मोटे खिलौने, कापीयां, पैंन्सिलें, कपड़े, जूते इत्यादि बाज़ार में ही मिल जाते हैं ।

हमारे गाँव की अपनी पंचायत भी है । गाँव के सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं । यदि कोई छोटी मोटी बात या झगड़ा हो भी जाए तो पँचायत उसका फैसला करवा देती है । सभी लोग पंचों के निर्णय का आदर करते हैं।

गाँव के सारे पशु भी गाँव के बाहर ही खलिहान में रहते है तथा वही दोहे जाते हैं । गाँव से काफी दूध शहर को भी जाता है । सब्जियां इत्यादि तो प्रतिदिन शहर की मण्डियों में भेजी जाती हैं । गेहूँ, धान इत्यादि भी शहर की मण्डियों में भेजा जाता है ।

गाँव में सभी जातियों जैसे हिन्दु, सिक्ख, जुलाहे, लोहार, चमार, इत्यादि मिल जुल कर रहते हैं । सभी त्योहारों तथा पर्वो पर एक दूसरे को बधाई देते हैं । गाँव में एक मन्दिर तथा एक गुरूद्वारा भी है जो सभी धर्मों के लिये खुले हैं । गाँव में हर वर्ष वैसाखी तथा दीवाली बड़ी धूम धाम से मनाए जाते हैं । इन मेलों पर दंगल, कुश्तियां तथा अन्य ग्रामीण खेल भी खेले जाते हैं जिनका सभी निवासी बहुत मज़ा लूटते हैं । विशेष रूप से वैसाखी का मेला तो देखने लायक होता है जो गाँव के बाहर ही लगता है । हलवाई की दुकानों, खिलौनों की दुकानों, औरतों के सामान की दुकानों पर तो भीड़ देखने योग्य होती है क्योंकि साथ लगने वाले चार-पाँच और भी गाँव वाले हमारे गाँव ही मेला देखने आते हैं ।

हमारे गाँव से एक नहर भी गज़रती है जिसके किनारे लोग शाम तथा सुबह सैर करते हैं । बच्चे नहर में डुबकियां लगा कर जीवन का मज़ा लूटते हैं । ग्रहण इत्यादि के अवसर पर यहाँ स्नान करने वालों का तांता लगा रहता है । गाँव का वातावरण शांत तथा प्रदूषण रहित होता है ।

अभी पिछले दिनों हमारे इलाके के लोक सभा के सदस्य भी आए थे जो आश्वासन दे गए हैं कि इस वर्ष मार्च महीने से पहले पहले गाँव में एक टेलीफोन केन्द्र भी बना दिया जाएगा जिससे ग्रामीणों को टेलीफोन की सविधा उपलब्ध हो जाएगी । टेलीफोन एक्सचेंज के लिये भूमि तो विभाग ने खरीद ली है।

पचायत के लिये भी एक छोटा सा भवन है जहाँ आजकल प्रौढ़ शिक्षा का काम जोरों शोरों से चल रहा है । गाँव के सभी अनपढ़ तथा बजुर्ग लोग थोड़ा बहुत पढ़ना लिखना सीख गये हैं । इसी भवन में एक कमरे को पुस्तकालय के रूप में प्रयोग किया जाता है । यहाँ लोग समाचार पत्र इत्यादि पढ़ते हैं । कुछ धार्मिक एवम् शिक्षाप्रद पुस्तकें भी यहाँ रखी हुई हैं जिनका लोग लाभ उठाते हैं ।

इस प्रकार हमारे गाँव में आधुनिक युग की लगभग सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं और जो नहीं है उनके लिये सरकार से हमारे सरपँच तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति संपर्क बनाए हुए हैं तथा प्रयास जारी रखे हैं । भगवान हमारे गाँव जैसा सभी गांवों को बना दे, ऐसी हमारी शुभ कामना भी है ।

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