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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 292)
समय अनमोल है। या समय का सदुपयोग समय चक्र की गति बड़ी अदभुद है। इसकी गति में अबादता है। समय का चक्र निरंतर गतिशील रहता है रुकना इसका धर्म नहीं है। “मैं समय हूँ मैं किसी की प्रतीक्षा नहीं करता में निरंतर गतिशील हूँ मेरा बिता हुआ एक भी क्षण लौट कर नहीं आता है। जिसने भी मेरा निरादर किया वह हाथ मल्ता रह जाता है। सिर धुन- धुन कर पछताता है।...
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May 27, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages20 Comments
मेरी दिनचर्या मै, रमेश चन्द्र , नवम श्रेणी का विद्दार्थी हूँ, मेरे जीवन का दैनिक कार्यक्रम बहुत सामान्य सा है जो प्रात: काल उठने से पारम्भ होकर रात्रि को सोने तक का है | मै प्रतिदिन प्रात:काल बहुत शीघ्र उठ जाता हूँ | एक बार हमारे प्रधानाचार्य जी ने प्रात :काल में जल्दी उठने के महत्त्व को बताते हुए कहा था की जो ब्रह्ममुहूर्त में उठता है तथा रात्रि को शीघ्र...
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February 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
प्रौढ़शिक्षा परिपक्व आयु वाले व्यक्ति को प्रौढ़ कहा जाता है | आजकल प्राय : चालीस वर्ष की आयु वाले व्यक्ति को प्रौढ़ मान लिया जाता है , यद्दपि प्राचीन काल में जब मनुष्य की औसत आयु प्राय : सौ वर्ष होती थी तब प्रौढावस्था का कर्म पचास वर्ष से अधिक माना जाता था | जहाँ तक आयु का प्रश्न है, शिक्षा ग्रहण करने के मार्ग में यह कदापि बाधक नही हुआ...
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February 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सहशिक्षा सहशिक्षा से अभिप्राय शिक्षा की उस व्यवस्था से है जिसमे लडके तथा लडकियाँ एक साथ शिक्षा ग्रहण करते हो | इस विषय पर कि इस प्रकार की शिक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए कि नही काफी समय से चर्चा होती रही है | कुछ लोग इस व्यवस्था के पक्ष में है तथा कुछ इसके पक्ष में नही है | इस प्रकार की चर्चा होते हुए भी , आजकल हमारे देश भारत...
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February 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
स्वदेश प्रेम Swadesh Prem Best 4 Essay on ” Swadesh Prem” निबंध नंबर : 01 स्वदेश का अर्थ है अपना देश अर्थात अपनी मातृभूमि | यह वह स्थान होता है जहाँ हम पैदा होते है, पलते है और बड़े होते है | जननी तथा जन्मभूमि की महिमा का स्वर्ग से बढकर बताया गया है | जिस देश में हम जन्म लेते है तथा वहाँ का अन्न, जल, फल, फूल आदि खाकर...
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February 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages31 Comments
सदाचार – सच्चरित्रता Sadachar – Sacharitrata निबंध नंबर : 01 सच्चरित्रता व्यक्ति का वह व्यवहार होता है जो किसी को हानि नही पहुँचाता, बल्कि जो सभी का हर प्रकार से शुभ एव हितकारी होता है तथा जिसके लिए कुछ भी छिपाने व मिथ्या भाषण की आवश्यकता नही पडती | सच्चरित्र वाला व्यक्ति अपने अच्छे व्यवहार से जीवन तथा समाज में सभी को शीघ्र एव सहज ही प्रभावित कर लिया करता है...
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February 17, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
आत्मनिर्भरता Atamnirbharta Best 4 Hindi Essay on ” Atmanirbharta” निबंध नंबर :01 स्वावलम्बन अथवा आत्मनिर्भरता दोनों का वास्तविक अर्थ एक ही है – अपने सहारे रहना अर्थात अपने आप पर निर्भर रहना | ये दोनों शब्द स्वय परिश्रम करके, सब प्रकार के दुःख –कष्ट श कर भी अपने पैरो पर खड़े रहने की शिक्षा और प्रेरणा देने वाले शब्द है | यह हमारी विजय का प्रथम सोपान है | इस पर...
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February 8, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जीवन में खेलो का महत्त्व किसी ने सत्य ही कहा है – “Health is Wealth” अर्थात अच्छा स्वास्थ्य ही सच्ची सम्पत्ति है | जीवन में अच्छे स्वास्थ्य का विशेष महत्त्व है | स्वस्थ व्यक्ति ही भूमण्डल पर सभी प्रकार के सुख भोग सकता है | बिना अच्छे स्वास्थ्य के जीवन नरक के सदृश्य है | स्वस्थ व्यक्ति में स्वय ही अदम्य साहस और धैर्य आ जाता है | शरीर को स्वस्थ...
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February 8, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment