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Ek Adarsh Vidyarthi “एक आदर्श विद्यार्थी” Hindi Essay 700 Words for Class 10, 12.

एक आदर्श विद्यार्थी

Ek Adarsh Vidyarthi

बहुत से लोग किताबी ज्ञान को ही शिक्षा का सब कुछ मान लेते हैं। यह सही नहीं है। वास्तव में शिक्षा का अर्थ है विद्यार्थी के व्यक्तित्व का समग्र विकास। इस लिए, एक आदर्श विद्यार्थी वही है जो अपनी शैक्षिक संस्थान की सभी गतिविधियों में रूचि लेता हो। वह न केवल अपनी पढ़ाई में ही अच्छा होता है बल्कि वह खेलों और कक्षा से बाहर की अन्य गतिविधियों में भी उत्कृष्ट होता है। वह ऐसा कोई काम नहीं करता जो उसके लिए, उसके माता-पिता, स्कूल अथवा उसके राष्ट्र के लिये बदनामी का कारण बने। वह एक आदर्श नागरिक बनने का अधिक प्रयास करता है।

आदर्श विद्यार्थी परिश्रमी होता है। वह अपनी कक्षा में हमेशा दूसरों से आगे बढ़ने का प्रयास करता है। वह अपने कार्यों और उपलब्धियों द्वारा दूसरों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करता है। सभी अध्यापक और मित्र स्कूल और कालेज में उसके अच्छे कार्य और व्यवहार के लिए उसको आदर की दृष्टि से देखते हैं। वह अपने स्कूल का नाम ऊँचा करता है। अनुशासन, बड़ों के लिए सम्मान और शिष्टाचार उसके मुख्य गुण होते हैं। वह भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए मस्तिष्क, शरीर और व्यक्तित्व को सृदृढ़ बनाता है। वह इस बात में विश्वास करता है कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का निवास होता है। वह बहुत नियमित और समय का पाबन्द होता है। वह सभी कार्य ठीक समय पर और ठीक ढंग से करता है। वह फल की चिन्ता किये बिना ही अपना कार्य निष्ठापूर्वक और ईमानदारी से करता है।

आदर्श विद्यार्थी हमेशा अच्छी आदतों और शिष्टाचारपूर्ण व्यवहार विकसित करने का प्रयास करता है। वह बोलने में शिष्ट होता है। वह हमेशा उन लोगों की सहायता करने को तत्पर रहता है जिन्हें उसकी आवश्यकता होती है। अन्य लोगों के साथ वह ईमानदारी से व्यवहार करता है। वह हमेशा अच्छे लागों की संगति में रहता है। उसके कुछ ही मित्र होते हैं परन्तु वे सभी सच्चे और निष्कपट मित्र होते हैं और मन से उदात्त होते हैं।

आदर्श विद्यार्थी समाज और देश के हितों को सदा अपने हितों के ऊपर रखता है। वह अपने देश के लिए सब कुछ न्यौछावर करने के लिए तैयार रहता है। ज्ञान प्राप्त करने की उसकी पिपासा कभी नहीं बुझती और वह हमेशा कुछ नया सीखने के लिए उत्सुक रहता है। आदर्श विद्यार्थी सामान्य रुचि की पुस्तकों तथा महापुरुषों द्वारा लिखित ग्रन्थों को पढ़ने में रूचि रखता है।

आदर्श विद्यार्थी विनम्र होता है। वह कभी भी अपनी सफलताओं पर गर्व नहीं करता । वह आत्मविश्वासी और बहादुर होता है। वह बिना किसी भय और स्वार्थ के अपने विचारों को खुलकर व्यक्त कर सकता है। वह जीवन के संघर्ष को दृढ़ निश्चय से और सभी चुनौतियों का मुकाबला हिम्मत से और प्रसन्नतापूर्वक करता है। वह कभी भी परीक्षाओं में गलत तरीकों के प्रयोग की बात सोच भी नहीं सकता।

आत्म-नियन्त्रण और सयंम का होना एक आदर्श विद्यार्थी की मुख्य विशेषताएँ होती हैं। वह कुछ बोलने अथवा करने से पहले दो बार सोचता है। वह अशिष्ट भाषा का प्रयोग कभी नहीं करता। वह अपने साथियों की सहायता करने का कोई अवसर जाने नहीं देता। उसका दृष्टिकोण वस्तुपरक और विचारशील होता है। वह पाप से घृणा करता है, पापी से नहीं। वह ईश्वर से डरता है और किसी के प्रति दुर्भावना नहीं रखता। वह चरित्रवान होता है। आदर्श विद्यार्थी इस बात से अवगत होता है कि यदि धन खो जाता है तो कुछ नहीं खोता, यदि स्वास्थ्य खो जाता है तो व्यक्ति का कुछ खो जाता है परन्तु यदि चरित्र खो जाता है तो सब कुछ खो जाता है। आज का आदर्श विद्यार्थी कल का आदर्श नागरिक होता है।

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