Home » Languages » Hindi (Sr. Secondary) » E-Mail (Electronic Mail) “ई-मेल (इलेक्ट्रॉनिक मेल)” Hindi Essay, Paragraph in 800 Words for Class 10, 12 and competitive Examination.

E-Mail (Electronic Mail) “ई-मेल (इलेक्ट्रॉनिक मेल)” Hindi Essay, Paragraph in 800 Words for Class 10, 12 and competitive Examination.

ई-मेल (इलेक्ट्रॉनिक मेल)

E-Mail (Electronic Mail)

इलेक्ट्रॉनिक संचार साधनों के द्वारा पत्र-व्यवहार को इलेक्ट्रॉनिक मेल कहते हैं। इलेक्ट्रॉनिक मेल के लिए संक्षिप्त शब्द ई-मेल आजकल प्रचलन में है। इण्टरनेट के चलन से आजकल अपने सन्देशों के आदान-प्रदान के लिए ई-मेल का व्यापक स्तर पर प्रयोग हो रहा है। ई-मेल द्रुतगति का पत्र-व्यवहार है। इसमें सेकेण्ड के कुछ हिस्से में ही सन्देश दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने में पलक झपकते ही पहुँच जाता है। वस्तुतः ई-मेल कम्प्यूटर (Network) पर उपलब्ध डाक सुविधा का एक विस्तृत रूप है। जब कई स्थानों पर उपलब्ध कम्प्यूटर एक-दूसरे से जुड़ते है तो उनमें सन्देशों का आदान-प्रदान बड़ा ही सहज हो जाता है। इण्टरनेट ‘नेटवर्कों का नेटवर्क है’ अर्थात् उसमें छोटे-छोटे नेटवर्कों का परस्पर सम्बन्धित बड़ा नेटवर्क है इसलिए इसमें भी प्रयोगकर्ता एक-दूसरे से बड़ी ही सुविधाजनक तरीके से पत्र-व्यवहार (Mailing) कर सकते हैं। सामान्य पत्र-व्यवहार की तरह इलेक्ट्रॉनिक मेल में भी सन्देशों के परस्पर आदान-प्रदान के लिए पता ठिकाने की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए यदि कहीं ई-मेल के द्वारा कोई सन्देश भेजना होता है तो सर्व प्रथम उस पते की आवश्यकता होती है जहाँ पर संदेश भेजना है। इन्टरनेट से ई-मेल आदान- प्रदान की एक बड़ी विशेषता यह है कि इसमें अपने सन्देश को इन्टरनेट से जुड़े किसी भी कम्पयूटर से प्राप्त किया जा सकता है और भेजा जा सकता है, वह विश्व में कहीं पर भी स्थित हो। यह सुविधा डाक-विभाग द्वारा पत्रों के आदान-प्रदान में बिल्कुल नहीं मिल सकती है। आज ई-मेल का प्रचलन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। पहले ई-मेल का प्रयोग छोटे-छोटे सन्देशों के आदान-प्रदान के लिए किया जाता था किन्तु आजकल दस्तावेजों के आदान-प्रदान और ग्राफिक्स या दृश्य सामग्री के आदान-प्रदान के लिए ई-मेल का बहुतायत प्रयोग हो रहा है। इतना ही नहीं आज ई-मेल के द्वारा अपनी आवाज को भी एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा रहा है। यह सब MIME (Multi purpose internet mail Extension) जैसे सॉफ्टवेयर और encoding जैसी इनको डिंग योजनाओं की खोज से संभव हो सका। आज अपने कामकाज के लिए ई-मेल के प्रयोगों को ही सबसे भरोसेमन्द माना जा रहा है। इसलिए आजकल डाक के पते और फोन नम्बर पूछने के साथ-साथ ई-मेल पता पूंछना भी लोग नहीं भूलते हैं। टेलीफोन के व्यापक प्रचलन से समाज में पत्र-लेखन की परम्परा धीरे-धीर लुप्त होती जा रही थी, ई-मेल ने इस परम्परा को पुनर्जीवित कर दिया। आज अपने औपचारिक एवं अनौपचारिक, संवाद के लिए ई-मेल का बखूबी प्रयोग हो रहा है।

इन्टरनेट पर कई ऐसी कम्पनियां हैं जो संदेश के आदान-प्रदान की सुविधा उपलब्ध कराती हैं तो कुछ ऐसी भी है जो इसके साथ-साथ पोस्ट-बॉक्स की तरह ई-मेल का पत भी देती हैं। ऐसी संस्थाओं पर अपना स्थाई ई-मेल पता रखा जा सकता है जो इनके सर्वर पर सुरक्षित रहता है। ये सुविधाएं कुछ कम्पनियों द्वारा निःशुल्क प्रदान की जाती है तो कुछ के द्वारा यह सुविधा प्राप्त करने के लिए शुल्क भी अदा करना होता है। ई-मेल के व्यापक प्रयोग के कारण ही कम्पनियां इसमें कुछ सुविधाओं में कटौती कर देती हैं। जैसे सन्देश भंडराव के लिए स्मृति कोष (RAM) में कम स्थान प्रदान करती है और मेल एकीकरण की सुविधा नहीं देती है। hot mail, com, yahoo. com. rediffmail.com, Aol. com और Lycos. com ऐसे साइड हैं जो निःशुल्क ई-मेल सम्प्रेषण की सुविधाएं प्रदान करती हैं, जो किन्हीं कारणों से अपने E-mail पते निरन्तर बदलते रहते हैं उनके लिए डाक विभाग की तरह से ई-मेल में भी ऐसी सुविधाएं हैं कि जिसमें पुराने पते पर आई हुई डाक नए पते पर भेज दी जाए। यह सुविधा प्राप्त करने के लिए इण्टरनेट पर एक मेल सेवा (Forwarding mail service) की वेब ठिकाने पर जाकर अपना विवरण देते हुए पुराना पता और कोई ई-मेल पता नहीं है और इण्टरनेट पर कभी-कभार ही जाते हैं, ऐसे व्यक्तियों को नेट पर उपलब्ध मेल सर्वर (mail server) पर जाकर वांछित ई-मेल पता ले लेना चाहिए। साइड पर पता लेने को खाता (Account) खोलना भी कहते हैं। इस कार्य के लिए निम्न वेब ठिकानों (web sites) का प्रयोग किया जा सकता है।

अपना ई-मेल खाता खोलने के लिए अपने व्यक्तिगत कम्प्यूटर को इण्टरनेट से जोड़ ले अथवा किसी इण्टरनेट कैफे में जाकर वहाँ के नेट से जुड़े कम्प्यूटर पर खोजक (Browser) में उस वेब ठिकाने को अंकित करें, जिसक ई-मेल सुविधा प्राप्त करना चाहते हैं। उदाहरण स्वरूप hot mail. com, yahoo. com, rediff.com, netjaal आदि में से कोई एक टापइ करें। उस कम्प्यूटर पर खुला खोजक (ब्राउजर) उस वेब ठिकाने का प्रयोगकर्त्ता के समक्ष उपस्थित कर देता है। उसमें ‘New user’ के विकल्प पर संकेतक (cursor) ले जाकर माउस क्लिक करने से ई-मेल खाता खोलने का आवेदन पत्र आ जाता है। इस आवेदन पत्र में पूछे गए कई ऐच्छिक एवं आवश्यक सूचनाओं को अंकित कर देने के बाद अपना दर्ज करने का नाम (Login) और वांछित कूट संकेत (Password) भरना होता है। यदि वह पता नहीं पहले से ही किसी उपयोग कर्ता द्वारा पंजीकृत है तो नया खाता नहीं खुलता है और वह साईट कुछ वैकल्पिक नामों की सूची दे देता है।

(800 शब्दों में )

About

The main objective of this website is to provide quality study material to all students (from 1st to 12th class of any board) irrespective of their background as our motto is “Education for Everyone”. It is also a very good platform for teachers who want to share their valuable knowledge.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *