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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 321)
Best 5 Hindi Essay on “Bhrashtachar ek Samasya” निबंध नंबर : 01 भ्रष्टाचार एक समस्या Bhrashtachar Ek Samasya भ्रष्टाचार से तात्पर्य ऐसे आचरण से है जिसमें मनुष्य भ्रष्ट आचरण करने को प्रेरित होता है अथवा उसे प्रोत्साहित करता है। यह मानव का सहज गुण है। लोग इससे शायद ही अछुते रह पाएँ हो वे किसी न किसी रूप में दैनिक भ्रस्टाचार के अवश्य साक्षी होते हैं। आज पूरे विश्व का शायद...
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April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages4 Comments
लाल बहादुर शास्त्री Lal Bahadur Shastri Essay No. 01 लाल बहादुर शास्त्री भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री थे। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के मुगलसराय नामक स्थान में 2 अक्तूबर, सन् 1904 को हुआ था। इनके पिता शारदा प्रसाद एक शिक्षक थे। इनकी माता का नाम रामदुलारी देवी था। इनका जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। स्वतंत्रता आंदोलन के क्रम में स्कूल में पढ़ते हुए ये जेल भी गए। जेल से आने...
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April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
काश मैं वृक्ष होता वृक्ष प्रकृति की सबसे अनमोल कृति है। पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाया है क्योंकि यहाँ वन मौजूद है। पृथ्वी की अनोखी एवं मनमोहक छटा का कारण पृथ्वी पर पाए जाने वाले वृक्षों एवं पौधों की सैकड़ों प्रजातियां हैं। यह एक महत्वपूर्ण कारण है कि मैं भी वृक्ष के रूप में प्रकृति का हिस्सा बनना चाहता हूँ । यदि मैं वृक्ष होता तो अन्य वृक्षों की तरह...
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April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
बाल श्रम Bal Shram निबंध नंबर :-01 बाल श्रम से तात्पर्य ऐसे कार्यों से है। जो अवयस्क बच्चों से लिया जाता है। बाल श्रम भारत जैसे विकासषील देष के लिए एक राष्ट्रीय समस्या है। बाल श्रम के अंतर्गत वैसे सारे कार्य आते हैं जो बच्चों से स्वेच्छा अथवा जबरन कराए जाते हैं। आज विश्व के अनेक राष्ट्रों ने बाल श्रम व उत्पीड़न से निबटने के लिए अनेक कानून बनाए हैं।...
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April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दिन-प्रतिदिन बढ़ता प्रदुषण प्रदुषण ने आज समस्त संसार को अपने आगोश में ले लिया है। संसार का शायद ही कोई ऐसा भाग बचा हो जो प्रदुषण के प्रकोप से से अछुता हो। पर्यावरण में मानव के अति हस्तक्षेप ने तो मानव के अस्तित्व को ही खतरे में ला खड़ा किया है। आज घर हो या बाहर सर्वत्र मानवीय कियाकलापों ने प्रदुषण का प्रसार कर रखा है। वायु प्रदुषण एवं जल प्रदुषण...
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April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages2 Comments
ग्लोबल वार्मिंग के खतरे निबंध नंबर :01 ग्लोबल वार्मिंग अर्थात् विश्वव्यापी तापक्रम वृद्धि से तात्पर्य विश्व के औसत तापक्रम में आई वृद्धि से है। आज पूरे विश्व के लिए यह चिंता का विषय बन चुका है। ग्लोबल वार्मिंग के अंतर्गत अनावश्यक तापक्रम वृद्धि से उत्पन्न विश्वव्यापी खतरों को चिन्हित किया जाता है। विश्व के अधिकांश देशों ने ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को भाँप लिया है। ग्लोबल वार्मिंग ने अपनी प्रचंडता का...
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April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मेरे सपनों का भारत Mere Sapno Ka Bharat निबंध नंबर : 01 भारत हमारी जन्म एवं कर्मभूमि है। भिन्न-भिन्न जाति वर्ग के लोगों के बीच इस देश ने अपनी पारंपरिक सभ्यता-संस्कृति एवं सर्वधर्मसहिष्णुता की भावना के कारण विश्व में अपनी अनूठी पैठ बना रखी है। भारत सदियों से विश्व का मार्गदर्शक बना हुआ है। ऐसे में देश की प्रतिष्ठा दिन-व-दिन धूमिल होती जा रही है। जहां भारत की सभ्यता-संस्कृति तथा परम्पराओं...
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April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages3 Comments
पुस्तकालय पुस्तकालय से तात्पर्य है पुस्तकों का घर। विद्या के प्रचार-प्रसार में विद्यालयों के अतिरिक्त पुस्तकालयों का ही सर्वाधिक योगदान होता है। यह वही स्थल है जहां हमें भांति-भांति के विषयों की सहज जानकारी उपलब्ध हो जाती है। पुस्तकालयों का इतिहास अत्यन्त प्राचीन है। प्राचीन काल से ही जब से भाषा को लिपिबद्ध करने का प्रचलन हुआ पुस्तकालयों का भी गठन किया गया। विश्व के अनेक प्रांतों में आज भी प्राचीनतम...
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April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment