Home »
Languages »
Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 102)
भारतीय सैनिक Bhartiya Sainik किसी भी मज़बूत देश की नींव उसकी शक्ति में होती है। किसी देश की सेना का मनोबल जितना दृढ़ होगा उतना ही वह राष्ट्र मज़बूत होगा। सेना का निर्माण सैनिकों से होता है। एक महान देश है। यह शान्ति में विश्वास रखता है। परन्तु कहा जाता हैं। आप शान्ति चाहते हैं तो युद्ध के लिए सदा तैयार रहें । युद्ध के लिए सेना की आवश्यकता होती...
Continue reading »
January 13, 2021 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
युवा वर्ग का राष्ट्र के उत्थान में योगदान Yuva varg ka Rashtriya Utthan me Yogdan युवाशक्ति ही किसी नव स्वतन्त्रता प्राप्त एवं राष्ट्र का निर्माण करने के लिए उसकी रीढ़ की हड्डी है। युवा शक्ति के अन्दर असीम शक्ति का भण्डार होता है। युवा वर्ग एक कच्ची मिट्टी के बर्तन जैसा होता है, उसको आप चाहे जिस आकार में ढालना चाहें ढाल सकते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि युवा...
Continue reading »
January 9, 2021 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थीयों का योगदान Rashtra Nirman me Vidhyarthiyo ka Yogdan निबंध संख्या :- 01 किसी भी राष्ट्र की उन्नति का आधार और प्रतिष्ठा उसकी भावी पीढ़ी पर होता है । जो बासी हो गया, जीर्ण हो गया, समयातीत हो गया, उस फूल को डाल से चिपके रहने का कोई अधिकार नहीं है। यही सोचकर शायद कविवर जयशंकर प्रसाद जी ने ठीक ही कहा है- प्रकृति के यौवन का श्रृंगार...
Continue reading »
January 9, 2021 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
एक आदर्श विद्यार्थी के गुण Ek Aadarsh Vidyarthi ke Gun निबंध नंबर :- 01 विद्यार्थी जीवन मानव जीवन का सबसे सुनहरी काल है। एक विद्यार्थी सब प्रकार की शक्तियों को विकसित करने के सक्षम होता है। इसलिए विद्वानों ने मी जीवन को जीवन का आधार माना है। यदि नींव मज़बत होगी तो उस पर भावी जीवन का महल भी सुदृढ़ एवं मजबूत बन सकेगा, नहीं तो आन्धियां और तफान किसी भी...
Continue reading »
January 9, 2021 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
परहित सरिस धर्म नहिं भाई Parhit Saris Dharm Nahi Bhai निबंध संख्या:- 01 महाकवि तुलसीदास ने कहा है ‘परहित सरिस धर्म नहिं भाई. पर पीडा सम नहीं अधमाई’; अर्थात् परापकार का कोई दूसरा ‘धर्म’ नहीं है और दूसरों को पीड़ देने से बढ़कर कोई ‘पाप’ नहीं है। परोपकार या परहित दो-दो शब्दा सबन हैं—पर + उपकार, पर + हित । इनका अर्थ है दूसरों का उपकार या हित करना । जब...
Continue reading »
December 11, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
आरक्षण की समस्या Aarakshan ki Samasya ‘आरक्षण’ शब्द का सामान्य अर्थ है किसी स्थान, वस्तु आदि को अपने या किसी अन्य के लिए सुरक्षित कराना, पर यहाँ आरक्षण से अभिप्राय है नौकरियों या उच्च शिक्षा में निम्न जातियों, वर्गों, जनजातियों के लिए कुछ स्थान सुरक्षित रखकर उन्हें अन्य जातियों की तरह प्रगति या विकास कर सकने के अवसर या सुविधा उपलब्ध कराना। आरक्षण के पक्ष में तर्क है। दूरदर्शन आज सबसे...
Continue reading »
December 11, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पर्यावरण प्रदूषण Paryavaran Pradushan हमारे आस-पास का प्राकृतिक वातावरण जिसमें हम रहते हैं—’पर्यावरण’ कहलाता है। इस प्राकृतिक वातावरण का दूषित हो जाना या इसका संतुलन विकृत हो जाना ही प्रदूषण है। प्रदूषण की वृद्धि के कारणों में मनुष्य द्वारा प्रकृति के साथ मनचाही छेड़छाड़ है। मनुष्य ने अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई की, पर्वतों को तोड़ा, परमाणु भट्ठियाँ बनाईं तथा अनेक प्रकार के कीटनाशकों का प्रयोग...
Continue reading »
December 11, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages2 Comments
मीठे बोल Mithe Bol मधुर वचन । वशीकरण मंत्र। कटुभाषा का प्रभाव । मनुष्य के पास एक अद्भुत परम शक्ति है मधुर वाणी। मधुभाषी के लिए संसार की कोई वस्तु अलभ्य नहीं है। वह समय पर शासन करता है, परिस्थितियों को अनुकूल मोड़ देता है और अपने आस-पास के वातावरण को सहज और खुशनुमा बना देता है। मधुर वचन तो ऐसा वशीकरण मंत्र है जिससे शत्रु भी मित्र बन...
Continue reading »
December 7, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment