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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 237)
आधुनिक नारी की भूमिका Aadhunik Nari ki Bhumika आधुनिक काल में नारी सामाजिक व्यवस्था में स्थान रखती है। पुरूषों की भाँति ही वह उच्च शिक्षा ग्रहण करती है, सभी प्रकार के प्रशिक्षण या टेªनिंग लेती है और घर की सीमाओं से बाहर निकलकर स्कूल, काॅलेजों कार्यालयों, अस्पतालों आदि में अपनी कार्यक्षमतानुसार स्थान प्राप्त करती हैं। राजनीति, वैज्ञानिक संस्थान, पर्वतारोहण, क्रीड़़ा जगत्, पुलिस, सेना आदि कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं जहाँ...
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June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
हिन्दी भाषा की वर्तमान दशा Hindi Bhasha ki Vartman Dasha हिन्दी पढ़ना मेरा सौभाग्य है, मेरी विवशता कतई नहीं है। मुझे अपनी भाषा हिंदी पर गर्व है। हिंदी हमारे देश की राष्ट्रभाषा है। अपनी राष्ट्रभाषा पर मेरा गर्व होना स्वाभाविक ही है। यह प्रश्न मेरी अस्मिता से जुड़ा है। कोई भी राष्ट्र तब तक स्वतंत्र होने का दावा नहीं कर सकता जब तक उसकी अपनी ही राष्ट्रभाषा न हो।...
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June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
सांप्रदायिकता Sampradayikta धार्मिक असहिष्णुता का दूसरा नाम है- सांप्रदायिकता। हमारे देश में यद्यपि हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई आदि विभिन्न धर्मों के मानने वाले निवास करते हैं परंतु फिर भी हमारे देश में जो धर्म-निरपेक्षता के सिद्धांत को मान्यता देता है, सांप्रदायिक एकता बनी हुई है। सामान्यतः लागों का धर्मों तथा विचारों की विभिन्नता के कारण विभिन्न संप्रदायों से संबंधित होना अस्वाभाविक नहीं है। परंतु जब विभिन्न संप्रदायों के लोग केवल...
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June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मित्र हो तो ऐसा Mitra ho to Esa मित्रता एक पवित्र वस्तु है। संसार में सब कुछ मिल सकता है, परंतु सच्चा और स्वार्थहीन मित्र मिलना अत्यंत दुर्लभ है। जिस व्यक्ति को संसार में मित्र-रत्न मिल गया, समझो उसने अपने जीवन में एक बहुत ही बड़ी निधि पा ली। मनुष्य जब संसार में जीवन-यात्रा प्रारंभ करता है तो उसे सबसे अधिक कठिनाई मित्र खोजने में ही होती है। यदि उसका...
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June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
एक आतंकी घटना का अनुभव Ek Aatanki Ghatna ka Anubhav वह घड़ी जब जीवन और मृत्यु में एक कदम का फासला था जीवन बड़ा विचित्र है। इसमें कब क्या घटित हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता। पिछले दिनों की बात हैं मैं सरोजिनी नगर मार्किट में खरीदारी कर रहा था। घर में एक समारोह था, उसकी तैयारियाँ बड़े जोर-शोर से चल रही थीं। हम बड़े उत्साह में थे।...
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June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सागर-तट की सैर Sagar Tat ki Sair गत् सप्ताह मैं क्न्याकुमारी के सागर-तट पर बैठा था। सागर-तट का दृश्य मुझे बहुत लुभा रहा था। समुद्र-तट पर कई छोटे जहाज खड़े थे। वे सभी का ध्यान आकर्षित कर रहे थे। सायंकाल का समय था। सुरज डूबने को था। इससे पहले आसमान में लालिमा छा गई थी। डूबते सूरज का रंग क्षण-क्षण परिवर्तित हो रहा था। यह दृश्य मन को बड़ा ही...
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June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विज्ञापन के प्रभाव Vigyapan ke Prabhav निबंध नंबर:- 01 विज्ञापन का उद्देश्य है कि किसी वस्तु या वस्तुओं को व्यावसायिक, राष्ट्रीय, सामाजिक, सांस्कृतिक, कलात्मक, मांगलिक, साहित्यिक तथा ऐतिहासिक दृष्टि से लोकप्रिय बनाने की प्रक्रिया को त्वरित गति प्रदान की जाए अर्थात् इन सबसे संबद्ध वस्तुओं को जनमानस में एक विशिष्ट छवि के रूप में अंकित किया जाए। विज्ञापन यह ज्ञापित करता है कि अमुक वस्तु क्यों ग्रहणीय है...
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June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
शहरों में महिलाओं की स्थिति Shahron me Mahilao ki Stithi शहरों में महिलाआंे की स्थिति इस दृष्टि से तो अच्छी है कि उन्हें यहाँ रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। वे आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर हैं। वे स्वतंत्रता का उपभोग कर रही हैं। उन्हें अनेक प्रकार की सुख-सुविधाएँ उपलब्ध हैं। परिवार में उनके महत्त्व को माना जाता है। अब हम दूसरी दृष्टि...
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June 12, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment