Home »
Languages »
Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 103)
का बरखा जब कृषि सुखाने Ka Barkha Jab Krishi Sukhane संकेत–बिंदु–लोकोक्ति का अर्थ । समय का महत्त्व। समय का सदुपयोग। समय बीत जाने पर किसी चीज की प्राप्ति कोई अर्थ नहीं रखती। खेती सूख जाने पर अमृत जैसा जल देने वाली वर्षा में भी सामर्थ्य नहीं कि वह फिर से पौधों को हरा कर सके। यह स्थिति जीवन में प्राप्त होने वाले अवसरों के विषय में कही जा सकती है क्योंकि...
Continue reading »
December 7, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
हम होंगे कामयाब एक दिन Hum Honge Kamyab ek Din साधारण सी दिखने वाली यह पंक्ति हमारे मन में आशा और विश्वास की नई ज्योति जलाती है और असफलताओं से हताश, निराश व्यक्तियों को पुनः धैर्य और साहस के साथ कर्म में प्रवृत्त होने की प्रेरणा देती है। जीवन में हार-जीत, सफलता-असफलता, हानि-लाभ, सुख-दुख तो दिन-रात की तरह आते-जाते रहते हैं। कई बार परश्रिम और उद्यम के बावजूद हम अपने लक्ष्य...
Continue reading »
December 7, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages3 Comments
सत्संगति का महत्त्व Satsangati ka Mahatva संकेत–बिंदु–संगति का अर्थ। सत्संग व कसंगत का प्रभाव। विदयार्थी जीवन में महत्त्व। संगति का अर्थ है ऐसे लोगों के साथ उठना-बैठना जो हमारे जीवन को निरंतर और स्थायी तौर पर प्रभावित करते हैं। संगति अर्थात् ‘सम् + गति’ तो वह है जो दिन-रात समान रूप से हमारे साथ चल रही है क्रिया में, विचार और व्यवहार में। इसलिए जीवन के उत्थान व पतन का कारण...
Continue reading »
December 7, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत की विविधता Bharat ki Vividhta कुछ खास बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी, सदियों रहा है दुश्मन दौरे जहाँ हमारा जी हाँ। सच ही है मेरा देश भारत–सबसे निराला, सबसे प्यारा जो समय के थपेड़ों को खाता हुआ भी निरंतर गतिशील है। भारत भूमि स्वर्ग से भी महान है, लहराता सागर इसके चरण चूमता है, गगनचुंबी हिमालय इसके मुकुट हैं, गंगा, यमुना जैसी नदियाँ इसके गले का हार हैं...
Continue reading »
December 7, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
यदि मैं प्रधानाचार्य होता Yadi me Principal Hota भाभी मैं अपने में दिल्ली के एक सरकारी विद्यालय में छात्र हूँ। मैं अपने प्रधानाचार्य के गुणों से बहुत प्रभावित हूं। जब भा विद्यालय के प्रधानाचार्य को कार्य करते हुए देखता हूँ तो मेरा मन कल्पना के पंख लगाकर उड़ने लगता है उस विदयालय का प्रधानाचार्य समझने लगता हूं। में सोचने लगता हूँ क्या जितना आदर, प्यार, मान-सम्मान तथा प्रतिष्ठा उन्होंने अर्जित की...
Continue reading »
December 7, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
The Fox and The Stork The Fox one day thought of a plan to amuse himself at the expense of the Stork, at whose odd appearance he was always laughing. “You must come and dine with me today,” he said to the Stork, smiling to himself at the trick he was going to play. The Stork gladly accepted the invitation and arrived in good time and with a very good appetite....
Continue reading »
November 30, 2020 evirtualguru_ajaygourClass 12, Hindi (Sr. Secondary)No Comment
पार्क में मिले दो अजनबियों के बीच चुनावी सरगर्मियों पर बातचीत मनीष – क्या ठंडी हवा है। यहाँ आकर तन-मन तरोताजा हो जाते हैं। संजय- यहाँ ठंडी हवा और देश में गरम हवा। इस बार का मतदान आर-पार की लड़ाई बन चुका है। मनीष – सभी दल एक दूसरे को नीचा दिखाने में जुटे हैं। बाल की खाल निकालना तो कोई इन नेताओं से सीखे। मनीष – बड़ी-बड़ी बातें और छोटे...
Continue reading »
October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
बादल और वृक्ष के बीच संवाद वृक्ष – स्वागत है मित्र तुम्हारा ! तुम्हारी प्रतीक्षा में देखो मैं सूखकर काँटा हो गया हूँ। बादल – वाह ! बातें बनाना खूब आता है तुम्हें ! इस बार आने में देर हो गई, क्षमा चाहता हूँ। वृक्ष – क्षमा तुम्हें नहीं, इंसान को मॉगनी चाहिए। जिसने प्रकृति के चक्र को तहस-नहस कर डाला है। विकास के नाम पर वातावरण को गरम कर दिया...
Continue reading »
October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment